Skip to content

The Xpress News

  • Home
  • धर्म अध्यात्म
  • Health
  • Blog
  • Toggle search form
  • बुलंद हौसलों से अंतरराष्ट्रीय बाडी बिल्डर बनीं नंदिता रावत Health
  • Railway News
    Railway News : सूझबूझ भरा निर्णय लेकर रेल यातायात को सुचारू कराने वाले रेलकर्मी सम्मानित Railway
  • Bumper Employment
    Bumper Employment : कानपुर और बुलंदशहर जैसे शहरों में मिलेगा बंपर रोजगार UP Government News
  • Dental Care in Winter
    Dental Care in Winter : ठिठुरन वाली ठंड से रहे सावधान वरना गिरेंगे दांत Health
  • कार्तिक पूर्णिमा
    Shri Hanuman Janmotsav : जानें श्री हनुमान जन्मोत्सव के पूजा पाठ और विधि धर्म अध्यात्म
  • Basant Panchami 2024
    Ganesh Chaturthi-2023 : गणेशजी को दूर्वा और मोदक चढ़ाने का महत्व क्यों Blog
  • पं.हृदय रंजन शर्मा
    Sri Hanuman Jayanti: श्री हनुमान जन्मोत्सव की पूजा विधि जानें पंडित हृदय रंजन शर्मा जी से धर्म अध्यात्म
  • भावना रोकड़े
    कड़े संघर्ष के बाद मैंने मुकाम हासिल किया : भावना रोकड़े Motivation
भड्डली नवमी

Holi Stories : होलिका का त्योहार क्या है, जानें इसकी पौराणिक कथाएं या मान्यताएं

Posted on March 17, 2024March 17, 2024 By Manish Srivastava No Comments on Holi Stories : होलिका का त्योहार क्या है, जानें इसकी पौराणिक कथाएं या मान्यताएं

Holi Stories : होली भारत के सबसे पुराने पर्वों में से है। यह कितना पुराना है इसके विषय में ठीक जानकारी नहीं है लेकिन इसके विषय में इतिहास पुराण व साहित्य में अनेक कथाएँ मिलती है। इस कथाओं पर आधारित साहित्य और फ़िल्मों में अनेक दृष्टिकोणों से बहुत कुछ कहने के प्रयत्न किए गए हैं लेकिन हर कथा में एक समानता है कि असत्य पर सत्य की विजय और दुराचार पर सदाचार की विजय और विजय को उत्सव मनाने की बात कही गई है। होलिका के विषय मै विस्तृत जानकारी दे रहे है प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परमपूज्य गुरुदेव पं.हृदय रंजन शर्मा

🌸राधा और कृष्ण की कथा

होली का त्योहार राधा और कृष्ण की पावन प्रेम कथा से भी जुडा हुआ है। वसंत के सुंदर मौसम में एक दूसरे पर रंग डालना उनकी लीला का एक अंग माना गया है। मथुरा और वृन्दावन की होली राधा और कृष्ण के इसी रंग में डूबी हुई होती है। बरसाने और नंदगाँव की लठमार होली तो प्रसिद्ध है ही देश विदेश में श्रीकृष्ण के अन्य स्थलों पर भी होली की परंपरा है।

यह भी माना गया है कि भक्ति में डूबे जिज्ञासुओं का रंग बाह्य रंगों से नहीं खेला जाता, रंग खेला जाता है भगवान नाम का, रंग खेला जाता है सद्भावना बढ़ाने के लिए, रंग होता है प्रेम का, रंग होता है भाव का, भक्ति का, विश्वास का। होली उत्सव पर होली जलाई जाती है अंहकार की, अहम् की, वैर द्वेष की, ईर्ष्या मत्सर की, संशय की और पाया जाता है विशुद्ध प्रेम अपने आराध्य का, पाई जाती है कृपा अपने ठाकुर की।




🍁शिव पार्वती और कामदेव की कथा

शिव और पार्वती से संबंधित एक कथा के अनुसार हिमालय पुत्री पार्वती चाहती थीं कि उनका विवाह भगवान शिव से हो जाये पर शिवजी अपनी तपस्या में लीन थे। कामदेव पार्वती की सहायता को आए। उन्होंने पुष्प बाण चलाया और भगवान शिव की तपस्या भंग हो गयी। शिवजी को बड़ा क्रोध आया और उन्होंने अपनी तीसरी आँख खोल दी।

उनके क्रोध की ज्वाला में कामदेव का शरीर भस्म हो गया। फिर शिवजी ने पार्वती को देखा। पार्वती की आराधना सफल हुई और शिवजी ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। इस कथा के आधार पर होली की आग में वासनात्मक आकर्षण को प्रतीकत्मक रूप से जला कर सच्चे प्रेम की विजय का उत्सव मनाया जाता है।

एक अन्य कथा के अनुसार कामदेव के भस्म हो जाने पर उनकी पत्नी रति ने विलाप किया और शंकर भगवान से कामदेव को जीवित करने की गुहार की।

ईश्वर प्रसन्न हुए और उन्होने कामदेव को पुनर्जीवित कर दिया। यह दिन होली का दिन होता है। आज भी रति के विलाप को लोक संगीत के रूप मे गाया जाता है और चंदन की लकड़ी को अग्निदान किया जाता है ताकि कामदेव को भस्म होने मे पीड़ा ना हो। साथ ही बाद मे कामदेव के जीवित होने की खुशी मे रंगो का त्योहार मनाया जाता है।

🌺प्रह्लाद और होलिका की कथा

होली का त्यौहार प्रह्लाद और होलिका की कथा से भी जुडा हुआ है। विष्णु पुराण की एक कथा के अनुसार प्रह्लाद के पिता दैत्यराज हिरण्यकश्यप ने तपस्या कर देवताओं से यह वरदान प्राप्त कर लिया कि वह न तो पृथ्वी पर मरेगा न आकाश में, न दिन में मरेगा न रात में, न घर में मरेगा न बाहर, न अस्त्र से मरेगा न शस्त्र से, न मानव से मारेगा न पशु से। इस वरदान को प्राप्त करने के बाद वह स्वयं को अमर समझ कर नास्तिक और निरंकुश हो गया।

वह चाहता था कि उनका पुत्र भगवान नारायण की आराधना छोड़ दे, परन्तु प्रह्लाद इस बात के लिये तैयार नहीं था। हिरण्यकश्यपु ने उसे बहुत सी प्राणांतक यातनाएँ दीं लेकिन वह हर बार बच निकला। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी।

अतः उसने होलिका को आदेश दिया के वह प्रह्लाद को लेकर आग में प्रवेश कर जाए जिससे प्रह्लाद जलकर मर जाए। परन्तु होलिका का यह वरदान उस समय समाप्त हो गया जब उसने भगवान भक्त प्रह्लाद का वध करने का प्रयत्न किया। होलिका अग्नि में जल गई परन्तु नारायण की कृपा से प्रह्लाद का बाल भी बाँका नहीं हुआ। इस घटना की याद में लोग होलिका जलाते हैं और उसके अंत की खुशी में होली का पर्व मनाते हैं।

🔥कंस और पूतना की कथा

कंस ने मथुरा के राजा वसुदेव से उनका राज्य छीनकर अपने अधीन कर लिया स्वयं शासक बनकर आत्याचार करने लगा। एक भविष्यवाणी द्वारा उसे पता चला कि वसुदेव और देवकी का आठवाँ पुत्र उसके विनाश का कारण होगा। यह जानकर कंस व्याकुल हो उठा और उसने वसुदेव तथा देवकी को कारागार में डाल दिया।

कारागार में जन्म लेने वाले देवकी के सात पुत्रों को कंस ने मौत के घाट उतार दिया। आठवें पुत्र के रूप में कृष्ण का जन्म हुआ और उनके प्रताप से कारागार के द्वार खुल गए। वसुदेव रातों रात कृष्ण को गोकुल में नंद और यशोदा के घर पर रखकर उनकी नवजात कन्या को अपने साथ लेते आए।

कंस ने जब इस कन्या को मारना चाहा तो वह अदृश्य हो गई और आकाशवाणी हुई कि कंस को मारने वाले तो गोकुल में जन्म ले चुका है। कंस यह सुनकर डर गया और उसने उस दिन गोकुल में जन्म लेने वाले हर शिशु की हत्या कर देने की योजना बनाई। इसके लिए उसने अपने आधीन काम करने वाली पूतना नामक राक्षसी का सहारा लिया।

वह सुंदर रूप बना सकती थी और महिलाओं में आसानी से घुलमिल जाती थी। उसका कार्य स्तनपान के बहाने शिशुओं को विषपान कराना था। अनेक शिशु उसका शिकार हुए लेकिन कृष्ण उसकी सच्चाई को समझ गए और उन्होंने पूतना का वध कर दिया। यह फाल्गुन पूर्णिमा का दिन था अतः पूतनावध की खुशी में होली मनाई जाने लगी।




☀️राक्षसी ढुंढी की कथा

राजा पृथु के समय के समय में ढुंढी नामक एक कुटिल राक्षसी थी। वह अबोध बालकों को खा जाती थी। अनेक प्रकार के जप-तप से उसने बहुत से देवताओं को प्रसन्न कर के उसने वरदान प्राप्त कर लिया था कि उसे कोई भी देवता, मानव, अस्त्र या शस्त्र नहीं मार सकेगा, ना ही उस पर सर्दी, गर्मी और वर्षा का कोई असर होगा।

इस वरदान के बाद उसका अत्याचार बढ़ गया क्यों कि उसको मारना असंभव था। लेकिन शिव के एक शाप के कारण बच्चों की शरारतों से वह मुक्त नहीं थी। राजा पृथु ने ढुंढी के अत्याचारों से तंग आकर राजपुरोहित से उससे छुटकारा पाने का उपाय पूछा। पुरोहित ने कहा कि यदि फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन जब न अधिक सर्दी होगी और न गर्मी सब बच्चे एक एक लकड़ी लेकर अपने घर से निकलें।

उसे एक जगह पर रखें और घास-फूस रखकर जला दें। ऊँचे स्वर में तालियाँ बजाते हुए मंत्र पढ़ें और अग्नि की प्रदक्षिणा करें। ज़ोर ज़ोर से हँसें, गाएँ, चिल्लाएँ और शोर करें। तो राक्षसी मर जाएगी। पुरोहित की सलाह का पालन किया गया और जब ढुंढी इतने सारे बच्चों को देखकर अग्नि के समीप आई तो बच्चों ने एक समूह बनाकर नगाड़े बजाते हुए ढुंढी को घेरा, धूल और कीचड़ फेंकते हुए उसको शोरगुल करते हुए नगर के बाहर खदेड़ दिया। कहते हैं कि इसी परंपरा का पालन करते हुए आज भी होली पर बच्चे शोरगुल और गाना बजाना करते हैं।

धर्म अध्यात्म Tags:Holi Stories

Post navigation

Previous Post: Holika Dahan 2024 : होलिका दहन की अग्नि से जानें आने वाले साल का भविष्य
Next Post: Holi ka Shubh Muhort :होली की स्थापना एवं पूजन का शुभ मुहूर्त

Related Posts

  • Basant Panchami 2024
    Shardiya Navratri : एक स्त्री के पूरे जीवनचक्र का बिम्ब है नवदुर्गा के नौ स्वरूप धर्म अध्यात्म
  • Importance of the month of Vaishakh
    Mahashivratri 2024 : शिवरात्रि पर करें इन 8 में से कोई 1 उपाय, दूर होंगी परेशानी, मिलेगा धन लाभ धर्म अध्यात्म
  • Shri Krishna Janmashtami
    Holika Dahan 2024 : होलिका दहन की अग्नि से जानें आने वाले साल का भविष्य धर्म अध्यात्म
  • Ayodhya Greenfield Township
    Ayodhya Greenfield Township : 25 हजार श्रद्धालुओं के रुकने के लिए तैयार हो रही टेंट सिटी धर्म अध्यात्म
  • Basant Panchami 2024
    कोजागिरीव्रत (शरद पूर्णिमा) 28अक्टूबर को, चंद्रमा के प्रकाश में रखी खीर खाने से अनेक रोग दूर हो जाते हैं धर्म अध्यात्म
  • Shravan month special
    बलदेव छठ गुरुवार, 21 सितंबर को धर्म अध्यात्म

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Bithoor to Kanpur Central Station
    Railway update : समस्तीपुर मंडल के मेहसी स्टेशन पर Railway
  • Lok Sabha Election 2024 : चुनाव ड्यूटी पर अच्छी बसें उपलब्ध कराएगी योगी सरकार Lok Sabha Election 2024
  • Asian bodybuilding fitness : 56वीं एशियन बॉडीबिल्डिंग फिटनेस स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में खुशबू यादव ने जीता गोल्ड Sports
  • TSH Stag Global UP State Third Ranking Table Tennis Tournament : वेटरन खिलाडियों ने भी दिखाया अपना दम Sports
  • Dental Care in Winter
    Dental Care in Winter : ठिठुरन वाली ठंड से रहे सावधान वरना गिरेंगे दांत Health
  • Dhanteras
    Dhanteras 2023 : धनतेरस पर ये उपाय किया तो बरसेगी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा धर्म अध्यात्म
  • जय नारायण के अभिषेक राष्ट्रीय तीरंदाजी में Sports
  • Ayodhya
    Sri Ramlala Darshan : श्रद्धालुओं को हो रहे श्रीरामलला के सुगम दर्शन धर्म अध्यात्म

Copyright © 2025 .

Powered by PressBook News WordPress theme