कानपुर: भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की लड़खड़ाती हुई कई विकसित देशों की अर्थव्यवस्था के बीच में अपना नया मुकाम बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरी ताकत से प्रगति के पथ पर चल रही है। इसी की तारतम्यता में भारत के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े पाॅलीटेक्निक राजकीय पाॅलीटेक्निक कानपुर में प्रधानाचार्य श्री मुकेश चंद्र आनंद की प्रेरणा से सबसे ज्यादा प्लेसमेंट वाली डिप्लोमा शाखा टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के विभाग प्रभारी श्री अनूप चतुर्वेदी “नौकरी देने वाले बनें, न कि लेने वाले” के ध्येय वाक्य को साकार कर रहे हैं। इसी सोच के साथ उन्होंने टेक्सटाइल के पुराने छात्र श्री रुखसार अहमद, जो कि एक सफल उद्योगपति भी हैं, को काॅलेज में अतिथि व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया।

लेक्चर का विषय था “टेक्सटाइल डिप्लोमा के बाद उद्योग कैसे लगाएं एवं चलाएं”। अपने अनुभव के आधार पर श्री रुखसार अहमद द्वारा कही गई प्रेरणादायी बातों को सुनकर छात्र-छात्राओं की आंखों में भविष्य को लेकर चमक आ गई। कार्यक्रम के दौरान 250 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। छात्रों ने टेक्सटाइल में डिप्लोमा के बाद अपने करियर को लेकर तमाम सवाल किए। जिनका श्री रुखसार ने एक्सपर्ट तरीके से क्षेत्रीय भाषा में जवाब दिया। इससे छात्रों को तमाम आशंकाओं का आसान समाधान मिल गया।

श्री रुखसार अहमद ने कानपुर पाॅलीटेक्निक के टेक्सटाइल डिपार्टमेंट से वर्ष 1992 में डिप्लोमा पूरा किया था। वर्तमान में वह गुजरात के अहमदाबाद शहर में टेक्सटाइल के क्षेत्र में बड़ा नाम बन चुके हैं।
कार्यक्रम के दौरान श्री रुखसार के साथ उनकी बेटी डा. सादिया भी मौजूद रहीं। वह अपने पिता के पूर्व काॅलेज को देखकर बेहद प्रसन्न और रोमांचित हुईं।

टेक्सटाइल डिपार्टमेंट के विभाग प्रभारी श्री अनूप चतुर्वेदी जी ने बताया कि टेक्सटाइल के क्षेत्र में करियर में असीम संभावनाएं हैं। बस मेहनत और लगन से शिक्षा प्राप्त करने की जरूरत है ताकि भविष्य में मिसाल कायम कर सकें। साथ ही जूनियर छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत बन सकें।

कानपुर पाॅलीटेक्निक के प्रधानाचार्य श्री मुकेश चंद्र आनंद जी के कुशल दिशा-निर्देशन में काॅलेज लगातार तरक्की कर रहा है। शिक्षा का माहौल लगातार बेहतर हो रहा है। कार्यक्रम के दौरान प्रवक्ता श्रीमती अनुभा गुप्ता और श्रीमती अंजलि पटेल मौजूद रहीं।
