Skip to content

The Xpress News

  • Home
  • धर्म अध्यात्म
  • Health
  • Blog
  • Toggle search form
  • रामोत्सव 2024
    रामोत्सव 2024 : उपेक्षित अयोध्या के दिन गये, यह भाग्योदय वाली श्रीराम की नगरी है धर्म अध्यात्म
  • Child Helpline News : प्रदेश में चाइल्ड हेल्पलाइन की 18 नई यूनिट शुरू करेगी योगी सरकार UP Government News
  • इज्जतनगर रेलवे स्टेशन पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने श्रमदान कर स्वच्छता की अलख जगाई Railway
  • Rain in Kanpur
    Rain in Kanpur : बारिश ने बिगाड़ा कानपुर का मिजाज General
  • Kannauj Railway Station
    कन्नौज रेलवे स्टेशन आधुनिक सुख-सुविधाओं से युक्त किया जायेगा Blog
  • World Cup-2023
    World Cup-2023 : दक्षिण अफ्रीका के कप्तान अचानक लौटे स्वदेश, फैंस कर रहे दुआएं Sports
  • Badminton Competition
    Badminton Competition : अंतर विद्यालय बैडमिंटन प्रतियोगिता में जय नारायण विद्या मंदिर बना चैंपियन Sports
  • Hariyali Teej
    Hariyali Teej 2025 : हरियाली तीज 27 को, जानें इस त्योहार में क्या होता है खास धर्म अध्यात्म
Hariyali Teej

Shitala Shashthi 2024 : शीतला षष्ठी व्रत से पुत्र और सौभाग्य की प्राप्ति होती है

Posted on February 9, 2024 By Manish Srivastava No Comments on Shitala Shashthi 2024 : शीतला षष्ठी व्रत से पुत्र और सौभाग्य की प्राप्ति होती है

अलीगढ़ (Shitala Shashthi 2024) : शीतला षष्ठी 15 फरवरी गुरुवार को है। व्रत विधान एवं फल के विषय में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा जी।

शीतला षष्ठी व्रत का पालन महिलाएं करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से दैहिक और दैविक ताप से मुक्ति मिलती है। साथ ही यह व्रत पुत्र प्रदान करने वाला और सौभाग्य देने वाला होता है। जो महिलाएं पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखती हैं उनके लिए ये व्रत उत्तम कहा गया है। साथ ही इस व्रत को करने से मन शीतल रहता है। इसके अलावा चेचक से भी मुक्ति मिलती है।

🏵️व्रत विधि
〰️〰️〰️
शीतला षष्ठी व्रत के दिन व्रत रखने वालों को जल्दी उठाना चाहिए। इसके बाद ठंडे पानी से नहाकर शीतला माता की पूजा करें। इस दिन गर्म खाद्य-पदार्थ का सेवन नहीं किया जाता है। साथ ही गर्म पानी से स्नान करना भी वर्जित है। इसलिए इसका ध्यान रखें।

शीतला षष्ठी के दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। इस दिन चूल्हे का पूजन किया जाता है। पूजा के लिए सभी नैवेद्य या भोग एक दिन पहले ही बना लेना चाहिए। लकड़ी के पटरे या चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर, उस पर शीतला माता की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें।

स्वयं आसन पर बैठकर सर्वप्रथम
निम्नलिखित संकल्प करना चाहिए इसके बाद शीतला माता के चरणों को धोने के लिए जल अर्पित करें तदुपरान्त आचमन करने के लिए जल अर्पित करें और अन्त में स्नान लिए जल अर्पित करें।सामान्य मन्त्रोच्चारण के साथ वस्त्र अर्पित करें🔷 ‘इदं वस्त्र समर्पयामि, ॐ श्रीं शीतलायै नमः’ इसके बाद चंदन और अक्षत का तिलक अर्पित करें। फिर पुष्प और पुष्पमाला अर्पित करें। इसके बाद शीतला माता को धूप-दीप दिखाएँ। भोग में जो बासा कल रात बनाया हो उस भोजन का भोग अर्पित करें। इसके बाद शीतला षष्ठी व्रत की कथा सुनें-सुनाएँ। कथा के बाद शीतला माता की आरती करें। पूजा के बाद दोनों हाथ जोड़कर शीतला माता से क्षमा प्रार्थना करते हुए कहें🔷

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वरि॥
मन्त्रहीन क्रियाहींन भक्तिहीनं सुरेश्वरि।
यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे॥




🌻शीतला षष्ठी व्रत कथा
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
पौराणिक काल की बात है एक गांव में एक वृद्ध ब्राह्मण दम्पति रहते थे। उनके सात पुत्र और पुत्रवधु थी, किन्तु दुर्भाग्यवश सभी पुत्र नि:संतान थे। एक वृद्धा ने उस ब्राह्मणी को कहा कि वे अपने सभी पुत्रवधुओं सहित शीतला माता का षष्ठी व्रत करें। उस वृद्धा की बात मानकर ब्राह्मणी ने अपनी सभी पुत्रवधुओं सहित शीतला माता का षष्ठी व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से उसकी सभी पुत्रवधुओं को संतान का सुख प्राप्त हुआ। भूलवश एक बार ब्राह्मणी तथा उसकी बहुओं ने शीतला व्रत विधि के विपरीत गर्म जल से स्नान कर लिया तथा आग जलाकर व्रत के दिन भोजन बनाकर भोजन कर लिया। इससे शीतला माता रूष्ठ हो गईं और उसी रात ब्राह्मणी ने भयानक स्वप्न देखा और उसकी आँख खुल गई। जागने पर उसने देखा कि उसके परिवार के सभी सदस्य मृत हो चुके हैं।

यह देखकर ब्राह्मणी विलाप करने लगी। उसके विलाप को सुनकर पास पड़ोस के लोग इकट्ठे हो गए और उन्होंने उस ब्राह्मणी को कहा कि यह सब शीतला माता का प्रकोप है क्योंकि तुमने शीताला षष्ठी के व्रत में गर्म जल से स्नान तथा गर्म भोजन कर व्रत भंग किया है। यह सुनकर वह रोती हुई घने वन की ओर जाने लगी। रास्ते में उसे एक बुढ़िया दिखाई पड़ी, वह बुढ़िया अग्नि की ज्वाला में तड़प रही थी।

बुढ़िया ने ब्राह्मणी से कहा कि इस जलन को दूर करने के लिए उसके शरीर पर दही का लेप करें। तब उस ब्राह्मणी ने कहीं से दही लाकर बुढ़िया के शरीर पर लगाया जिससे उस बुढ़िया की जलन समाप्त हो गई। तब उस ब्राह्मणी ने उस बुढ़िया रूपी माता से अपने भूल की क्षमा मांगी और अपने परिवार को पुन: जीवित करने की याचना की।

शीतला माता उस ब्राह्मणी का पश्चाताप देखकर उससे कहा कि वह अपने घर जाए और परिवार के सभी सदस्य पर दही का लेप करे। ब्राह्मणी ने वैसा ही किया। शीतला माता की कृपा से ब्राह्मणी के परिवार के सभी सदस्य जीवित हो गए। उस दिन से ही इस व्रत को संतान की प्राप्ति तथा दीर्घायु के लिए किया जाता है।




♦️|| दोहा ||♦️

जय जय माता शीतला तुमही धरे जो ध्यान।
होय बिमल शीतल हृदय विकसे बुद्धी बल ज्ञान ॥

घट घट वासी शीतला शीतल प्रभा तुम्हार।
शीतल छैंय्या शीतल मैंय्या पल ना दार ॥

🌺माता शीतला जी की आरती
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता
आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता | जय

रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता,
ऋद्धिसिद्धि चंवर डोलावें, जगमग छवि छाता | जय

विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता,
वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता | जय

इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा,
सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता | जय

घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता,
करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता | जय

ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता,
भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता | जय

जो भी ध्यान लगावैं प्रेम भक्ति लाता,
सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता | जय

रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता,
कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता | जय

बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता,
ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता | जय

शीतल करती जननी तुही है जग त्राता,
उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता | जय

दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता,
भक्ति आपनी दीजै और न कुछ भाता | जय

🏵️प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार वाले पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी वाट्सएप नंबर.9756402981,7500048250

धर्म अध्यात्म Tags:Shitala Shashthi 2024, माता शीतला का दोहा, माता शीतला जी की आरती, शीतला षष्ठी व्रत कथा

Post navigation

Previous Post: चौधरी चरण सिंह सच्चे अर्थों में लोकतंत्र के साधक : योगी आदित्यनाथ
Next Post: Magh Gupta Navratri : माघ गुप्त नवरात्रि 10 से 18 फरवरी तक, जानें पूजा विधि कथा व मुहूर्त

Related Posts

  • Makar Sankranti 2025
    Makar Sankranti 2025 : 58 दिन बाणों की शैया पर बिताने के बाद मकर संक्राति को भीष्म पितामह ने त्यागे थे प्राण धर्म अध्यात्म
  • Hartalika Teej
    Ganga Dussehra 2024 : हिन्दू धर्म मे माँ गंगा के पृथ्वी पर अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है गंगा दशहरा धर्म अध्यात्म
  • Hartalika Teej
    Shri Krishna Janmashtami : श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत करने से मिलेंगे 5 विशेष शुभ आशीर्वाद धर्म अध्यात्म
  • Raksha Bandhan
    Raksha Bandhan 2025 : रक्षा बंधन और भाई दूज में क्‍या है अंतर, जानें प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन जी से धर्म अध्यात्म
  • Mahashivaratri 2025
    Narad Jayanti : ब्रह्माण्ड के प्रथम संवाददाता की महर्षि नारद जयन्ती 25 मई को धर्म अध्यात्म
  • मकर संक्रांति
    Holi ka Shubh Muhort :होली की स्थापना एवं पूजन का शुभ मुहूर्त धर्म अध्यात्म

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • समीक्षा अधिकारी सहायक समीक्षा
    समीक्षा अधिकारी सहायक समीक्षा परीक्षा निरस्त करने के सीएम योगी के ऐलान पर छात्रों का जगह -जगह जश्न Education
  • ICC Sourav Ganguly
    ICC Sourav Ganguly : गांगुली को फिर आईसीसी पुरुष क्रिकेट समिति का अध्यक्ष चुना गया Sports
  • (Kanpur Table Tennis Tournament )
    Kanpur Table Tennis Tournament : दक्ष खंडेलवाल बने सरताज, जीता तिहरा खिताब Sports
  • फिटनेस मॉडलिंग को नई “दिशा” दे रही हैं अहाना मिश्रा Sports
  • 23वीं उत्तर प्रदेश जूनियर एथलेटिक्स मीट 2025 के लिए कानपुर नगर टीम का चयन आज Sports
  • Railway
    Railway : कानपुर लोको शाखा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने ग्रहण की NCRES की सदस्यता Railway
  • Hartalika Teej
    Chaitra Navratri Shailputri : माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप श्री शैलपुत्री जी का जानें महत्व एवं पूजा विधि धर्म अध्यात्म
  • CSJMU badminton team
    सीएसजेएमयू बैडमिंटन टीम में कानपुर के 5 खिलाड़ी चयनित, Five players from Kanpur selected in CSJMU badminton team Sports

Copyright © 2025 .

Powered by PressBook News WordPress theme