Skip to content

The Xpress News

  • Home
  • धर्म अध्यात्म
  • Health
  • Blog
  • Toggle search form
  • पीसीएस जे उत्तीर्ण होने पर ब्रजेश पटेल को मिला जयनारायण रत्न अवॉर्ड Blog
  • Wimbledon- 2025
    Wimbledon- 2025 : सबालेंका ने स्थानीय दावेदार राडुकानु को दी शिकस्त Sports
  • जय नारायण विद्या मंदिर
    जय नारायण विद्या मंदिर के विद्यार्थियों ने ली यातायात के नियम पालन की शपथ, देखें वीडियो Education
  • मकर संक्रांति
    Vedic Raksha bandhan : जानें वैदिक रक्षा सूत्र बनाने की विधि, पांच वस्तुओं का महत्त्व व राखी मंत्र धर्म अध्यात्म
  • IPL-2025 : लेंथ पर नियंत्रण और विविधतापूर्ण गेंदबाजी से खतरनाक बन जाता है दिग्वेश: वाटसन Sports
  • Sports Week Ends
    Sports Week Ends : क्रीडा भारती खेल सप्ताह का खेल प्रशिक्षकों के सम्मान के साथ समापन Sports
  • अलीगढ़
    बढ़ाए गए बिजली बिल के लिए सौंपा ज्ञापन Blog
  • Hariyali Teej
    गुरुपुष्य योग में किए गए हर कार्य का उत्तम फल होता है प्राप्त धर्म अध्यात्म
Hariyali Teej

Shitala Shashthi 2024 : शीतला षष्ठी व्रत से पुत्र और सौभाग्य की प्राप्ति होती है

Posted on February 9, 2024 By Manish Srivastava No Comments on Shitala Shashthi 2024 : शीतला षष्ठी व्रत से पुत्र और सौभाग्य की प्राप्ति होती है

अलीगढ़ (Shitala Shashthi 2024) : शीतला षष्ठी 15 फरवरी गुरुवार को है। व्रत विधान एवं फल के विषय में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा जी।

शीतला षष्ठी व्रत का पालन महिलाएं करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से दैहिक और दैविक ताप से मुक्ति मिलती है। साथ ही यह व्रत पुत्र प्रदान करने वाला और सौभाग्य देने वाला होता है। जो महिलाएं पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखती हैं उनके लिए ये व्रत उत्तम कहा गया है। साथ ही इस व्रत को करने से मन शीतल रहता है। इसके अलावा चेचक से भी मुक्ति मिलती है।

🏵️व्रत विधि
〰️〰️〰️
शीतला षष्ठी व्रत के दिन व्रत रखने वालों को जल्दी उठाना चाहिए। इसके बाद ठंडे पानी से नहाकर शीतला माता की पूजा करें। इस दिन गर्म खाद्य-पदार्थ का सेवन नहीं किया जाता है। साथ ही गर्म पानी से स्नान करना भी वर्जित है। इसलिए इसका ध्यान रखें।

शीतला षष्ठी के दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। इस दिन चूल्हे का पूजन किया जाता है। पूजा के लिए सभी नैवेद्य या भोग एक दिन पहले ही बना लेना चाहिए। लकड़ी के पटरे या चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर, उस पर शीतला माता की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें।

स्वयं आसन पर बैठकर सर्वप्रथम
निम्नलिखित संकल्प करना चाहिए इसके बाद शीतला माता के चरणों को धोने के लिए जल अर्पित करें तदुपरान्त आचमन करने के लिए जल अर्पित करें और अन्त में स्नान लिए जल अर्पित करें।सामान्य मन्त्रोच्चारण के साथ वस्त्र अर्पित करें🔷 ‘इदं वस्त्र समर्पयामि, ॐ श्रीं शीतलायै नमः’ इसके बाद चंदन और अक्षत का तिलक अर्पित करें। फिर पुष्प और पुष्पमाला अर्पित करें। इसके बाद शीतला माता को धूप-दीप दिखाएँ। भोग में जो बासा कल रात बनाया हो उस भोजन का भोग अर्पित करें। इसके बाद शीतला षष्ठी व्रत की कथा सुनें-सुनाएँ। कथा के बाद शीतला माता की आरती करें। पूजा के बाद दोनों हाथ जोड़कर शीतला माता से क्षमा प्रार्थना करते हुए कहें🔷

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वरि॥
मन्त्रहीन क्रियाहींन भक्तिहीनं सुरेश्वरि।
यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे॥




🌻शीतला षष्ठी व्रत कथा
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
पौराणिक काल की बात है एक गांव में एक वृद्ध ब्राह्मण दम्पति रहते थे। उनके सात पुत्र और पुत्रवधु थी, किन्तु दुर्भाग्यवश सभी पुत्र नि:संतान थे। एक वृद्धा ने उस ब्राह्मणी को कहा कि वे अपने सभी पुत्रवधुओं सहित शीतला माता का षष्ठी व्रत करें। उस वृद्धा की बात मानकर ब्राह्मणी ने अपनी सभी पुत्रवधुओं सहित शीतला माता का षष्ठी व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से उसकी सभी पुत्रवधुओं को संतान का सुख प्राप्त हुआ। भूलवश एक बार ब्राह्मणी तथा उसकी बहुओं ने शीतला व्रत विधि के विपरीत गर्म जल से स्नान कर लिया तथा आग जलाकर व्रत के दिन भोजन बनाकर भोजन कर लिया। इससे शीतला माता रूष्ठ हो गईं और उसी रात ब्राह्मणी ने भयानक स्वप्न देखा और उसकी आँख खुल गई। जागने पर उसने देखा कि उसके परिवार के सभी सदस्य मृत हो चुके हैं।

यह देखकर ब्राह्मणी विलाप करने लगी। उसके विलाप को सुनकर पास पड़ोस के लोग इकट्ठे हो गए और उन्होंने उस ब्राह्मणी को कहा कि यह सब शीतला माता का प्रकोप है क्योंकि तुमने शीताला षष्ठी के व्रत में गर्म जल से स्नान तथा गर्म भोजन कर व्रत भंग किया है। यह सुनकर वह रोती हुई घने वन की ओर जाने लगी। रास्ते में उसे एक बुढ़िया दिखाई पड़ी, वह बुढ़िया अग्नि की ज्वाला में तड़प रही थी।

बुढ़िया ने ब्राह्मणी से कहा कि इस जलन को दूर करने के लिए उसके शरीर पर दही का लेप करें। तब उस ब्राह्मणी ने कहीं से दही लाकर बुढ़िया के शरीर पर लगाया जिससे उस बुढ़िया की जलन समाप्त हो गई। तब उस ब्राह्मणी ने उस बुढ़िया रूपी माता से अपने भूल की क्षमा मांगी और अपने परिवार को पुन: जीवित करने की याचना की।

शीतला माता उस ब्राह्मणी का पश्चाताप देखकर उससे कहा कि वह अपने घर जाए और परिवार के सभी सदस्य पर दही का लेप करे। ब्राह्मणी ने वैसा ही किया। शीतला माता की कृपा से ब्राह्मणी के परिवार के सभी सदस्य जीवित हो गए। उस दिन से ही इस व्रत को संतान की प्राप्ति तथा दीर्घायु के लिए किया जाता है।




♦️|| दोहा ||♦️

जय जय माता शीतला तुमही धरे जो ध्यान।
होय बिमल शीतल हृदय विकसे बुद्धी बल ज्ञान ॥

घट घट वासी शीतला शीतल प्रभा तुम्हार।
शीतल छैंय्या शीतल मैंय्या पल ना दार ॥

🌺माता शीतला जी की आरती
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता
आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता | जय

रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता,
ऋद्धिसिद्धि चंवर डोलावें, जगमग छवि छाता | जय

विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता,
वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता | जय

इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा,
सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता | जय

घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता,
करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता | जय

ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता,
भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता | जय

जो भी ध्यान लगावैं प्रेम भक्ति लाता,
सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता | जय

रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता,
कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता | जय

बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता,
ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता | जय

शीतल करती जननी तुही है जग त्राता,
उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता | जय

दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता,
भक्ति आपनी दीजै और न कुछ भाता | जय

🏵️प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार वाले पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी वाट्सएप नंबर.9756402981,7500048250

धर्म अध्यात्म Tags:Shitala Shashthi 2024, माता शीतला का दोहा, माता शीतला जी की आरती, शीतला षष्ठी व्रत कथा

Post navigation

Previous Post: चौधरी चरण सिंह सच्चे अर्थों में लोकतंत्र के साधक : योगी आदित्यनाथ
Next Post: Magh Gupta Navratri : माघ गुप्त नवरात्रि 10 से 18 फरवरी तक, जानें पूजा विधि कथा व मुहूर्त

Related Posts

  • Yogi visit in Pune
    Yogi visit in Pune : भक्ति और शक्ति का मिलन होता है तो टूट जाती है गुलामी की दासता : योगी आदित्यनाथ धर्म अध्यात्म
  • Pancham Skandamata
    Pancham Skandamata : पंचम स्कंदमाता.19 अक्टूबर 2023 दिन गुरुवार धर्म अध्यात्म
  • Basant Panchami 2024
    Shardiya Navratri 2023 : नवरात्रि में स्थापना के साथ वोने वाले जौ विषय में जानें धर्म अध्यात्म
  • PM Modi in Meera house
    PM Modi in Meera house : अयोध्या में मीरा के घर अचानक चाय पीने पहुंचे पीएम मोदी धर्म अध्यात्म
  • Hariyali Teej
    Shravan month special : भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली हर चीज़ का फल होता है अलग धर्म अध्यात्म
  • Ramotsav 2024
    Ramotsav 2024 : 30 दिसंबर को त्रेतायुगीन वैभव में नजर आएगी रामनगरी धर्म अध्यात्म

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Ayodhya Greenfield Township
    Ayodhya Greenfield Township : 25 हजार श्रद्धालुओं के रुकने के लिए तैयार हो रही टेंट सिटी धर्म अध्यात्म
  • डॉ. मधुलिका शुक्ला
    विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने डॉ. मधुलिका शुक्ला को किया सम्मानित Blog
  • लता मंगेशकर चौक
    लता मंगेशकर चौक की सुंदरता देख पीएम हुए भाव विभोर, सीएम योगी से ली जानकारी Blog
  • Voter Oath
    Voter Oath : बरेली मंडल के रेलवे कर्मियों ने ली मतदान की शपथ धर्म अध्यात्म
  • रामोत्सव 2024
    रामोत्सव 2024 : 4115.56 करोड़ रुपये की 50 परियोजनाओं के जरिए नव्य-भव्य रूप में सजकर तैयार है अयोध्या धर्म अध्यात्म
  • TSH Stag Global 3rd यूपी स्टेट रैंकिंग टेबल टेनिस टूर्नामेंट 14 से Sports
  • वृद्धजनों के हुनर से सजा मंच, रामलीला का भावपूर्ण हुआ मंचन UP Government News
  • Narak Chaturdashi 2023
    Narak Chaturdashi 2023 : नरक चतुर्दशी का जानें शुभ मुहूर्त, पौराणिक कथा शुभ नियम धर्म अध्यात्म

Copyright © 2025 .

Powered by PressBook News WordPress theme