Skip to content

The Xpress News

  • Home
  • धर्म अध्यात्म
  • Health
  • Blog
  • Toggle search form
  • बेस्ट मेकअप गुरु अवार्ड
    बेस्ट मेकअप गुरु अवार्ड से सम्मानित इंटरनेशनल सेलिब्रिटी मेकअप एक्सपर्ट प्रीति रंजन Motivation
  • भड्डली नवमी
    भड्डली नवमी, देवशयनी से पहले इस साहलक का अंतिम अबूझ विवाह मुहूर्त जानें पं. हृदय रंजन शर्मा जी से धर्म अध्यात्म
  • State Bodybuilding Championship
    State Bodybuilding Championship : सलमान, विकास, दिशा और सलोनी ने जीते पदक Sports
  • एक सप्ताह के अंदर मिलेंगे आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र UP Government News
  • दमदार प्रदर्शन करके लखनऊ के खिलाड़ियों ने बाजी मारी Sports
  • नवनीत कौर
    नवनीत कौर ने बुलंद हौसलों से जिंदगी और कॅरियर को संभाला Sports
  • Pandit Deendayal Upadhyay
    Pandit Deendayal Upadhyay के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं General
  • Basant Panchami 2024
    शास्त्रों के अनुसार किस-किस व्यक्ति को है श्राद्ध करने का अधिकार धर्म अध्यात्म
Shravan month special

Shri Kaal Bhairav Ashtami : काल भैरव की पूजा से नहीं सताता भय

Posted on December 4, 2023December 4, 2023 By Manish Srivastava No Comments on Shri Kaal Bhairav Ashtami : काल भैरव की पूजा से नहीं सताता भय

श्री काल भैरव अष्टमी. 5 दिसम्बर 2023 दिन मंगलवार विशेष भगवान शिव के अवतार कलयुग के जाग्रत देवता महाराज काल भैरव नाथ के विषय में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250

Kaal Bhairav Ashtami
Kaal Bhairav Ashtami

🌺भैरवनाथ एक रहस्यमयी देवता

💥भैरव का अर्थ होता है भय का हरण कर जगत का भरण करने वाला। ऐसा भी कहा जाता है कि भैरव शब्द के तीन अक्षरों में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्ति समाहित है। भैरव शिव के गण और पार्वती के अनुचर माने जाते हैं। हिंदू देवताओं में भैरव का बहुत ही महत्व है। इन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है।

🍁भैरव उत्पत्ति : – उल्लेख है कि शिव के रूधिर से भैरव की उत्पत्ति हुई। बाद में उक्त रूधिर के दो भाग हो गए- पहला बटुक भैरव और दूसरा काल भैरव। मुख्‍यत: दो भैरवों की पूजा का प्रचलन है, एक काल भैरव और दूसरे बटुक भैरव। पुराणों में भगवान भैरव को असितांग, रुद्र, चंड, क्रोध, उन्मत्त, कपाली, भीषण और संहार नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव के पांचवें अवतार भैरव को भैरवनाथ भी कहा जाता है। नाथ सम्प्रदाय में इनकी पूजा का विशेष महत्व है।

🌸लोक देवता : – लोक जीवन में भगवान भैरव को भैरू महाराज, भैरू बाबा, मामा भैरव, नाना भैरव आदि नामों से जाना जाता है। कई समाज के ये कुल देवता हैं और इन्हें पूजने का प्रचलन भी भिन्न-भिन्न है, जो कि विधिवत न होकर स्थानीय परम्परा का हिस्सा है। यह भी उल्लेखनीय है कि भगवान भैरव किसी के शरीर में नहीं आते।

🏵पालिया महाराज : – सड़क के किनारे भैरू महाराज के नाम से ज्यादातर जो ओटले या स्थान बना रखे हैं दरअसल वे उन मृत आत्माओं के स्थान हैं जिनकी मृत्यु उक्त स्थान पर दुर्घटना या अन्य कारणों से हो गई है। ऐसे किसी स्थान का भगवान भैरव से कोई संबंध नहीं। उक्त स्थान पर मत्था टेकना मान्य नहीं है।




🔥भैरव मंदिर : – भैरव का प्रसिद्ध, प्राचीन और चमत्कारिक मंदिर उज्जैन और काशी में है। काल भैरव का उज्जैन में और बटुक भैरव का लखनऊ में मंदिर है। काशी विश्वनाथ मंदिर से भैरव मंदिर कोई डेढ़-दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दूसरा नई दिल्ली के विनय मार्ग पर नेहरू पार्क में बटुक भैरव का पांडवकालीन मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है। तीसरा उज्जैन के काल भैरव की प्रसिद्धि का कारण भी ऐतिहासिक और तांत्रिक है। नैनीताल के समीप घोड़ा खाड़ का बटुकभैरव मंदिर भी अत्यंत प्रसिद्ध है। यहां गोलू देवता के नाम से भैरव की प्रसिद्धि है। इसके अलावा शक्तिपीठों और उपपीठों के पास स्थित भैरव मंदिरों का महत्व माना गया है।

🌟काल भैरव : – काल भैरव का आविर्भाव मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी को प्रदोष काल में हुआ था। यह भगवान का साहसिक युवा रूप है। उक्त रूप की आराधना से शत्रु से मुक्ति, संकट, कोर्ट-कचहरी के मुकदमों में विजय की प्राप्ति होती है। व्यक्ति में साहस का संचार होता है। सभी तरह के भय से मुक्ति मिलती है। काल भैरव को शंकर का रुद्रावतार माना जाता है।

⭐काल भैरव की आराधना के लिए मंत्र है- ।। ॐ भैरवाय नम:।।

💥बटुक भैरव : – ‘बटुकाख्यस्य देवस्य भैरवस्य महात्मन:। ब्रह्मा विष्णु, महेशाधैर्वन्दित दयानिधे।।’
– अर्थात् ब्रह्मा, विष्णु, महेशादि देवों द्वारा वंदित बटुक नाम से प्रसिद्ध इन भैरव देव की उपासना कल्पवृक्ष के समान फलदायी है। बटुक भैरव भगवान का बाल रूप है। इन्हें आनंद भैरव भी कहते हैं। उक्त सौम्य स्वरूप की आराधना शीघ्र फलदायी है। यह कार्य में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।

🌻उक्त आराधना के लिए मंत्र है- ।।ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाचतु य कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ।।
🌻 ओम श्री बम बम बटुक भैरवाय नमः
🌺भैरव तंत्र : – योग में जिसे समाधि पद कहा गया है, भैरव तंत्र में भैरव पद या भैरवी पद प्राप्त करने के लिए भगवान शिव ने देवी के समक्ष 112 विधियों का उल्लेख किया है जिनके माध्यम से उक्त अवस्था को प्राप्त हुआ जा सकता है।

🍁भैरव आराधना से शनि शांत : – एकमात्र भैरव की आराधना से ही शनि का प्रकोप शांत होता है। आराधना का दिन रविवार और मंगलवार नियुक्त है। पुराणों के अनुसार भाद्रपद माह को भैरव पूजा के लिए अति उत्तम माना गया है। उक्त माह के रविवार को बड़ा रविवार मानते हुए व्रत रखते हैं। आराधना से पूर्व जान लें कि कुत्ते को कभी दुत्कारे नहीं बल्कि उसे भरपेट भोजन कराएं। जुआ, सट्टा, शराब, ब्याजखोरी, अनैतिक कृत्य आदि आदतों से दूर रहें। दांत और आंत साफ रखें। पवित्र होकर ही सात्विक आराधना करें। अपवि‍त्रता वर्जित है।

🔷भैरव चरित्र : – भैरव के चरित्र का भयावह चित्रण कर तथा घिनौनी तांत्रिक क्रियाएं कर लोगों में उनके प्रति एक डर और उपेक्षा का भाव भरने वाले तांत्रिकों और अन्य पूजकों को भगवान भैरव माफ करें। दरअसल भैरव वैसे नहीं है जैसा कि उनका चित्रण किया गया है। वे मांस और मदिरा से दूर रहने वाले शिव और दुर्गा के भक्त हैं। उनका चरित्र बहुत ही सौम्य, सात्विक और साहसिक है।

🌟उनका कार्य है शिव की नगरी काशी की सुरक्षा करना और समाज के अपराधियों को पकड़कर दंड के लिए प्रस्तुत करना। जैसे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जिसके पास जासूसी कुत्ता होता है। उक्त अधिकारी का जो कार्य होता है वही भगवान भैरव का कार्य है।

*🌸कहा जाता है काल भैरव शिव का रूप हैं और इनकी पूजा करने से आपको भय नहीं सताता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो काल भैरव आपकी रक्षा करते हैं। अगर आप शनि, राहु जैसे पापी ग्रहों की वजह से परेशान हैं, गरीबी आपका पीछा नहीं छोड़ रही है। किसी तरह की शारीरिक, आर्थिक और मानसिक समस्याओं से परेशान हैं तो आपको काल भैरव की प्रार्थना करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि काल भैरव से काल भी डरता है।

🌻भगवान शिव का रौद्र रूप काल भैरव हैं।

🌺शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव प्रकट हुए थे। इसलिए इसे काल भैरव अष्टमी भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति काल भैरव की पूजा-अर्चना करता है उसके पिछले जन्म और इस जन्म में किए गए जाने के पाप नष्ट हो जाते हैं। मृत्यु के बाद काल भैरव के भक्तों को भगवान शिव के पास जगह मिलती है। ऐसा भी माना जाता कि काल भैरव के भक्तों को शिवलोक में स्थान प्राप्त होता है। जिस व्यक्ति की मृत्यु काशी में होती है उसे यमदूत अपने साथ नहीं ले जाते। क्योंकि वहां पर यम का शासन नहीं चलता है।

⭐काल भैरव की पूजा करने वाले व्यक्ति पर कोई भूत, पिशाच हावी नहीं हो सकता। काल अष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा करने से वह प्रसन्न होते हैं। इन तरीकों से आप काल भैरव की पूजा कर सकते हैं।

♦काल भैरव अष्टमी के दिन रात के बारह बजे काल भैरव के मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उनको नीले रंग के फूल चढाएं।

♦ अगर आप अपनी किसी खास मनोकामना को पूरा करना चाहते है तो इसके लिए आज के दिन किसी पुराने काल भैरव के मंदिर में जाकर वहां की साफ़ सफाई करे और काल भैरव को सिंदूर और तेल का चोला चढ़ाएं।

♦ शनिवार के दिन रात में बारह बजे काल भैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही और गुड़ का भोग लगाए।

♦ आज के दिन अपने घर में काल भैरव यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से इसकी पूजा करे।




🔸गुप्त नवरात्रि के दिन आप काल भैरव की साधना करेंगे तो वह अधिक फलदायी होगी। कई बार ऐसा भी होता है कि यदि कोई साधक भगवान भैरव की साधना में अधिक लीन हो जाता है तो काल भैरव उस व्यक्ति के शरीर में भी प्रवेश कर जाते हैं। भगवान भैरव को अपने शरीर में बुलाने के लिए आयाहि भगवन रुद्रो भैरवः भैरवीपते। प्रसन्नोभव देवेश नमस्तुभ्यं कृपानिधि।। मंत्र का जाप करें। इसके बाद संकल्प किया जाता है कि मैं काल भैरव को अपने शरीर में लाने का प्रयोग कर रहा हूं। काल भैरव की अराधना करने के लिए यदि ये मंत्र जपे जाते हैं तो आपकी मनोकामना जल्द पूरी होगी और काल भैरव भी खुश होंगे।

🔹ॐ कालभैरवाय नमः।

🔹ॐ भयहरणं च भैरवः।

🔹ॐ हीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय हीं।

🔹ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः।

🔹ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्।

🔶काल भैरव की प्रार्थना करने के लिए आप उनके मंदिर में जाकर मदिरा, उड़द, दूध, दही, फूल आदि को चढ़ाकर भी बाबा भैरव को खुश किया जा सकता है। इसके अलावा किसी भी ऊपरी बाधा से आपको छुटकारा मिल सकता है!
🌞प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250

Blog

Post navigation

Previous Post: Kaal Bhairav Ashtami-23 : काल भैरव की इस तरह आराधना से दूर होंगे आपके सारे कष्ट
Next Post: डॉ. मधुलिका शुक्ला के इलाज से मरीजों के चेहरों पर आ रही है मुस्कान

Related Posts

  • मंडल रेल प्रबंधक, झाँसी द्वारा झाँसी – धौलपुर रेलखंड का निरीक्षण Blog
  • Shravan month special
    शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को, जानें विस्तार से Blog
  • Ayodhya
    Ayodhya : पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया नव्य अयोध्या धाम Blog
  • कुलदीप यादव का किया गया सम्मान Blog
  • UP Police Infrastructure Development
    UP Police Infrastructure Development : दंगाइयों के लिए काल है पीएसी : सीएम Blog
  • कानपुर बैडमिंटन अकादमी
    कानपुर बैडमिंटन अकादमी में खिलाड़ियों को मिली स्पॉन्सरशिप Blog

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Ayodhya
    Ayodhya :अयोध्या में अब सुग्रीव पथ बनवाएगी योगी सरकार धर्म अध्यात्म
  • Relation of Shiva and Shravan : भगवान शिव को आखिर इतना क्यों पसंद है श्रावण मास धर्म अध्यात्म
  • ब्रेस्ट में गांठ
    सही समय पर ब्रेस्ट में गांठ के इलाज से कैंसर से बचा जा सकता है : डॉ. मधुलिका शुक्ला Health
  • प्रीति रंजन
    प्रीति रंजन ने बिखेरा अब कानपुर में भी मेकअप का जलवा मनोरंजन
  • Eng vs NZ World Cup match
    Eng vs NZ World Cup match : न्यूजीलैंड ने किया इंग्लैंड के साथ खिलवाड़, नौ विकेट से हराया Sports
  • Shri Krishna Janmashtami
    Holika Dahan 2024 : होलिका दहन की अग्नि से जानें आने वाले साल का भविष्य धर्म अध्यात्म
  • ट्रेन हादसे
    गेटमैन बाबूलाल मीना और ट्रैकमेन्टेनर संजय कुमार ने बचाए ट्रेन हादसे, सम्मानित किया गया Railway
  • Kartik Purnima
    Shravan month special : भगवान शिव और श्रावण मास का आपस में है बहुत गहरा संबंध धर्म अध्यात्म

Copyright © 2025 .

Powered by PressBook News WordPress theme