आखिरकार छोटी दिपावली वाले दिन होने वाली हनुमान जी (बजरंगबली) की पूजा और माता धूमावती की पूजा कब और कैसे करनी होगी इस विषय पर विस्तृत जानकारी दे रहे हैं श्री गुरू ज्योतिष शोध संस्थान गुरू रत्न भंडार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा .व्हाट्सएप नंबर.9756402981,7500048250
🌟 11/12 नबम्वर 2023 दिन शनिवार/रविवार छोटी दीपावली, नरकचतुर्दशी पर यम दीपदान घर के मुख्य द्वार पर जलने वाला दीपक 11 और 12 नबम्वर दोनों दिन शाम के समय प्रदोष काल में साँय 05:30से 08:30 के बीच मे (11 नबम्वर दिन शनिवार दोपहर 01:58 से चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जिसमें छोटी दीवाली की पूजा करना लाभकारी रहेगा चतुर्दशी तिथि 12 नबम्वर दिन रविवार दोपहर 02:45 तक मान्य होगी.
इसके बाद अमावस्या तिथि श्री महालक्ष्मी पूजा दीपावली का उत्सव प्रारंभ हो जाएगा) अतः घर का मुखिया एक थाली में चने की दाल, खील बतासे धूपबत्ती 1 घंटी में पानी सरसों का तेल का दीपक और ₹1 का सिक्का लेकर दीपक जलाते हैं जला हुआ दीपक रखने के बाद धूपबत्ती चलाएंऔर मंत्र “ओम धूमं धूमं धूमावती स्वाह” की एक माला जाप करते हैं माता धूमावती (दरिद्रताकी देवी) से यह प्रार्थना करते हैं कि हे माता हमारे घर, परिवार, कारोवार से पूरे साल दरिद्रता, रोग, दोष, बुरी नजर का नाश हो यह मनोकामना इच्छा करके लोटा, ग्लास में जल भरकर घर के मुख्य द्वार चौखटो पर चढ़ा कर वापस घर में प्रवेश कर जलतीधूप बत्ती दीपक को नाली के किनारे (मैनगेट) पर रखते हैं ऐसा करने से पूजा करने वाले घर परिवार में वर्ष भर माता धूमावती की कृपा बनी रहती है, हमारे देश में सनातनी हिंदू लोगों के दोपहर में या दीपावली के दिन दिन में जो हनुमान जी की पूजा होती है वह रविवार 12 तारीख को प्रातः 6:30 से लेकर दोपहर 12:00 बजे के बीच मैं करना अत्यंत अशुभ फलदायक माना जाएगा इससे घर में किसी भी प्रकार की नेगेटिव एनर्जी भूत प्रेत या जादू टोने भयडर हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो जाता है परिवार में हर तरह की खुशहाली और उन्नति महसूस होती है इसमें प्रसाद के रूप में चूरमा बनाकर भगवान जी का भोग लगाकर प्रसाद बांटा जाता है या पूरी बताशो को आपस में रगड़ा कर मिलाकर उसका चूरमा बनाया जाता है जिसे प्रसाद के रूप मै भोग लगाया जाता है बांटा खाया जाता है
🔥दीपक जलाना पूजा करने का सर्वोत्तम समय प्रदोष काल में माना जाएगा
🌷सॉय. 05:30से रात्री08:30तक
🍁इस समय विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त अनुसार गोधूलि की बेला और प्रदोष काल दोनो का समावेश होगा जो किसी भी कार्य के लिए सर्वोत्तम है” लाभ” चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध जिसमें पूजा करने वाले जातको को हर प्रकार की लाभ और उन्नति प्राप्त होगी
💥प्रसिद्ध (ज्योतिषाचार्य)परमपूजय गुरुदेव पंडित ह्रदय रंजन शर्मा (अध्यक्ष) श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250