Skip to content

The Xpress News

  • Home
  • धर्म अध्यात्म
  • Health
  • Blog
  • Toggle search form
  • फार्मा इंडस्ट्री
    यूपी में लोगों के स्वास्थ्य के साथ ही रोजगार का भी बड़ा साधन बनेगी मेडिकल और फार्मा इंडस्ट्री Health
  • शरत सुधाकर चंद्रायन
    श्री शरत सुधाकर चंद्रायन ने प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे का किया पदभार ग्रहण Railway
  • Travellers Group of India
    Travellers Group of India : फेसबुक समूह ट्रैवलर्स ग्रुप ऑफ इंडिया ने किया अनूठा आयोजन Motivation
  • ‘मिस एशिया’ में गोल्ड ने बदल दी बॉडीबिल्डर संजना डालक की जिंदगी Sports
  • Constable Recruitment Exam
    Constable Recruitment Exam : अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए रेलवे ने किए व्यापक इंतजाम Railway
  • State Bodybuilding Championship
    State Bodybuilding Championship : सलमान, विकास, दिशा और सलोनी ने जीते पदक Sports
  • High Court Lucknow
    High Court Lucknow : सौर ऊर्जा से जगमगाएगा नया हाईकोर्ट परिसर, योगी सरकार ने शुरू की तैयारी UP Government News
  • India vs England 2nd test match
    India vs England 2nd test match : रन मशीन’ गिल और तेज गेंदबाजों ने भारत को जीत के करीब पहुंचाया Sports
Makar Sankranti 2025

Chaitra Navratri 2024 : चैत्र नवरात्रि 09 से 17 अप्रैल तक, जानें विस्तार से

Posted on April 9, 2024April 9, 2024 By Manish Srivastava No Comments on Chaitra Navratri 2024 : चैत्र नवरात्रि 09 से 17 अप्रैल तक, जानें विस्तार से

Chaitra Navratri 2024 : चैत्र (वसंत) नवरात्रि 09 अप्रैल से 17 अप्रैल 2024 तक के विषय में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250

*🔶चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता हैं, इस दिन हिन्दु नववर्ष का आरम्भ होता है, गुड़ी का अर्थ विजय पताका होता है, कहा जाता है कि इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था।

🔷इसमें मुख्यतया ब्रह्माजी और उनके द्वारा निर्मित सृष्टि के प्रमुख देवी-देवताओं, यक्ष-राक्षस, गंधवारें, ऋषि-मुनियों, नदियों, पर्वतों, पशु-पिक्षयों और कीट-पतंगों का ही नहीं, रोगों और उनके उपचारों तक का भी पूजन किया जाता है।

🔶इसी दिन से नया संवत्सर शुंरू होता है। अत इस तिथि को ‘नवसंवत्सर‘ भी कहते हैं, चैत्र ही एक ऐसा महीना है, जिसमें वृक्ष तथा लताएं पल्लवित व पुष्पित होती हैं। शुक्ल प्रतिपदा का दिन चंद्रमा की कला का प्रथम दिवस माना जाता है।

🔷हिंदू धर्म के अनुसार एक वर्ष में चार नवरात्रि होती है, लेकिन आमजन केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।




🔶धर्म ग्रंथों के अनुसार नवरात्रि में हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप का पूजन किया जाता है। जानिए नवरात्रि में किस दिन कौन सी देवी की पूजा करें-

🔷09 अप्रैल मंगलवार,पहले दिन करें मां शैलपुत्री का पूजन : – नवरात्रि के पहले दिन को मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार देवी का यह नाम हिमालय के यहां जन्म होने से पड़ा। हिमालय हमारी शक्ति, दृढ़ता, आधार व स्थिरता का प्रतीक है। मां शैलपुत्री को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन योगीजन अपनी शक्ति मूलाधार में स्थित करते हैं व योग साधना करते हैं।

🔶हमारे जीवन प्रबंधन में दृढ़ता, स्थिरता व आधार का महत्व सर्वप्रथम है। अत: इस दिन हमें अपने स्थायित्व व शक्तिमान होने के लिए माता शैलपुत्री से प्रार्थना करनी चाहिए। शैलपुत्री का आराधना करने से जीवन में स्थिरता आती है। हिमालय की पुत्री होने से यह देवी प्रकृति स्वरूपा भी है। स्त्रियों के लिए उनकी पूजा करना ही श्रेष्ठ और मंगलकारी है।

🔷उपाय- प्रतिपदा यानी पहले दिन माता को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इस उपाय से रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा शरीर निरोगी होता है।

🔶10अप्रैल बुधवार दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की आराधना : – नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानि तप की शक्ति का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है। साथ ही सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं।

🔷ब्रह्मचारिणी हमें यह संदेश देती हैं कि जीवन में बिना तपस्या अर्थात कठोर परिश्रम के सफलता प्राप्त करना असंभव है। बिना श्रम के सफलता प्राप्त करना ईश्वर के प्रबंधन के विपरीत है। अत: ब्रह्मशक्ति अर्थात समझने व तप करने की शक्ति हेतु इस दिन शक्ति का स्मरण करें। योग शास्त्र में यह शक्ति स्वाधिष्ठान में स्थित होती है। अत: समस्त ध्यान स्वाधिष्ठान में करने से यह शक्ति बलवान होती है एवं सर्वत्र सिद्धि व विजय प्राप्त होती है।

🔶उपाय- द्वितीया तिथि यानी नवरात्रि के दूसरे दिन माता को शक्कर का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे साधक को लंबी उम्र प्राप्त होती है।

🔷11अप्रैल गुरूवार तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा का पूजन: – यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। असुरों के साथ युद्ध में देवी चंद्रघंटा ने घंटे की टंकार से असुरों का नाश कर दिया था। नवरात्रि के तृतीय दिन इनका पूजन किया जाता है। इनके पूजन से साधक को मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती हैं तथा सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

🔶उपाय- तृतीया तिथि को माता को दूध चढ़ाएं तथा इसका दान करें। ऐसा करने से सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है।

*🔸 12 अप्रैल शुक्रवार ,चौथे दिन करें मां कुष्मांडा की उपासना : – नवरात्रि के चौथे दिन की प्रमुख देवी मां कुष्मांडा हैं। देवी कुष्मांडा रोगों को तुरंत की नष्ट करने वाली हैं। इनकी भक्ति करने वाले श्रद्धालु को धन-धान्य और संपदा के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है।

🔶​मां दुर्गा के इस चतुर्थ रूप कुष्मांडा ने अपने उदर से अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न किया। इसी वजह से दुर्गा के इस स्वरूप का नाम कुष्मांडा पड़ा। नवरात्रि के चतुर्थ दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है। मां कुष्मांडा के पूजन से हमारे शरीर का अनाहत चक्र जागृत होता है। इनकी उपासना से हमारे समस्त रोग व शोक दूर हो जाते हैं। साथ ही भक्तों को आयु, यश, बल और आरोग्य के साथ-साथ सभी भौतिक और आध्यात्मिक सुख भी प्राप्त होते हैं।

🔷उपाय- चतुर्थी तिथि को माता को मालपूआ चढ़ाएं व गरीबों को दान कर दें। इससे सभी प्रकार की समस्याएं स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं।




🔶13 अप्रैल शनिवार,पांचवे दिन करे स्कंदमाता की पूजा : – धर्म शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि की पंचमी तिथि को स्कंदमाता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता भक्तों को सुख-शांति प्रदान वाली हैं। देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कन्द की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कन्दमाता के नाम से जानते हैं।

🔷स्कंदमाता हमें सिखाती हैं कि जीवन स्वयं ही अच्छे-बुरे के बीच एक देवासुर संग्राम है व हम स्वयं अपने सेनापति हैं। हमें सैन्य संचालन की शक्ति मिलती रहे। इसलिए स्कंदमाता की पूजा-आराधना करनी चाहिए।इस दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में अवस्थित होना चाहिए जिससे कि ध्यान वृत्ति एकाग्र हो सके। यह शक्ति परम शांति व सुख का अनुभव कराती है।

🔶उपाय- पंचमी तिथि यानी नवरात्रि के पांचवे दिन माता दुर्गा को केले का भोग लगाएं व गरीबों को केले का दान करें। इससे आपके परिवार में सुख-शांति रहेगी।

🔷14 अप्रैल रविवार,छठे दिन करें मां कात्यायनी का पूजन : – नवरात्रि के छठे दिन आदिशक्ति श्री दुर्गा के छठे रूप कात्यायनी की पूजा-अर्चना का विधान है। महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं।

🔶माता कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रति की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं।

🔷उपाय- षष्ठी तिथि यानी छठे दिन माता दुर्गा को शहद का भोग लगाएं व इसका दान भी करें। इस उपाय से धन आगमन के योग बनते हैं।

🔶15 अप्रैल सोमवार,सातवे दिन करें मां कालरात्रि की पूजा : – महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप है कालरात्रि। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि के सातवे दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।

🔷मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र जो ललाट अर्थात सिर के मध्य स्थित करना चाहिए। इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं। मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है। जीवन की हर समस्या को पलभर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती है।
🔶उपाय- सप्तमी तिथि को माता को गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाएं तथा दान भी करें। इससे दरिद्रता का नाश होता है।

🔷16 अप्रैल मंगलवार,आठवे दिन करें माता महागौरी की आराधना : – नवरात्रि के आठवे दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। आदिशक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं। मां महागौरी का रंग अत्यंत गौरा है इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है।

🔶नवरात्रि का आठवां दिन हमारे शरीर का सोम चक्र जागृत करने का दिन है। सोम चक्र उध्र्व ललाट में स्थित होता है। आठवें दिन साधना करते हुए अपना ध्यान इसी चक्र पर लगाना चाहिए। श्री महागौरी की आराधना से सोम चक्र जागृत हो जाता है और इस चक्र से संबंधित सभी शक्तियां श्रद्धालु को प्राप्त हो जाती है। मां महागौरी के प्रसन्न होने पर भक्तों को सभी सुख स्वत: ही प्राप्त हो जाते हैं। साथ ही इनकी भक्ति से हमें मन की शांति भी मिलती है।

🔷उपाय- अष्टमी तिथि के दिन माता दुर्गा को नारियल का भोग लगाएं तथा नारियल का दान भी करें। इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

🔶17अप्रैल बुधवार,नवमी अंतिम दिन करें मां सिद्धिदात्री की उपासना : – नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं।

🔷अंतिम दिन भक्तों को पूजा के समय अपना सारा ध्यान निर्वाण चक्र जो कि हमारे कपाल के मध्य स्थित होता है, वहां लगाना चाहिए। ऐसा करने पर देवी की कृपा से इस चक्र से संबंधित शक्तियां स्वत: ही भक्त को प्राप्त हो जाती हैं। सिद्धिदात्री के आशीर्वाद के बाद श्रद्धालु के लिए कोई कार्य असंभव नहीं रह जाता और उसे सभी सुख-समृद्धि प्राप्त हो जाते हैं।

🔶उपाय- नवमी तिथि के दिन माता को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं व यथाशक्ति गरीबों में दान करें। इससे लोक-परलोक में आनंद व वैभव मिलता है।




🔷पूर्ण मदः, पूर्ण मिदं, पूर्णात, पूर्ण मुदचत्ये।
पूर्णस्य, पूर्ण मादाये, पूर्ण मेवावशिश्यते॥
🍁प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250

धर्म अध्यात्म Tags:Chaitra Navratri 2024

Post navigation

Previous Post: Shri Ram Navami : श्री राम नवमी 17 अप्रैल को, ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा से जानें महत्त्व
Next Post: Chaitra Navratri Shailputri : माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप श्री शैलपुत्री जी का जानें महत्व एवं पूजा विधि

Related Posts

  • Rishi Panchami
    Rakshabandhan :रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र बांधने का जानें सर्वोत्तम मुहूर्त Blog
  • Rishi Panchami
    Hartalika Vrat : हर‍तालिका व्रत के विशेष सरल उपाय धर्म अध्यात्म
  • Sharad Purnima 2023
    Sharad Purnima 2023 : इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण सूतक का साया—- धर्म अध्यात्म
  • गणगौरी पूजा
    Gangauri Puja : गणगौरी पूजा 11 अप्रैल को है, जाने धार्मिक महत्व एवं संपूर्ण जानकारी धर्म अध्यात्म
  • Shravan month special
    बलदेव छठ गुरुवार, 21 सितंबर को धर्म अध्यात्म
  • Shravan month special
    Pitru Paksh 2023 : तर्पण के लिए सर्वोत्तम तिथियॉ हैं 3, 7 और 14 अक्टूबर : पं. ह्रदयरंजन शर्मा धर्म अध्यात्म

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • सीबीएसई ईस्ट जोन
    सीबीएसई ईस्ट जोन में आर्चीज हायर सेकंडरी स्कूल के खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन Sports
  • Padma Shri Award 2024 : यूपी की 12 विभूतियों को मिलेगा पद्म श्री पुरस्कार Blog
  • वीएसएसडी कॉलेज
    वीएसएसडी कॉलेज की वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता 15 व 16 को Sports
  • Famous songs of Karva Chauth
    करवाचौथ के प्रसिद्ध गीत, Famous songs of Karva Chauth धर्म अध्यात्म
  • अयोध्या
    अयोध्या में रोज दो लाख से ज्यादा लोग कर रहे दर्शन, एक तिनका भी नहीं हिला : मुख्यमंत्री UP Government News
  • उत्तर प्रदेश की झांकी
    उत्तर प्रदेश की झांकी को मिला द्वितीय पुरस्कार Blog
  • Basant Panchami 2024
    Guru Nanak Ji Prakash Parv : जानें गुरु नानक देव जी से जुडी कथा और शिक्षायें धर्म अध्यात्म
  • जुगल देवी सरस्वती विद्या मंदिर के छात्र सार्थक का राष्ट्रीय प्रतियोगिता हेतु चयन Sports

Copyright © 2025 .

Powered by PressBook News WordPress theme