- न्यायाधीश (दंडाधिकारी) शनि देव की राशि कुंभ में लगेगा संपूर्ण भारत में दृश्य ( दिखने वाला lunar eclipse) खग्रासचंद्र ग्रहण
Aligarh : 07 सितंबर 2025 भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा दिन रविवार को भारतीय समय अनुसार इसका विरल छाया में प्रवेश रात्रि 8:58 से ,स्पर्श रात्रि 9:57 मिनट से , सम्मिलन रात्रि 11:01 पर, रात्रि 11:42 पर उन्मिलन रात्रि 11:30 पर, मोक्ष रात्रि 1:27 पर होगा, विरल छाया निर्गम02: 25 मिनट पर होगा 07 सितंबर पूर्णिमा वाले दिन होने वाला खग्रास चंद्र ग्रहण lunar eclipse संपूर्ण भारतवर्ष में दिखाई देगा भारत के सभी शहरों व गांव से इसका प्रारंभ मध्य तथा मोक्ष स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा यह दक्षिण पश्चिम की ओर से ग्रसित होकर उत्तर पूर्व की और मोक्ष को प्राप्त होगा 07 सितंबर को भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में खग्रास चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा इस दुर्लभ घटना के दौरान चंद्रमा लाल और तांबे के रंग में चमकते हुए एक आकर्षक स्थिति में दिखाई देगा इसे ब्लड़ मून कहा जाता है
भारत में चंद्र ग्रहण का समय
चंद्र ग्रहण का विरल छाया में प्रवेश रात्रि 8:58 पर स्पर्श रात्रि 9:57 मिनट पर
चंद्र ग्रहण में खग्रास प्रारंभ सम्मिलन रात्रि 11:01 से
खग्रास चंद्रग्रहण में ग्रहण का मध्य रात्रि 11:42 पर
चंद्रग्रहण में खग्रास का समय उन्मीलन रात्रि 12:30 से
खग्रास चंद्र ग्रहण का मोक्ष रात्रि 1:27 पर विरल छाया निर्गम रात्रि 2:25 पर होगा
कुल समय खग्रास चंद्र ग्रहण का कुल समय03 घंटा 30 मिनट तक
इस ग्रहण को भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश ,भूटान, श्रीलंका, पाकिस्तान ,अफगानिस्तान, ईरान, ईराक, तुर्की, इसराइल सऊदी अरब, समेत पूरामिडल ईस्ट, जिंबॉब्वे, अंगोला, अल्जीरिया ,मिश्र, सूडान, समेत पूर्वी अफ्रीका प्रायद्वीप, यूक्रेन ,फ्रांस ,जर्मन, पोलैंड, ब्रिटेन ,ग्रीस ,नॉर्वे ,स्वीडन, समेत पूरे यूरोप रूस, कजाकिस्तान ,म्यांमार, बैंकाक, मलेशिया, फिलीपींस ,ऑस्ट्रेलिया, फिजी, चीन आदि पूर्वी देशों से केवल उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका को छोड़कर अन्य सभी देशों में देखा जा सकेगा
सूतक – चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है अतःखग्रास चंद्र ग्रहण का सूतक भारतीय समयानुसार -दोपहर 12:57 से प्रारंभ हो जाएंगे सूतकों में बाल व्रत रोगी व आसक्त जनों को छोड़कर हम सभी किसी भी व्यक्ति को भोजन शयनादि नहीं करना चाहिए अरनाल दूध दही मट्ठा तेल घी में पकाया हुआ अन्न (नानाप्रकार के मिष्ठान और माणिक (जल कलश) का जल यह राहु सानिध्य ग्रहण के सूतकों में दूषित नहीं होते इस बार यह ग्रहण पूर्वाभाद्र नक्षत्र और कुंभ राशि में पढ़ रहा है जिस पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है अतः इसमें जन्म लेने वाले जातकों पर यह भारी कठिन होता है इस राशि वाले व्यक्तियों को ग्रहण का दर्शन करना अत्यंत पीड़ा दायक होगा इसके लिए यथाशक्ति दान पुण्य पूजा अर्चना करना गुरु मन्त्रों का जाप हवन यज्ञ अपने इष्ट देव की आराधना करनाअत्यंत शुभ माना जाता है इस ग्रहण का दुष्प्रभाव उड़ीसा बंगाल असम बिहार सौराष्ट्र गुजरात पश्चिमी देश संभाग पर्वतीय विशेष वाला संभाग तथा महापुरुष उच्च पद आसीन लोग,उच्च अधिकारी, उच्च उद्योगपति, धनिक ,श्रीमंत विशेष एवं ट्रक व्यवसाय से संबंधित लोग, फिल्म निर्माता, अधिनायक तथा हिंसक आतंकी लोगों को कष्ट कारक माना जाएगा, वस्तु पदार्थ दृष्टि से तरल की द्रव्य पदार्थ में तेजी का गतिमान एवं कार्य व्यवसाय में लाभदायक बनेगा तथा सुगंधी पदार्थ इत्र, सेंट, पाउडर आदि सुगंधी शारीरिक साज सज्जा के सामान लाल पीले रंग की वस्तुओं के भाव में तेजी चना ,हल्दी, सोना ,सरसों ,लाल मिर्च , आदि कार्य व्यवसाय में लाभ की स्थिति बढ़ेगी
जिन माता बहनों के गर्भ में शिशु पल रहे हैं (पेट से है) उन्हें विशेष ध्यान रखना होगा उन्हें किसी भी फल ,साग सब्जी या कपड़े की काट-पीट से बचाना है वह चाकू छुरी कैंची यह किसी भी धारदार हथियार का उपयोग न करें वह अपने पति के स्पर्श से दूर रहें सूतक काल से लेकर जब तक ग्रहण पडे़ माताएं बहने ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए गेरू को पानी में घोलकर अपने हाथ और पैरों के नाखूनों पर लगाए सर के पल्लू को गेरू से रंग दे उससे अपने सिर को ढके , थोड़ा सा गेरू अपने मुंह में पानी के साथ निकलने से ग्रहण का प्रभाव गर्भवती माता बहनों पर और गर्भस्थ शिशु पर नहीं पड़ेगा
विशेष बात 07 सितंबर 2015 दिन रविवार को पढ़ने वाले खग्रास चंद्र ग्रहण की वजह से पूर्णिमा व्रत करने वाले व्रती लोग केवल दोपहर 12:40 तक पूजा कर सकते हैं व्रत कथा पढ़ सकते हैं परंतु व्रत नहीं रख सकते क्योंकि पूर्णिमा व्रत ग्रहण के कारण से खंडित माना जाएगा इसी दिन से महालया श्राद्ध पक्ष प्रारंभ हो रहा है तो जिन लोगों को पूर्णिमा का श्राद्ध अपने यहां करना है उन्हें दोपहर 12:40 से पहले अपना श्रद्धा कार्य पूरा कर लेना चाहिए इसके बाद में खग्रास चंद्रग्रहण के कारण पूर्णिमा का श्रद्धा मान्य नहीं होगा इस बार ग्रहण में पंचक में मान्य रहेंगे इस बार पंचक 6 सितंबर दिवाकाल 11:21 से प्रारंभ हो जाएंगे जो 10 सितंबर सांयकाल 4:30 तक मान्य होंगे
सभी राशियों पर प्रभाव
मेष स्वास्थ्य हानि चिंता भयबना रहेगा
वृष चिंता मानसिक तनाव घरेलू क्लेश से बचें
मिथुन हर काम सफलता उन्नति लाभ
कर्क अचानक धन संपत्ति व्यापारिक लाभ
सिंह व्यवसाय में बहुत व्यवधान घरेलू तनाव धनहानी
कन्या शारीरिक कष्ट मानसिक तनाव धनहानी
तुला व्यर्थ के दिखावे अधिक धन खर्च से बचें धोखा संभव है
वृश्चिक राजनीतिक लाभ पद प्रतिष्ठा में लाभ उन्नति दायक
धनु धार्मिक यात्राएं धन लाभ मान सम्मान में वृद्धि कारक
मकर घरेलू टेंशन पारिवारिक विवाद दुर्घटना से बचे
कुंभ किसी विशिष्ट व्यक्ति से धोखा मूड खराब रहना मानसिक तनाव धन हानि से बचाना
मीन हर प्रकार की सुख सुविधा मान सम्मान कारक
दान-पुण्य -ग्रहण के पश्चात आप सभी लोग यथासंभव किसी भी प्रकार का दान पुण्य कर सकते हैं ग्रहण के पश्चात गंगा स्नान करना अति उत्तम माना जाता हैअगर आप गंगा स्नान करने ना जा पाए तो नहाने वाले जल में गंगाजल मिलकर घर पर ही गंगा स्नान कर सकते हैं गंगाजल घर में छिडकर भगवान जी को स्नान कराये शुद्ध करने के पश्चात ही दान पुण्य करें तत्पश्चात भोजन इत्यादि करना शुभ माना जाएगा
🌞प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार वाले पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी .9756402981,7500048250