- राजस्थान के भीलवाड़ा में चलाती हैं डेरी फार्म
- इंस्टाग्राम पर हो गए हैं एक लाख 70 हजार फॉलोअर्स
जयपुर: अगर इंसान के इरादे मजबूत होते हैं तो कोई भी काम उसके लिए मुश्किल नहीं होता है। चाहे वो लड़का हो या लड़की। कुछ ऐसा ही करके दिखाया है राजस्थान के भीलवाड़ा के किसान परिवार की प्रियंका दीनू ने। प्रियंका डेरी फार्म चलाती हैं। सिर्फ 100 घर वाले गांव में मेरा बचपन गुजरा। पढ़ाई भी गांव में ही रहकर की।
विशेष बातचीत में प्रियंका ने बताया कि पति की महत्वपूर्ण सलाह पर मैंने सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाकर वीडियो डालना शुरू किया। ससुराल में डेरी फार्म में काम करना शुरू किया। मैं जीवन में कुछ करना चाहती थीं। बीएड की पढ़ाई छोड़ने के बाद जानवरों की देखभाल करके इसे व्यवसाय में तब्दील करने का मन बनाया। धीरे-धीरे पशुपालन के बारे में प्रियंका को अच्छा ज्ञान हो गया। लोग मुझसे राय तक लेने आते हैं। प्रसन्नता जाहिर करते हुए प्रियंका ने बताया कि यूट्यूब से पहली इनकम 12 हजार रुपए आई।
गौरतलब है कि प्रियंका के इंस्टाग्राम पर एक लाख 70 हजार से अधिक फॉलोअर्स हो गए हैं, इसलिए तबसे लगातार प्रमोशन के वीडियो बना रही हैं। पहले वीडियो मैंने गाय-भैंसों के बारे में बात की। पहला वीडियो बनाते समय में मेरी आवाज ही नहीं निकल रही थी। लोग वीडियो देखकर कमेंट करते थे जरा ऊंचा बोलिए… लेकिन अब लोग कहते हैं ‘दीदी आप बहुत जल्दी-जल्दी बोलती हैं। धीरे-धीरे वक्त बीतने के साथ ही मैं अपने काम में माहिर हो चुकी हूं तो लोगों का मेरे प्रति नजरिया भी बदल गया है। अब लोग फोन पर कहते हैं कि ‘दीदी समय निकालकर मेरा भी डेरी फार्म देखकर वीडियो बनाइए और उसमें जो भी कमी हो उसे दूर कर दीजिए। यह बातें सुनकर मुझे अब बहुत अच्छा लगता है।
खास बात यह है कि किसान गाय और भैंस खरीदने से पहले मेरी सलाह जरूर लेते हैं। इन सबके बीच अब सास ससुर भी मेरी हौसला आफजाई करते हैं। लेकिन मैं अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पति दीनू को ही देना चाहती हूं। कुल मिलाकर अगर वो साथ नहीं देते तो मेरा सपना पूरा नहीं होता। जो लोग कभी मेरा विरोध किया करते थे,आज तारीफ करते हैं। मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहती हूं कि कोई भी आदमी बुरा नहीं होता, न कोई काम बुरा होता है। पति की नाइंसाफी, कठोरता की कहानियां हम रोज सुनते और पढ़ते हैं। लेकिन मैं आज जो भी हूं मेरे नाम और शोहरत के पीछे पति का नाम जुड़ा है। गोबर महकता है, लेकिन गोबर से आने वाली कमाई कहीं उससे ज्यादा महकती है।