कानपुर (Rain in Kanpur) : बारिश ने जाते जाते कानपुर वासियों को खूब छकाया। मंगलवार पूरी रात बदरा खूब बरसे। शुबह जब लोग उठे तो सब तरफ पानी ही पानी था। स्कूल जाना, आॅफिस जाना, दुकान खोलना, सबकुछ एक मुसीबत भरा लग रहा था। घर की गलियां हो या वीआईपी रोड या फिर जीटी रोड। सब तालाब में तबदील हो गए। कई व्यस्त सड़कों में तो लगातार ज्वार-भाटा आता रहा।
जरीब चैकी के पास जीटी रोड पर बड़े से गड्ढे में बड़ी सी बस फंस गई। फिर क्या था जाम ही जाम। पानी में कोई गड्ढा दिख ही नहीं रहा था। लोग कराह उठे। आॅफिस जाने की जल्दी में कईयों की आंखों से आंसू आ गए। घंटों की मसक्कत के बाद भी बस निकलने का नाम नहीं ले रही थी।
बारिश की बात हो और कानपुर में अफीम कोठी यानी हाथी पुल की बात न हो ऐसा तो ही नहीं सकता। कहते हैं कभी बारिश में यहां हाथी तक डुबाउ पानी भर जाता था। बक्त के साथ चीजे बदल जाती हैं, पानी अब भी उतना ही भरता है पर नगर निगम कई मशीनों को लगाकर पानी निकाल देता है।
यहां सुबह पानी तो साफ हो गया था, पर कीचड़ और फिसलन पीछे छोड़ गया था। जिससे पैदल चलना भी मुसीबत भरा था। चूंकी बारिश के कारण यहां कई लोगों की डूबकर मौत हो चुकी है। इसलिए नगर निगम पहले ही रास्ता ब्लाक कर देता है। ऐसे में दक्षिण से उत्तर जाना और उत्तर से दक्षिण जाना बेहद दुरुह काम हो जाता है। इसका असर गोविंदपुरी और दादा नगर पुल पर दिखाई दिया।
विजय नगर के पास तो जाम में स्कूली बच्चे भी फंसे रहे। गाड़िया तो छोड़िये जनाब, पैदल वाले भी रेंग रेंग कर चल रहे थे। विजय नगर रोड पर जलभराव और गाड़ियों के बीच खूब दो दो हाथ होते रहे। जो किनारे से निकल गया सो बच गया, जिसने बीच में घुसने की कोशिश की उसे भिंगा दिया।
शारदा नगर में नर्सिंग होम के सामने बड़ा पेड़ भरभरा कर गिर गया। वह पूरी सड़क पर पसर गया। शुक्र है रात में गिरा इसलिए एक कार दबी, नहीं तो कुछ और लोग दब जाते। खैर अभी देर तक पेड़ को हटाने के इंतजाम नहीं थे, इसलिए बाइक सावार किसी तरह डाल हटाकर निकल रहे थे। गुरुदेव पैलेस के पास पानी ने तो बेहाल ही कर दिया। ये कुछ दृश्य तो कानपुर की बानगी मात्र हैं पूरे शहर की हालत खस्ता है।