Locknow: डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की दो छात्राओं ने पैरा बैडमिंटन के अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदकों की झड़ी लगाते हुए इतिहास रच दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन करने पर विश्वविद्यालय में जश्न का माहौल है। पुनर्वास विश्वविद्यालय की छात्रा स्वाति और कनक सिंह ने 1 से 6 जुलाई तक युगांडा की राजधानी कैंपाला में आयोजित युगांडा पैरा बैडमिंटन अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए अद्भुत प्रदर्शन करते हुए कुल पांच पदकों पर कब्जा जमा लिया है।
विश्व बैडमिंटन फेडरेशन द्वारा मान्यता प्राप्त इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का आयोजन 1–6 जुलाई तक युगांडा की राजधानी कैंपाला के लूगोगो एरेना में हुआ। इस टूर्नामेंट में 50 से अधिक देशों के उत्कृष्ट पैरा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पुनर्वास विश्वविद्यालय की बीए की छात्रा स्वाति ने (दिव्यांगता श्रेणी एसयू-5) महिला एकल में रजत पदक हासिल किया। स्वाति की जीत का सिलसिला यहीं नहीं रुका उसने महिला युगल में (सहभागी दिव्यांगत श्रेणी एसएल-3) के साथ मिलकर स्वर्ण पदक हासिल कर इतिहास रच दिया। जबकि स्वाति ने मिक्स डबल में कास्य झटक लिया तो वहीं विश्वविद्यालय की एमबीए की छात्रा कनक सिंह ने महिला एकल (दिव्यांगता श्रेणी एसएल-4) में कास्य जीता और महिला युगल प्रतियोगिता में अपने पार्टनर (दिव्यांगता श्रेणी एसयू-5) के साथ मिलकर कांस्य पदक पर कब्जा कर लिया। पुनर्वास विश्वविद्यालय के बैडमिंटन कोच इरशाद अहमद ने कहा कि दोनों खिलाड़ियों ने पूरे समाज के लिए यह संदेश दिया है कि चुनौतियां चाहे जैसी भी हों, सच्ची मेहनत और आत्मविश्वास से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। यू
इन उपलब्धियों से स्पष्ट होता है कि हमारी छात्राएं न केवल असीम संभावनाओं की धनी हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम ऊंचा करने में भी सक्षम हैं। इसकी प्रेरणा से हमारा विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश की युवा प्रतिभाएं नए आयाम स्थापित करेंगी।
-आचार्य संजय सिंह, कुलपति, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय
कोट
छात्राओं की ये सफलता हमारे विश्वविद्यालय के एथलेटिक्स व पुनर्वास संसाधनों की गुणवत्तापूर्ण उपलब्धि है। यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है।
-प्रो. पाण्डेय राजीवनयन, निर्देशक, क्रीड़ा एवं योग प्रकोष्ठ