लखनऊ: दो बार की मिस लखनऊ, मिस जिम और मिस इंडिया फिटनेस फिजिकल दिशा कुमारी का सफर भी ऐसा ही रहा। गरीबी झेली, लड़की होने की चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उनके जज्बे ने उन्हें लखनऊ के साथ ही पूरे देश में एक पहचान दिला दी। कुल मिलाकर कड़ा संघर्ष करने के बाद ही सफलता हासिल की जा सकती है।
विशेष बातचीत में दिशा कुमारी ने बताया कि बचपन से गरीबी झेली है मैंने। मेरी लाइफ में वो बात नहीं रही जो हर लड़की की लाइफ में होती है। मैं स्टडी नहीं कर पाई। मैंने कोई खास पढ़ाई नहीं की। लेकिन मेरी आंखों ने सपना देखा कि कुछ करना है। कभी मेरे अंदर का जज्बा कम नहीं हुआ। आर्मी में भर्ती होना चाहती थी, लेकिन स्टडी कम होने के कारण और हाइट कम होने के साथ ही घर की खराब आर्थिक स्थिति ने मुझे आगे नहीं बढ़ने दिया। लेकिन मैंने हार नहीं मानी।

कुछ नहीं मिला तो मैंने फिटनेस में हाथ आजमाया। मेरे भाई को देखकर हमें बहुत खुशी होती थी कि इतनी गरीबी देखने के बाद भी उन्होंने अपनी स्टडी पूरी की और बॉडीबिल्डिंग में नाम कमाया। मैं उनको देखकर बहुत मोटिवेट होती थी। मेरी फैमिली में आज तक कोई भी लड़की बाहर किसी तरह की गतिविधि में शामिल नहीं हुई थी, लेकिन मैंने काफी हिम्मत दिखाई।
मेरी मुलाकात आहना सिस्टर से हुई। उन्होंने हमें बहुत सपोर्ट किया। मैं उनके अंडर में आई और तीन महीने की ट्रेनिंग में मिस जिम का खिताब हासिल कर लिया। इसके बाद यह सफर आगे बढ़ता गया। इसके बाद दो बार मिस लखनऊ बनीं और फिर छह महीने की ट्रेनिंग में आहना दीदी ने हमें मिस इंडिया में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
यह खिताब जीतने मेरे लिए सपना था और इसे हासिल करने के बाद मेरा सपना पूरा हो गया। अब मैं ऑनलाइन पर्सनल ट्रेनिंग देती हूं और खुद भी नियमित अभ्यास कर रही हूं। मैं अपनी सफलता का श्रेय आहना दीदी को देती हूं। उन्होंने हर जगह, हर चुनौती में मेरा साथ दिया।