कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) कानपुर में 25 सितंबर को प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी, प्रखर चिंतक और समाज को नई दिशा देने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय (Pandit Deendayal Upadhyay) की 109वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संघ के वरिष्ठ प्रचारक रामाशीष जी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि दीनदयाल जी की जीवन दिशा कानपुर से ही प्रारंभ हुई थी। दीनदयाल जी ने यहां सनातन धर्म काॅलेज से बीए की पढ़ाई की। शिक्षा ग्रहण करने के दौरान उन्होंने न सिर्फ अपने विषयों पर गहन अध्ययन किया बल्कि समाज की गतिविधियों में भी अपने आप को सक्रिय रूप से जोड़ लिया। इसी दौरान वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में जुड़ गए और समाज और राष्ट्र समर्पित हो गए।
कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने कहा कि हम अपने महापुरुषों को जानते तो हैं पर मानते नहीं। आज की पीढ़ी को महापुरुषों के विचारों को अपने जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने कहा कि पं दीनदयाल में आकाश सा व्यक्तित्व, समुद्र सी सोच और समय पर पद चिन्ह छोड़ जाने की अदम्य क्षमता थी। जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी राष्ट्र को समर्पित कर दी। अपने गहन चिंतन से राजनीति ही नहीं राष्ट्रनीति की भी नई परिभाषा लिख दी थी।
दीनदयाल शोध केंद्र के निदेशक प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी ने कहा कि हम दीनदयाल जी की सीख से देश को शीर्ष पर ले जा सकते हैं। वह बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी थी। उनके सिद्धांत देश की नीति निर्धारण वाले थे। उन्होंने हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में गोल्ड मैडल प्राप्त हुआ था। सीकर के महाराजा ने उनकी प्रतिभा को देखकर छात्रवृत्ति प्रदान की।
कार्यक्रम के दौरान मास कम्युनिकेशन के छात्रों ने दीनदयाल जी पर निर्मित डाक्यूमेंट्री फिल्म की भी प्रदर्शित की। कार्यक्रम का संचालन डा. दिवाकर अवस्थी और धन्यवाद वरिष्ठ आचार्य श्रवण कुमार द्विवेदी ने दिया। शोधकेंद्र में विश्वविद्यालय से जुड़े तमाम लोग मौजूद रहें।