आखिर क्यों की जाती है गणेश-लक्ष्मी की पूजा (Ganesha and Lakshmi Pooja) एक साथ? तो आइए आज आपको इस विषय पर विस्तृत जानकारी दे रहे हैं श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदयरंजन शर्मा
🌟कोई भी शुभ कार्य गणेश पूजन के बगैर कभी पूरा नहीं होता। गणेश जी बुद्धि प्रदान करते हैं। वे विघ्न विनाशक और विघ्नेश्वर हैं। यदि व्यक्ति के पास खूब धन-सम्पदा है और बुद्धि का अभाव है तो वह उसका सदुपयोग नहीं कर पायेगा
💥इसलिए व्यक्ति का बुद्धिमान और विवेकी होना भी आवश्यक है। तभी धन के महत्व को समझा जा सकता है। गणेश लक्ष्मी की एक साथ पूजा के महत्त्व को कई कहानियों के माध्यम से बताया गया है।
आइये जाने ऐसी ही कहानी….
🔥शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी जी को धन और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। जिसकी वजह से लक्ष्मी जी को इसका अभिमान हो जाता है। विष्णु जी इस अभिमान को खत्म करना चाहते थे इसलिए उन्हों ने लक्ष्मी जी से कहा कि स्त्री तब तक पूर्ण नहीं होती है जब तक वह माँ ना बन जाये
🍁लक्ष्मी जी के कोई पुत्र नहीं था, इसलिए यह सुन के वे बहुत निराश हो गयी। तब वे देवी पार्वती के पास गयी मदद मांगने के लिए
🌸पार्वती जी को दो पुत्र थे इसलिए लक्ष्मी जी ने उनसे एक पुत्र को गोद लेने को कहा। पार्वती जी जानती थी कि लक्ष्मी जी एक स्थान पर लंबे समय नहीं रहती हैं
🏵इसलिए वे बच्चे की देख भाल नहीं कर पाएंगी। लेकिन उनके दर्द को समझते हुए उन्होंने अपने पुत्र गणेश को उन्हें सौप दिया
🌻इससे लक्ष्मी जो बहुत प्रसन्न हुई और उन्होंने कहा कि वे गणेश का बहुत ध्यान रखेंगी। और जो सुख और समृद्धि के लिए लक्ष्मी जी का पूजन करते हैं उन्हें उनसे पहले गणेश जी की पूजा करनी पड़ेगी, तभी मेरी पूजा संपन्न होगी
🔸प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,8272809774