- बरेली समेत छह शहरों में लाइट मेट्रो के संचालन पर कवायद तेज
- कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान की कवायद में जुटी राइट्स एजेंसी
- लखनऊ की कार्यदायी एजेंसी बरेली में लाइट मेट्रो रूट बना रही
- बरेली विकास प्राधिकरण और राइट्स अफसरों के बीच हुआ मंथन
24 सितंबर, बरेली। स्मार्ट सिटी में लाइट मेट्रो (Light Metro) दौड़ाने के लिए अफसरों ने कवायद तेज कर दी है। सीएमपी (कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान) पर कवायद शुरू हो गई है। स्मार्ट सिटी में कहां कहां लाइट मेट्रो का संचालन होगा इसको लेकर रूट प्लान तैयार किया जा रहा है। कार्यदायी एजेंसी राइट्स और बरेली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच मंथन शुरू हो गया है। पुराने सर्वे और नये रूट प्लान के मुताबिक डीपीआर का खाका खींचा जा रहा है।
योगी सरकार ने बरेली समेत प्रदेश के छह शहरों में लाइट मेट्रो के संचालन को हरी झंडी दी थी। 2024 से पहले इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की तैयारी हो रही है। कार्यदायी संस्था राइट्स के विशेषज्ञों ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सर्वे कर रूट तय किए थे। रूट में अधिक व्यस्तता वाले एयरपोर्ट से सेटेलाइट, सेटेलाइट से रेलवे स्टेशन को पहले चरण में बनाने का प्लान बनाया था। प्लान पर अंतिम मुहर लगाने से पहले अफसरों ने जनप्रतिनिधियों के साथ सर्वे और रूट को साझा करते हुए चर्चा भी की थी। कार्यदायी संस्था द्वारा अब तक किए गए सर्वे के आधार पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
2041 तक की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार होगी डीपीआर
स्मार्ट सिटी बरेली में लाइट मेट्रो के संचालन का प्लान 2041 तक की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा। जानकारों ने बताया कि मेट्रो लाइट की एक ट्रेन में तीन छोटे कोच होंगे। एक कोच में 70 से 80 के बैठने की क्षमता होगी। डीपीआर बनाने के लिए राइट्स को जिम्मेदारी सौपी गई है। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। डीपीआर बनने के बाद कोच का डिजाइन, उसकी पटरी बिछाने के लिए अन्य कार्य शुरू कराया जाएगा।
शहर में लाइट मेट्रो का इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए राइट्स समेत अन्य तकनीकी डेलीगेड्स बाहर से आएंगे। लाइट मेट्रो का परिचालन पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पद्धति पर भी हो सकता है। जिसमें स्टेशनों को लीज पर दिया जाता है और इससे होने वाली कमाई से शासन से लेकर संचालन एजेंसी को भी फायदा होता है। इसी तर्ज पर बरेली में भी लाइट मेट्रो का संचालन की तैयारी हो रही है। हालांकि अभी डीपीआर तैयार की जा रही है।
परियोजना पर खर्च होंगे पांच हजार करोड़
करीब 20 किलोमीटर लंबाई वाले रूट के लिए कार्यदायी संस्था राइट्स के साथ 1.16 करोड़ रूपये में अनुबंध पहले ही बीडीए का हो चुका है। इस रकम से राइट्स डीपीआर तैयार करेगी। अफसरों के अनुसार लाइट मेट्रो चलाने के लिए करीब पांच हजार करोड़ रूपये लागत आएगी। हालांकि डीपीआर बनने के बाद ही लागत स्पष्ट हो पाएगी। वीडियो उपाध्यक्ष जोगेंद्र सिंह ने बताया कि लाइट मेट्रो के लिए कार्यदायी एजेंसी के अधिकारियों के साथ मंथन हो रहा है। डीपीआर तैयार होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। फिलहाल राइट्स की टीम लगातार शहर का सर्वे कर रही हैं।