- छह परिवारों को 3 करोड़ 60 लाख की मदद
- मात्र 11 दिनों में परिवार के खाते में पहुंची राशि
- आंसू के साथ परिजनों का टीम को धन्यवाद
- अबतक 154 परिवारों की हो चुकी सहायता
अखिलेश मिश्रा, कानपुर।
टीचर्स सेल्फ केयर टीमशिक्षक परिवारों की लगातार आर्थिक मदद करके इतिहास रचने की राह में लगातार अग्रसर है। मदद पाने वाले शिक्षक परिवारों ने आंसूओं की धारा के साथ टीएससीटी पदाधिकारियों को ह्दय से धन्यवाद दिया। जिला संयोजक सुनील कुमार वर्मा की मानें तो विभिन्न कारणों से परिवार को छोड़कर गये छह शिक्षकों के परिजनों को मात्र 11 दिनों में तीन करोड़ 60 लाख की मदद की गयी है। परिवारों के नाॅमिनी के बैंक एकाउंट में पैसा ऑनलाइन दो लाख से अधिक सदस्यों द्वारा स्वंय भेजा गया है। मदद पाकर परिजनों ने भींगी पलकों के साथ टीम पदाधिकारियों का आभार प्रकट किया। टीम सदस्यों ने भी परिजनों को उनके साथ रहने का एहसास कराया।
जिला संयोजक सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि नगर के दिवंगत शिक्षक साथी अनिल कुमार, अलीगढ़ से सरजीत सिंह, सहारनपुर से किरन सिंह, वाराणसी से रमाकांत श्रीवास्तव, अमेठी से व्यास चन्द्र व बस्ती में तैनात शिक्षक जो विभिन्न कारणों से परिवार को छोड़कर चले गये। उपरोक्त सभी शिक्षक टीम के सक्रिय सदस्य थे। जानकारी होने पर सभी जिलों के पदाधिकारी परिवारों के सम्पर्क में आएं और सारी जानकारी शीर्ष नेतृत्व को देने के बाद आर्थिक मदद का संकल्प हुआ। श्री वर्मा ने बताया कि शिक्षकों की सारी जानकारी ऑनलाइन व सोशल मीडिया पर शेयर होते ही सभी परिवारों के नाॅमिनी वाले खातों मे शिक्षकों द्वारा मात्र तीस रूपये भेजने का सिलसिला प्रारंभ हुआ। जो देखते ही देखते मात्र 11 दिनों में तीन करोड़ साठ लाख में तब्दील हो गया।
जिला संयोजक ने बताया कि शहर के दक्षिण क्षेत्र में निवास करने वाले शिक्षक अनिल कुमार किडनी की बीमारी से ग्रसित थे। हार न मानने वाले अनिल लगातार बीमारी से जूझते रहे। आखिर में 27 अक्टूबर 2023 को वे बीमारी से हार गये। परिवार में वे मां, दो बेटियां और पत्नी को छोड़ गये। घटना की जानकारी टीम को मिलते ही सभी स्थानीय पदाधिकारी एकजुट हुए और परिवार से मिलकर उन्हें यह एहसास कराया कि उनके साथ दो लाख से अधिक साथियों का परिवार है। शुरूआती औपचारिकता करके उनके सहित अन्य परिवारों की मदद का फरमान सोशल मीडिया के माध्यम से जारी हुआ और सभी ने एकजुट होकर उनकी सहायता की।
जिला सह-संयोजक संगीता कटियार ने बताया कि टीम की सदस्यता का कारवां थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक दो लाख 60 हजार से अधिक शिक्षक व कर्मचारी इसकी सदस्यता ले चुके है।