Holika Dahan 2024 : होलिका दहन 24 मार्च दिन रविवार को है. होलिका दहन की अग्नि से आने वाले साल का भविष्य कैसे जाना जाता है. इस विषय पर विस्तृत जानकारी दे रहे हैं प्रसिद्ध (ज्योतिषाचार्य )गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा (अध्यक्ष )श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़
🔥फाल्गुन शुक्ल पक्ष की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को होलका दहन किया जाता है क्योंकि इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पक्ष 14 दिन रविवार दिनांक 24 मार्च 2024 को चतुर्दशी तिथि सुबह 09:55 पर ही समाप्त हो जाएगी एवं पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाएगी इसी दिन होलिका का दहन किया जाना शुभ माना जाएगा भद्रा में होलिका दहन करना वर्जित माना गया है लेकिन इस बार भद्रा रविवार 24मार्च सुबह 09:55 से फाल्गुन पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होते ही लग रही है जो 24 मार्च रविवार की रात्रि 11:12 पर यह भद्रा खत्म हो जाएगी
🌟होली का पर्व( होलिका दहन ) रंगवाली होली से 1 सॉय पहले होलिका दहन किया जाता है ,मान्यता है कि इस दौरान भविष्य का अंदाजालग जाता है होली को 2 दिन का त्योहार माना जाता है रंग खेलने से 1 सॉय पहले होलिका दहन करने की परंपरा है इसकी कथा भक्त प्रहलाद से जुड़ी है इस साल 2024 में होलिका दहन रविवार 24 मार्च 2024 की रात्रि को भद्रा काल खत्म होने के बाद रात्रि 11:12मिनट के बाद रात्रि 12:25 से सुबह 06:25तक चौराहों मोहल्लों और घरों वाली होलिका दहन किया जा सकता है होलिका दहन के समय सभी लोग एक जगह आकर आग में आहुति देते हैं होली का में कच्चे आम ,नारियल, सप्तधान्य ,चीनी के बने खिलौने ,नई फसल का कुछ भाग गेहूं ,चना और मसूर आदि की आहुति दी जाती है साथ ही रोग दोषो से निवृत्ति, सभी प्रकार सेसुख- समृद्धि बनी रहे और लाभ उन्नति की कामना भी की जाती है हिंदू पंचांग के अनुसार यह वर्ष का अंतिम प्रमुख त्योहार है जो आने वाले साल की सूचना भी देता है इसलिए ज्योतिष शास्त्र में भी होलिका दहन का बड़ा महत्व है यह फाल्गुन मास की पूर्णिमा को आता है मान्यता है किहोलिका की अग्नि से आने वाले साल का भविष्य भी जाना जाता है इसका अंदाजा आसानी से होलिका दहन की अग्नि से लगाया जा सकता है
🏵 शास्त्रों में कहा गया है कि होलिका दहन के समय हवा पूर्व दिशा से चले यानी पुरवइया चले तो यह बहुत ही अच्छा शुभ शगुन होता है पूर्व की दशा को देवी देवताओं की दशा कहा गया है माना जाता है इस साल भर खुशहाली भरा माहौल रहता है राजा प्रजा सभी को पूरे साल खुशहाली उन्नति रहती है *
🏵 अगर होलिका के समय दक्षिण दिशा की तरफ हवा चले तो अपशगुन नेस्ट सूचक मानी जाती है ऐसी मान्यता है कि इससेफसलों को नुकसान होता है गर्मीतेज पड़ती है वर्षा कम होती है महंगाई की मार पड़ी रहती है और राज्यकी सत्ता भंग होने के चांस बन जाते हैं जनता में असंतोष बढ़ जाता है , होलिका दहन के समय उत्तर की ओर से हवा चलने लगे
🏵️ यह बहुत ही शुभ माना जाता है उत्तर दिशा धन के स्वामी कुबेर की दिशा है इस दिशा को धन की दिशा भी कहते हैं माना जाता है कि इससे पूरे साल आर्थिक क्षेत्र में उन्नति बढ़ेगी धन वैभव सुख समृद्धि रहेगी
🏵 होलिका दहन के समय अग्नि का धुआं सीधा आकाश की ओर जाने लगे तो यह बदलाव का सूचक है यह संकेत है कि जिस व्यक्ति और शासक का वर्चस्व समाज घर पर और राजनीति में है उसकी सत्ता जाने वाली है नई सत्ता और नई सरकार आने वाली है 🏵 पश्चिम दिशा से होलिका दहन के समय हवा चलने लगे तो यह भी अच्छा शगुन नहीं होता माना जाता है कि इसकी वजह से कृषि के क्षेत्र में खलिहान के क्षेत्र में बहुत हानि होती है उद्योग धंधे चौपट हो जाती हैं बाजारों में भुखमरी फैलने लगती है
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🌺प्रसिद्ध (ज्योतिषाचार्य ) परमपूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा (अध्यक्ष )श्री गुरु ज्योतिषशोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी WhatsApp नंबर9756402981,7500048250