अलीगढ़ : आखिरकार भगवान श्री कृष्ण का नाम लड्डू गोपाल (लल्ला) कैसे पड़ा तो आइए आज आपको इस विषय पर विस्तृत जानकारी दे रहे हैं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,8272809774
🏵भगवान श्रीकृष्ण के कई नाम हैं, श्याम, मोहन, बंसीधर, कान्हा और न जाने कितने, लेकिन इनमें से एक प्रसिद्ध नाम है लड्डू गोपाल(लल्ला)
🔥क्या आपको पता है भगवान कृष्ण का नाम लड्डू गोपाल क्यों पड़ा
🌟ब्रज भूमि में बहुत समय पहले श्रीकृष्ण के परम भक्त रहते थे.. कुम्भनदास जी ।उनका एक पुत्र था रघुनंदन
🌺कुंम्भनदास जी के पास बाँसुरी बजाते हुए श्रीकृष्ण जी का एक विग्रह था, वे हर समय प्रभु भक्ति में लीन रहते और पूरे नियम से श्रीकृष्ण की सेवा करते
🌸वे उन्हें छोड़ कर कहीं नहीं जाते थे, जिससे उनकी सेवा में कोई विघ्न ना हो
🌻एक दिन वृन्दावन से उनके लिए भागवत कथा करने का न्योता आया
💥पहले तो उन्होंने मना किया, परन्तु लोगों के ज़ोर देने पर वे जाने के लिए तैयार हो गए कि भगवान की सेवा की तैयारी करके वे कथा करके रोज वापिस लौट आया करेंगे व भगवान का सेवा नियम भी नहीं छूटेगा
⭐अपने पुत्र को उन्होंने समझा दिया कि भोग मैंने बना दिया है, तुम ठाकुर जी को समय पर भोग लगा देना और वे चले गए
🌷रघुनंदन ने भोजन की थाली ठाकुर जी के सामने रखी और सरल मन से आग्रह किया कि ठाकुर जी आओ भोग लगाओ
🍁उसके बाल मन में यह छवि थी कि वे आकर अपने हाथों से भोजन करेगें जैसे हम खाते हैं
🏵उसने बार-बार आग्रह किया, लेकिन भोजन तो वैसे ही रखा था.. अब उदास हो गया और रोते हुए पुकारा की ठाकुरजी आओ भोग लगाओ
🔥ठाकुरजी ने बालक का रूप धारण किया और भोजन करने बैठ गए और रघुनंदन भी प्रसन्न हो गया
🌸रात को कुंम्भनदास जी ने लौट कर पूछा कि भोग लगाया था बेटा, तो रघुनंदन ने कहा हाँ। उन्होंने प्रसाद मांगा तो पुत्र ने कहा कि ठाकुरजी ने सारा भोजन खा लिया
🌺उन्होंने सोचा बच्चे को भूख लगी होगी तो उसने ही खुद खा लिया होगा। अब तो ये रोज का नियम हो गया कि कुंम्भनदास जी भोजन की थाली लगाकर जाते और रघुनंदन ठाकुरजी को भोग लगाते
🌻जब प्रसाद मांगते तो एक ही जवाब मिलता कि सारा भोजन उन्होंने खा लिया।कुंम्भनदास जी को अब लगने लगा कि पुत्र झूठ बोलने लगा है
🌹लेकिन क्यों.. ?? उन्होंने उस दिन लड्डू बनाकर थाली में सजा दिये और छुप कर देखने लगे कि बच्चा क्या करता है
💥 रघुनंदन ने रोज की तरह ही ठाकुरजी को पुकारा तो ठाकुरजी बालक के रूप में प्रकट हो कर लड्डू खाने लगे
🌟यह देख कर कुंम्भनदास जी दौड़ते हुए आये और प्रभु के चरणों में गिरकर विनती करने लगे
🌷उस समय ठाकुरजी के एक हाथ मे लड्डू और दूसरे हाथ का लड्डू मुख में जाने को ही था कि वे जड़ हो गये
🍁 उसके बाद से उनकी इसी रूप में पूजा की जाती है और वे ‘लड्डू गोपाल’ कहलाये जाने लगे
🙏बोलिये लड्डू गोपाल की जय हो
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🌞नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की
नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की
ब्रज में आनंद भयो जय यशोदा लाल की
नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो जय हो नन्द लाल की
गोकुल में आनंद भयो जय कन्हैया लाल की
जय यशोदा लाल की जय हो नन्द लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी जय कन्हैया लाल की
जय हो नन्द लाल की जय यशोदा लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो जय कन्हैया लाल की
हे कोटि ब्रह्माण्ड के अधिपति लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी जय कन्हैया लाल की
हे गौऐं चराने आये जय हो पशुपाल की
नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की
आनंद से बोलो सब जय हो ब्रज लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी जय कन्हैया लाल की
जय हो ब्रज लाल की
पावन प्रतिपाल की
हे नन्द के आनंद भयो
जय हो नन्द लाल की
🏵प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदयरंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,8272809774