- किसी भी विधा के उपचार में डॉक्टर से कुछ भी छिपाने पर इलाज लंबा या कम उपयोगी हो सकता है
- नियमित मात्रा और नियमित समय पर ही दवा के सेवन से आप निरोगी बन सकते हैं
- दवा को खाते समय चिकित्सक द्वारा दी गई परहेज की सलाह का पूर्णतः पालन करना आवश्यक है
Kanpur: अक्सर लोगों को अपने डॉक्टर से यह शिकायत रहती है कि हम काफी दिनों से इलाज करवा रहे हैं पर अभी पूरी तरह से आराम नहीं मिला। बिना किसी ठोस कारण के वह जल्दी-जल्दी डॉक्टर भी बदलते रहते हैं। भ्रम की स्थिति होने के कारण उनकी बीमारी ठीक के होने की बजाय और जटिल होने का खतरा बढ़ जाता है। इलाज की विधा चाहे कोई भी हो जैसे एलोपैथिक, होम्योपैथिक या फिर आयुर्वेदिक। आपको समय तो देना ही होगा।
इस विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुए कानपुर की मशहूर होम्योपैथिक डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि कुछ मरीज इलाज तो करवाते हैं पर अपनी मनमानी भी करते हैं या दूसरे शब्दों में कहें तो घोर लापरवाही भी करते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि मैंने किसी मरीज को किसी लिक्विड दवा की 20 बूंदें लेने को कहा है तो वह 5 या फिर 10 ही बूंदें लेता है। इतना ही नहीं सुबह की दवा शाम को और शाम की दवा सुबह खाता है और कभी-कभी कोई एक या दो खुराक खाता भी नहीं है। परिणामस्वरूप ऐसा करने से दवा का बीमारी पर कोई असर नहीं पड़ता है।
हर बीमारी और मरीज की इम्यूनिटी सिस्टम के हिसाब से होम्योपैथिक दवा तैयार की जाती है। जब सही मानक में दवा का उपयोग नहीं किया जाएगा तो लंबे समय तक भी दवा का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यदि अनियमित रहने का स्वभाव मरीज का बन जाता है तो डॉक्टर या विधा को बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
अपनी बात को जारी रखते हुए डॉक्टर मधुलिका ने बताया कि होम्योपैथिक उपचार बहुत ही सरल और पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं क्योंकि इसमें शरीर के अनुकूल ही कंपोनेंट तैयार किया जाता है।
खास बात यह है कि मरीज को कभी भी डॉक्टर से बीमारी से संबंधित कोई भी जानकारी छिपानी नहीं चाहिए। जैसे बीमारी कितने दिनों से, इससे पहले कभी संबंधित बीमारी कभी हुई और उसका इलाज करवाया, इस दौरान संबंधित दवाओं का सेवन किया, दवा से कोई साइड इफेक्ट हुआ, उचित और नियमित जांच करवाई की नहीं और पिछले डॉक्टर ने आपको क्या सलाह दी इत्यादि।
यह बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदु हैं जिन्हें अपने डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए। यह बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि महंगा और लंबा इलाज कराने से नहीं बल्कि उचित व नियमित इलाज करवाने से ही किसी भी बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।
होम्योपैथिक उपचार के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- यदि आप दवा खा रहे तो इस दौरान दही, केला, खटाई, प्याज जैसी चीजों से परहेज़ करना चाहिए।
- दवा खाने के दौरान कभी भी कॉफी नहीं पीना चाहिए।
- गोली या टैबलेट को हाथ में लेकर नहीं बल्कि कागज पर रखकर खाना चाहिए
- कभी भी इलाज के दौरान बीच में दवा किसी भी सूरत में बंद नहीं करनी चाहिए।
- तय मात्रा से कम या ज्यादा दवा लेने से प्रभाव कम हो जाता है। संभवतः इलाज लंबे समय तक खिंच जाता है।