Skip to content

The Xpress News

  • Home
  • धर्म अध्यात्म
  • Health
  • Blog
  • Toggle search form
  • प्रेक्षा तिवारी ,सुविज्ञा कुशवाहा
    District Table Tennis Championship : प्रेक्षा तिवारी ने तिहरा और सुविज्ञा, तारिणी, आशुतोष, दक्ष  ने जीता दोहरा खिताब Sports
  • Solution to Obesity
    Solution to Obesity : आधुनिक इलाज से मोटापा से छुटकारा पाना हुआ आसान, विशेषज्ञ डाक्टरों ने दिए सुझाव Health
  • Rail Week Celebration
    Rail Week Celebration : पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल ने वर्ष 2022-23 में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले रेलकर्मियों को सम्मानित किया Railway
  • कार्तिक पूर्णिमा
    द्वितीय ब्रह्मचारिणी 10 अप्रैल, जानें पूजा विधि धर्म अध्यात्म
  • Sports Week Ends
    Sports Week Ends : क्रीडा भारती खेल सप्ताह का खेल प्रशिक्षकों के सम्मान के साथ समापन Sports
  • Ayodhya
    Ayodhya : पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया नव्य अयोध्या धाम Blog
  • टनकपुर त्रैसाप्ताहिक विशेष गाड़ी
    कोलकाता-आनंद विहार टर्मिनल के बीच चलेगी त्यौहार स्पेशल रेलगाड़ी Railway
  • Ganga Express Way
    Ganga Express Way : उप्र को साल के अंत तक मिलेगी भारत के दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे की सौगात UP Government News
Basant Panchami 2024

Mauni Amavasya : मौनी अमावस्या का जानें महत्व, व्रत नियम, उपाय, कथा और मुहूर्त

Posted on February 9, 2024 By Manish Srivastava No Comments on Mauni Amavasya : मौनी अमावस्या का जानें महत्व, व्रत नियम, उपाय, कथा और मुहूर्त

Mauni Amavasya : मौनी अमावस्या 09 फरवरी के विषय में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़।

🏵 मौनी अमावस्या का महत्व
🔸हिन्दू धर्मग्रंथों में माघ मास को बेहद पवित्र और धार्मिक पुण्य प्राप्ति का समय चक्र माना जाता है और इस मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है सूर्य, मंगल, बुध , चन्द्रमा इस दिन मकर राशि में मौजूद होगे सूर्य के मकर राशि में रहते हुए मौनी अमावस्या का पड़ना अपने आप में एक महायोग है

🔹इस दिन के पवित्र स्नान को कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के समान ही माना जाता है। पवित्र नदियों और सरोवरों में देवी देवताओ का वास होता है। धर्म ग्रंथों में ऐसा उल्लेख है कि इसी दिन से द्वापर युग का शुभारंभ हुआ था। लोगों का यह भी मानना है कि इस दिन ब्रह्मा जी ने मनु महाराज तथा महारानी शतरुपा को प्रकट करके सृष्टि की शुरुआत की थी।
🔸उन्ही के नाम के आधार पर इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है।

🔹चन्द्रमा को मन का स्वामी माना गया है और अमावस्या को चन्द्रदर्शन नहीं होते, जिससे मन की स्थिति कमज़ोर होती है। इसलिए इस दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम में रखने का विधान बनाया गया है।

साधु, संत, ऋषि, महात्मा सभी प्राचीन समय से प्रवचन सुनाते रहे हैं कि मन पर नियंत्रण रखना चाहिये। मन बहुत तेज गति से दौड़ता है, यदि मन के अनुसार चलते रहें तो यह हानिकारक भी हो सकता है। इसलिये अपने मन रूपी घोड़े की लगाम को हमेशा कस कर रखना चाहिये। मौनी अमावस्या का भी यही संदेश है कि इस दिन मौन व्रत धारण कर मन को संयमित किया जाये। मन ही मन ईश्वर के नाम का स्मरण किया जाये उनका जाप किया जाये। यह एक प्रकार से मन को साधने की यौगिक क्रिया भी है। मौनी अमावस्या योग पर आधारित महाव्रत है। मान्यता है कि यदि किसी के लिये मौन रहना संभव न हो तो वह अपने विचारों में किसी भी प्रकार की मलिनता न आने देने, किसी के प्रति कोई कटुवचन न निकले तो भी मौनी अमावस्या का व्रत उसके लिये सफल होता है। सच्चे मन से भगवान विष्णु व भगवान शिव की पूजा भी इस दिन करनी चाहिये शास्त्रों में भी वर्णित है कि होंठों से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य मिलता है, उससे कई गुणा अधिक पुण्य मन में हरि का नाम लेने से मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु और शिव दोनों की पूजा का विधान है। वास्तव में शिव और विष्णु दोनों एक ही हैं, जो भक्तों के कल्याण हेतु दो स्वरूप धारण किए हुए हैं।

🔸शास्त्रों में इस दिन दान-पुण्य करने के महत्व को बहुत ही अधिक फलदायी बताया है। तीर्थराज प्रयाग में स्नान किया जाये तो कहने ही क्या यदि किसी व्यक्ति की सामर्थ्य प्रयाग त्रिवेणी के संगम अथवा अन्य किसी तीर्थ स्थान पर जाने की नहीं है तो उसे अपने घर में ही प्रात:काल उठकर दैनिक कर्मों से निवृत होकर नहाने के जल में गंगा जल मिलाकर स्नान आदि करना चाहिए या घर के समीप किसी भी नदी या नहर में स्नान कर सकते हैं क्योंकि पुराणों के अनुसार इस दिन सभी नदियों का जल गंगाजल के समान हो जाता है।

🔹इस मास को भी कार्तिक के समान पुण्य मास कहा गया है। गंगा तट पर इस कारण भक्त एक मास तक कुटी बनाकर गंगा सेवन करते हैं। इस दिन श्रद्धालुओं को अपनी क्षमता के अनुसार दान, पुण्य तथा माला जप नियम पूर्वक करना चाहिए।




🏵 व्रत नियम

🔸प्रात:काल पवित्र तीर्थ स्थलों पर स्नान किया जाता है। स्नान के बाद तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, वस्त्रादि किसी गरीब ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद को दान दिया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से भी उन्हें शांति मिलती है।

🔹विशेष कर स्नान , पूजा पाठ और माला जाप करने के समय मौन व्रत का पालन करें। इस दिन झूठ, छल-कपट , पाखंड से दूर रहे। यह दिन अच्छे कर्मो और पुण्य कमाने में बिताये। मानसिक जाप, हवन एवं दान करना चाहिए। दान में स्वर्ण, गाय, छाता, वस्त्र, बिस्तर एवं उपयोगी वस्तुओं का दान करना चाहिए। ऐसा करने से सभी पापों का नाश होता है। इस दिन किया गया गंगा स्नान अश्वमेध यज्ञ के फल के सामान पुण्य दिलवाता है।

🏵 मौनी अमावस्या के उपाय

निर्णय सिंधु व्यास के वचनानुसार इस दिन मौन रहकर स्नान-ध्यान करने से सहस्त्र गौ दान का पूण्य मिलता है।

👉 शास्त्रो के अनुसार पीपल की परिक्रमा करने से ,सेवा पूजा करने से, पीपल की छाया से,स्पर्श करने से समस्त पापो का नाश,अक्षय लक्ष्मी की प्राप्ति होती है व आयु में वृद्धि होती है।

👉 पीपल के पूजन में दूध, दही, तिल मिश्रितमिठाई, फल, फूल,जनेऊ, का जोड़ा चढाने से और घी का दीप दिखाने से भक्तो की सभी मनोकामनाये पूरी होती है।
कहते है की पीपल के मूल में भगवान् विष्णु तने में शिव जी तथा अगर भाग में ब्रह्मा जी का निवास है।इसलिए सोमवार को यदि अमावस्या हो तो पीपल के पूजन से अक्षय पूण्य लाभ तथा सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

👉 इस दिन विवाहित स्त्रियों द्वारा पीपल के पेड़ की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन आदि से पूजा और पीपल के चारो और 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करने का विधान होता है और हर परिक्रमा में कोई भी तिल मिश्रित मिठाई या फल चढाने से विशेष लाभ होता है। ये सभी 108 फल या मिठाई परिक्रमा के बाद ब्राह्मण या निर्धन को दान करे। इस प्रक्रिया को कम से कम 3 सोमवती तक करने से सभी समस्याओ से मुक्ति मिलती है।इस प्रदक्षिणा से पितृ दोष का भी निश्चित समाधान होता है।

👉 इस दिन जो भी स्त्री तुलसी या माँ पार्वती पर सिंदूर चढ़ा कर अपनी मांग में लगाती है वह अखंड सौभाग्यवती बनी रहती है।

👉 जिन जातको की जन्म पत्रिका में कालसर्प दोष है।वे लोग यदि मौनी अमावस्या पर चांदी के बने नाग-नागिन की विधिवत पूजा कर उन्हें नदी में प्रवाहित करे,शिव जी पर कच्चा दूध चढाये,पीपल पर मीठा जल चढ़ा कर उसकी परिक्रमा करें,धुप दीप दिखाए,ब्राह्मणों को यथा शक्ति दान दक्षिणा दे कर उनका आशीर्वाद ग्रहण करे तो निश्चित ही काल सर्प दोष की शांति होती है।

👉 इस दिन जो लोग व्यवसाय में परेशानी उठा रहे है,वे पीपल के नीचे तिल के तेल का दिया जलाकर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मन्त्र का कम से कम 5 माला जप करे तो व्यवसाय में आ रही दिक्कते समाप्त होती है।इस दिन अपने पितरों के नाम से पीपल का वृक्ष लगाने से जातक को सुख, सौभग्य,पुत्र की प्राप्ति होती है,एव पारिवारिक कलेश दूर होते है।

👉 इस दिन पवित्र नदियो में स्नान, ब्राह्मण भोज, गौ दान, अन्नदान, वस्त्र, स्वर्ण आदि दान का विशेष महत्त्व माना गया है,इस दिन गंगा स्नान का भी विशिष्ट महत्त्व है। माँ गंगा या किसी पवित्र सरोवर में स्नान कर शिव-पार्वती एवं तुलसी का विधिवत पूजा करें।




👉 भगवान् शिव पर बेलपत्र, बेल फल, मेवा, तिल मिश्रित मिठाई, जनेऊ का जोड़ा आदि चढ़ा कर ॐ नमः शिवाय की 11 माला करने से असाध्य कष्टो में भी कमी आती है।

👉 प्रातः काल शिव मंदिर में सवा किलो साबुत चांवल और तिल अथवा तिल मिश्रित मिष्ठान दान करे।

👉 सूर्योदय के समय सूर्य को जल में लाल फूल,चन्दन डाल कर गायत्री मन्त्र जपते हुए अर्घ देने से दरिद्रता दूर होती है।

👉मौनीअमावस्या को तुलसी के पौधे की ॐ नमो नारायणाय जपते हुए 108 बार परिक्रमा करने से दरिद्रता दूर होती है।

👉 जिन लोग का चन्द्रमा कमजोर है वो गाय को दही और चांवल खिलाये अवश्य ही मानसिक शांति मिलेगी।

👉 मन्त्र जप,साधना एवं दान करने से पूण्य की प्राप्ति होती है।

👉 इस दिन स्वास्थ्य, शिक्षा, कानूनी विवाद, आर्थिक परेशानियो और पति-पत्नी सम्बन्धि विवाद के समाधान के लिए किये गए उपाय अवश्य ही सफल होते है।

👉 इस दिन धोबी-धोबन को भोजन कराने,उनके बच्चों को किताबे मिठाई फल और दक्षिणा देने से सभी मनोरथ पूर्ण होते है।

👉 मौनीअमावस्या को भांजा,ब्राह्मण, और ननद को मिठाई, फल,खाने की सामग्री देने से उत्तम फल मिलाता है।

👉 इस दिन अपने आसपास के वृक्ष पर बैठे कौओं और जलाशयों की मछलियों को (चावल और घी मिलाकर बनाए गए) लड्डू दीजिए। यह पितृ दोष दूर करने का उत्तम उपाय है।

👉मौनीअमावस्या के दिन दूध से बनी खीर दक्षिण दिशा में (पितृ की फोटो के सम्मुख) कंडे की धूनी लगाकर पितृ को अर्पित करने से भी पितृ दोष में कमी आती है।

👉 मौनीअमावस्या के समय जब तक सूर्य चन्द्र एक राशि में रहे, तब कोई भी सांसरिक कार्य जैसे-हल चलाना, कसी चलाना, दांती, गंडासी, लुनाई, जोताई, आदि तथा इसी प्रकार से गृह कार्य भी नहीं करने चाहिए।




🔥 मौनी अमावस्या कथा

🌺कांचीपुरी में देवस्वामी नामक एक ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी का नाम धनवती था। उनके सात पुत्र तथा एक पुत्री थी। पुत्री का नाम गुणवती था। ब्राह्मण ने सातों पुत्रों को विवाह करके बेटी के लिए वर खोजने अपने सबसे बड़े पुत्र को भेजा। उसी दौरान किसी पण्डित ने पुत्री की जन्मकुण्डली देखी और बताया- “सप्तपदी होते-होते यह कन्या विधवा हो जाएगी।” तब उस ब्राह्मण ने पण्डित से पूछा- “पुत्री के इस वैधव्य दोष का निवारण कैसे होगा?” पंडित ने बताया- “सोमा का पूजन करने से वैधव्य दोष दूर होगा।” फिर सोमा का परिचय देते हुए उसने बताया- “वह एक धोबिन है। उसका निवास स्थान सिंहल द्वीप है। उसे जैसे-तैसे प्रसन्न करो और गुणवती के विवाह से पूर्व उसे यहाँ बुला लो।” तब देवस्वामी का सबसे छोटा लड़का बहन को अपने साथ लेकर सिंहल द्वीप जाने के लिए सागर तट पर चला गया। सागर पार करने की चिंता में दोनों एक वृक्ष की छाया में बैठ गए। उस पेड़ पर एक घोंसले में गिद्ध का परिवार रहता था। उस समय घोंसले में सिर्फ़ गिद्ध के बच्चे थे। गिद्ध के बच्चे भाई-बहन के क्रिया-कलापों को देख रहे थे। सायंकाल के समय उन बच्चों (गिद्ध के बच्चों) की माँ आई तो उन्होंने भोजन नहीं किया। वे माँ से बोले- “नीचे दो प्राणी सुबह से भूखे-प्यासे बैठे हैं। जब तक वे कुछ नहीं खा लेते, तब तक हम भी कुछ नहीं खाएंगे।” तब दया और ममता के वशीभूत गिद्ध माता उनके पास आई और बोली- “मैंने आपकी इच्छाओं को जान लिया है। इस वन में जो भी फल-फूल, कंद-मूल मिलेगा, मैं ले आती हूं। आप भोजन कर लीजिए। मैं प्रात:काल आपको सागर पार कराकर सिंहल द्वीप की सीमा के पास पहुंचा दूंगी।” और वे दोनों भाई-बहन माता की सहायता से सोमा के यहाँ जा पहुंचे। वे नित्य प्रात: उठकर सोमा का घर झाड़कर लीप देते थे।

🔥एक दिन सोमा ने अपनी बहुओं से पूछा- “हमारे घर कौन बुहारता है, कौन लीपता-पोतता है?” सबने कहा- “हमारे सिवाय और कौन बाहर से इस काम को करने आएगा?” किंतु सोमा को उनकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ। एक दिन उसने रहस्य जानना चाहा। वह सारी रात जागी और सब कुछ प्रत्यक्ष देखकर जान गई। सोमा का उन बहन-भाई से वार्तालाप हुआ। भाई ने सोमा को बहन संबंधी सारी बात बता दी। सोमा ने उनकी श्रम-साधना तथा सेवा से प्रसन्न होकर उचित समय पर उनके घर पहुंचने का वचन देकर कन्या के वैधव्य दोष निवारण का आश्वासन दे दिया। किंतु भाई ने उससे अपने साथ चलने का आग्रह किया। आग्रह करने पर सोमा उनके साथ चल दी। चलते समय सोमा ने बहुओं से कहा- “मेरी अनुपस्थिति में यदि किसी का देहान्त हो जाए तो उसके शरीर को नष्ट मत करना। मेरा इन्तजार करना।” और फिर सोमा बहन-भाई के साथ कांचीपुरी पहुंच गई। दूसरे दिन गुणवती के विवाह का कार्यक्रम तय हो गया। सप्तपदी होते ही उसका पति मर गया। सोमा ने तुरन्त अपने संचित पुण्यों का फल गुणवती को प्रदान कर दिया। तुरन्त ही उसका पति जीवित हो उठा। सोमा उन्हें आशीर्वाद देकर अपने घर चली गई। उधर गुणवती को पुण्य-फल देने से सोमा के पुत्र, जामाता तथा पति की मृत्यु हो गई। सोमा ने पुण्य फल संचित करने के लिए मार्ग में अश्वत्थ (पीपल) वृक्ष की छाया में विष्णु जी का पूजन करके 108 परिक्रमाएं कीं। इसके पूर्ण होने पर उसके परिवार के मृतक जन जीवित हो उठे।




🌟निष्काम भाव से सेवा का फल मधुर होता है, यही मौनी अमावस्या के व्रत का लक्ष्य है।

🔥मौनी अमावस्या 2024 तिथि व मुहूर्त

🔥मौनी अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त

🔥 अमावस्या तिथि – शुक्रवार 09 फरवरी 2024

🔥 अमावस्या तिथि आरंभ -सुबह 08:03 बजे से (09 फरवरी 2024

🔥 अमावस्या तिथि समाप्त – 04:29 बजे (09/10 फ़रवरी 2024)

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें…

🏵 प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,8272809774 *

Blog Tags:Mauni Amavasya

Post navigation

Previous Post: मानसिक दिव्यांगता वाले खिलाड़ियों के लिए पावर लिफ्टिंग की नेशनल चैंपियनशिप 26 फरवरी से
Next Post: Basant Panchami-2024 : बसंत पंचमी मनाने की जानें विधि, पौराणिक मान्यताएं, मां सरस्वती के विभिन्न स्वरूप

Related Posts

  • राजस्व मामलों का प्राथमिकता के आधार पर तय समय में करें निस्तारण : योगी आदित्यनाथ Blog
  • UP Police Infrastructure Development
    UP Police Infrastructure Development : दंगाइयों के लिए काल है पीएसी : सीएम Blog
  • बिधनू बीआरसी में शिक्षक
    दिव्यंगता को ताकत में बदलने का हुनर सीख रहे बिधनू बीआरसी में शिक्षक Blog
  • सिंह राशि
    सिंह राशि वालों के लिए कैसा रहेगा साल 2024, जानें डॉ रोशनी टाक से Blog
  • Shradh 2023
    Shradh 2023 : श्राद्ध में तर्पण से मिलता है पूर्वजों का आशीर्वाद, जानें अनुष्ठान, विशष स्थान, रखें एहतियात Blog
  • मोदी जी की राह रोकने को दंगाबाज और दगाबाज लगा रहे बैरियर : सीएम योगी Blog

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Famous songs of Karva Chauth
    भगवान शिव जी को आखिर क्यों इतना प्रिय है बिल्वपत्र, क्या-क्या चढ़ाने से क्या मिलता है लाभ धर्म अध्यात्म
  • मारुति सुजुकी
    पांच जनपदों में डीटीआई का ऑटोमेशन व मेंटिनेंस करेगी मारुति सुजुकी UP Government News
  • स्टैग ग्लोबल-टीएसएच 4th यूपी स्टेट रैंकिंग टेबल टेनिस टूर्नामेंट का भव्य उद्घाटन Sports
  • Fitness Model : बहुत पावरफुल ग्लैमरस खेल है फिटनेस मॉडलिंग : बिंदिया शर्मा मनोरंजन
  • एसएन सेन बालिका महाविद्यालय
    एसएन सेन बालिका महाविद्यालय में 563 छात्राओं को दिए गए स्मार्टफोन Education
  • स्टार फिटनेस मॉडल
    मुंबई की स्टार फिटनेस मॉडल व एथलीट हैं जानवी पांडव Motivation
  • Travellers Group of India
    Travellers Group of India : फेसबुक समूह ट्रैवलर्स ग्रुप ऑफ इंडिया ने किया अनूठा आयोजन Motivation
  • Rain in Kanpur
    Rain in Kanpur : बारिश ने बिगाड़ा कानपुर का मिजाज General

Copyright © 2025 .

Powered by PressBook News WordPress theme