- श्राद्ध पक्ष विशेष 29 सितंबर से 14अक्टूबर 2023
अलीगढ़: श्राद्ध पक्ष (Shradh 2023 ) 29 सितंबर से 14 अक्टूबर 2023 तक रहेगा। पितृ पक्ष के विशेष दिन, जानिए किस दिन

किसका श्राद्ध करना चाहिए। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परमपूज्य गुरुदेव पंडित ह्रदय रंजन शर्मा (अध्यक्ष) श्री ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ आपको इस विषय पर संपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।
🌷हिंदू धर्म में श्राद्ध को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। हर वर्ष आश्विन मास की कृष्ण पक्ष में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म किया जाता है। श्राद्ध के कुल 16 दिन माने गए हैं और इन 16 दिनों में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है। अगर आपने किसी कारणवश अपने परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के उपरांत उसका श्राद्ध नहीं कर पाए हैं, तो आप पितृ पक्ष के 16 दिनों में उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध के कर्म पूरे कर सकते हैं। इस बार पूर्णिमा और पड़वा का श्राद्घ 29 सितंबर शुक्रवार को होगा। बाकी सभी श्राद्ध अपनी सही तिथि पर ही होंगे।
♦️ पूर्णिमा का श्राद्ध
🍁 29 सितंबर पूर्णिमा तिथि दोपहर 03ः27 तक रहेगी। इस दिन पितृ पक्ष का प्रथम श्राद्ध है। इस पूर्णिमा तिथि पर उन मृत जनों का श्राद्ध किया जाता चाहिए, जिनकी मृत्यु पूर्णिमा तिथि को हुई थी।
♦️ पड़वा पहला श्राद्ध
🍁 29 सितंबर पड़वा दोपहर 12ः21 तक रहेगी। इस दिन मृत व्यक्तियों का श्राद्ध किया जाना चाहिए, जिनकी मृत्यु पड़वा तिथि को हुई है।
♦दूसरा श्राद्ध
🍁 पितृपक्ष में दूसरा श्राद्ध 30 अक्टूबर को है। इस दिन उन व्यक्तियों का श्राद्ध किया जाना चाहिए, जिनकी मृत्यु द्वितीय तिथि को हुई है। नाना-नानी का श्राद्ध भी इस दिन किया जा सकता है।
♦तीसरा श्राद्ध
🍁पितृ पक्ष में तीसरा श्राद्ध 01 अक्टूबर को है। इस दिन द्वितीय तिथि को मृत्यु को प्राप्त होने वाले व्यक्तियों का श्राद्ध कर्म किया जाता है।
♦चैथा श्राद्ध
🍁पितृपक्ष में चैथा श्राद्ध 02 अक्टूबर को है। इसे तृतीय श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन तृतीय तिथि पर मृत्यु को प्राप्त हुए परिजनों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है।
♦पांचवा श्राद्ध
🍁पितृपक्ष में पांचवा श्राद्ध 03 अक्टूबर को है। अगर आपके परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु चतुर्थी तिथि को हुई है, तो आप उनका श्राद्ध कर्म इस तिथि पर कर सकते हैं।
♦छठा श्राद्ध
🍁 पितृ पक्ष में छठा श्राद्ध 04 अक्टूबर को है। इस दिन जो पंचमी तिथि को मृत्यु को प्राप्त हुए हैं, उनके लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है। जो लोग कुंवारे मृत्यु को प्राप्त हुए हैं, उनका भी इस दिन श्राद्ध किया जा सकता है।
♦सातवां श्राद्ध
🍁पितृ पक्ष में सातवां श्राद्ध 05 अक्टूबर को है। इस दिन षष्टी तिथि पर मृत्यु को प्राप्त हुए व्यक्तियों का श्राद्ध कर्म किया जाता है।
♦आठवां श्राद्ध
🍁पितृ पक्ष में आठवां श्राद्ध 06 अक्टूबर को है। इस दिन सप्तमी तिथि पर मृत्यु को प्राप्त व्यक्तियों का श्राद्ध कर्म किया जाता है।
♦नौवा श्राद्ध
🍁 पितृ पक्ष में नौवा श्राद्ध 07 अक्टूबर को है। इस दिन अष्टमी तिथि पर पूर्वजों का श्राद्ध करने का विधान माना गया है।
♦दसवां श्राद्ध
🍁 पितृ पक्ष में दसवां श्राद्ध 08 अक्टूबर को है। इस दिन आप माता और परिवार की सभी स्त्रियों का श्राद्ध कर सकते हैं। इस तिथि को मातृ नवमी श्राद्ध भी कहा जाता है।
♦ग्यारहवां श्राद्ध
🍁 पितृपक्ष में 09 अक्टूबर को उन व्यक्तियों का श्राद्ध कर्म किया जाता है, जो दशमी तिथि पर मृत्यु को प्राप्त हुए हैं।
♦बारहवां श्राद्ध
🍁 एकादशी तिथि 10 अक्टूबर को उन पूर्वजों का श्राद्ध कर्म किया जाता है, जो एकादशी तिथि पर मृत्यु को प्राप्त हुए हैं।
♦तेरहवां श्राद्ध
🍁 11 अक्टूबर द्वादशी तिथि को उन व्यक्तियों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु द्वादश तिथि को हुई है।
♦चैदहवां श्राद्ध
🍁 12अक्टूबर त्रयोदशी तिथि को उन व्यक्तियों का श्राद्ध कर्म किया जाता है, जो त्रयोदशी तिथि को मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। घर के मृत बच्चों का श्राद्ध करने के लिए यह दिन शुभ माना गया है।
♦पंद्रहवा श्राद्ध
🍁 13 अक्टूबर को उन व्यक्तियों का श्राद्ध किया जाता है जिन व्यक्तियों की जान किसी धारदार हथियार से ली गई हो या विष, जलाग्नि, चोट, सर्पदंश आदि से मृत्यु हुई हो।
♦सोलहवां श्राद्ध
🍁 14 अक्टूबर. अमावस्या तिथि को सर्व पितृ अमावस्या भी कहा जाता है (भूले बिछुडो का श्राद्ध)। अगर अपने पूर्वजों की मृत्यु की तारीख नहीं मालूम है तो आप इस दिन उन मृत पूर्वजों का श्राद्ध कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त अमावस्या पूर्णिमा और चतुर्दशी तिथि को मृत्यु को प्राप्त होने वाले व्यक्तियों का भी श्राद्ध किया जा सकता है।
🌺 उपरोक्त जो हमने आपको पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म के बारे में बताया है। इस प्रकार आप अपने मृत परिजनों को प्रसन्न करके उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं इन तिथियों के अनुसार श्राद्ध कर्म किया जा सकता है।
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प्रसिद्ध (ज्योतिषाचार्य) गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरू रत्न भण्डार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजारअलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250