नई दिल्ली : भारत में चल रहा आईसीसी वनडे विश्व कप-2023 राउंड रोबिन फार्मेट (Round-Robin Formet ) में खेला जा रहा है। वनडे विश्व कप में ऐसा सिर्फ तीसरी बार हो रहा है। सबसे पहले यह फार्मेट 1992 में अपनाया गया था। इसके बाद 2019 का विश्व कप इसी के आधार पर हुआ था। बात अगर भारत की करें राउंड रोबिन फार्मेट भारतीय टीम के लिए अच्छा नहीं रहा।
1992 में भारतीय टीम आठ मैचों में सिर्फ दो जीत पाई। और सातवें स्थान पर रहते हुए सेमीफानल से पहले ही सफर समाप्त हो गया था। वहीं 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को हरा दिया था।
राउंड रोबिन में सभी टीमें एक दूसरे से टकराती हैं। चूंकि 10 टीमें खेल रही हैं। इसलिए प्रत्येक टीम को 9-9 मैच खेलने होंगे। मैच जीतने पर 2 अंक मिलेंगे। जबकि टाई होने या फिर रद होने की स्थिति में 1-1 अंक बांट दिया जाएगा।
पांइट्स टेबल में टाॅप रहने वाली चार टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी। इसके लिए 7 जीत जरूरी है। 6 जीत होने पर टीमों को नेट रन रेट पर डिपेंड रहना पड़ सकता है। पिछली बार न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के 11-11 पॉइंट्स थे, लेकिन बेहतर रन रेट के कारण न्यूजीलैंड ने क्वालिफाई किया था।
पहला सेमीफाइनल प्वाइंट टेबल में पहले और चौथे स्थान में रहने वाली टीम से होगा। वहीं दूसरा सेमीफाइनल दूसरे और तीसरे नंबर पर रहने वाली टीम से होगा।
राउंड रोबिन (Round-Robin Formet ) में सभी टीमों का प्रतिभा दिखाने का समान अवसर मिलता है। इसमें किसी पक्षपात की कोई गुंजाईश नहीं रहती है।
आईसीसी के अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के अलवा आईपीएल और बैश लीग ‘बीबीएल‘ जैसी घरेलू श्रंखलाओं में इसका इस्तेमाल किया किया जाता है।