Skip to content

The Xpress News

  • Home
  • धर्म अध्यात्म
  • Health
  • Blog
  • Toggle search form
  • Panic button on vehicles
    Panic button on vehicles : यूपी में पैनिक बटन से सुरक्षित होगा बेटियों का सफर UP Government News
  • Raill
    Kashi Tamil Sangamam Special Special Train : काशी तमिल संगमम के अवसर पर चलेगी विशेष गाड़ी, जानें पूरा शेड्यूल Blog
  • Makar Sankranti 2025
    Ganga Dussehra 2024 : आखिर गंगास्नान करने पर भी क्यों नहीं मिटते लोगो के किए हुए पाप धर्म अध्यात्म
  • Karni Fashion
    Karni Fashion : राजस्थानी संस्कृति की अद्भुत झलक है करणी फैशन : रतन चौहान Blog
  • कर्क राशि
    वृषभ राशि वालों के लिए कैसा रहेगा नया साल, जाने डॉ. रोशनी टाक से धर्म अध्यात्म
  • ऑपरेशन सिंदूर तिरंगा यात्रा जय नारायण विद्या मंदिर से हुई रवाना General
  • माइक्रोबायोलॉजी
    डॉ. दीपिका शुक्ला ने “इंट्रोडक्शन ऑफ ए माइक्रोबायोलॉजी” किताब लिख शिक्षा जगत में जमाई धाक Health
  • धर्मनगरी अयोध्या
    प्रधानमंत्री के आगमन पर त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप सुसज्जित होगी धर्मनगरी अयोध्या धर्म अध्यात्म
Shravan month special

Shitala Shashthi 2024 : शीतला षष्ठी व्रत से पुत्र और सौभाग्य की प्राप्ति होती है

Posted on February 9, 2024 By Manish Srivastava No Comments on Shitala Shashthi 2024 : शीतला षष्ठी व्रत से पुत्र और सौभाग्य की प्राप्ति होती है

अलीगढ़ (Shitala Shashthi 2024) : शीतला षष्ठी 15 फरवरी गुरुवार को है। व्रत विधान एवं फल के विषय में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा जी।

शीतला षष्ठी व्रत का पालन महिलाएं करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से दैहिक और दैविक ताप से मुक्ति मिलती है। साथ ही यह व्रत पुत्र प्रदान करने वाला और सौभाग्य देने वाला होता है। जो महिलाएं पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखती हैं उनके लिए ये व्रत उत्तम कहा गया है। साथ ही इस व्रत को करने से मन शीतल रहता है। इसके अलावा चेचक से भी मुक्ति मिलती है।

🏵️व्रत विधि
〰️〰️〰️
शीतला षष्ठी व्रत के दिन व्रत रखने वालों को जल्दी उठाना चाहिए। इसके बाद ठंडे पानी से नहाकर शीतला माता की पूजा करें। इस दिन गर्म खाद्य-पदार्थ का सेवन नहीं किया जाता है। साथ ही गर्म पानी से स्नान करना भी वर्जित है। इसलिए इसका ध्यान रखें।

शीतला षष्ठी के दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। इस दिन चूल्हे का पूजन किया जाता है। पूजा के लिए सभी नैवेद्य या भोग एक दिन पहले ही बना लेना चाहिए। लकड़ी के पटरे या चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर, उस पर शीतला माता की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें।

स्वयं आसन पर बैठकर सर्वप्रथम
निम्नलिखित संकल्प करना चाहिए इसके बाद शीतला माता के चरणों को धोने के लिए जल अर्पित करें तदुपरान्त आचमन करने के लिए जल अर्पित करें और अन्त में स्नान लिए जल अर्पित करें।सामान्य मन्त्रोच्चारण के साथ वस्त्र अर्पित करें🔷 ‘इदं वस्त्र समर्पयामि, ॐ श्रीं शीतलायै नमः’ इसके बाद चंदन और अक्षत का तिलक अर्पित करें। फिर पुष्प और पुष्पमाला अर्पित करें। इसके बाद शीतला माता को धूप-दीप दिखाएँ। भोग में जो बासा कल रात बनाया हो उस भोजन का भोग अर्पित करें। इसके बाद शीतला षष्ठी व्रत की कथा सुनें-सुनाएँ। कथा के बाद शीतला माता की आरती करें। पूजा के बाद दोनों हाथ जोड़कर शीतला माता से क्षमा प्रार्थना करते हुए कहें🔷

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वरि॥
मन्त्रहीन क्रियाहींन भक्तिहीनं सुरेश्वरि।
यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे॥




🌻शीतला षष्ठी व्रत कथा
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
पौराणिक काल की बात है एक गांव में एक वृद्ध ब्राह्मण दम्पति रहते थे। उनके सात पुत्र और पुत्रवधु थी, किन्तु दुर्भाग्यवश सभी पुत्र नि:संतान थे। एक वृद्धा ने उस ब्राह्मणी को कहा कि वे अपने सभी पुत्रवधुओं सहित शीतला माता का षष्ठी व्रत करें। उस वृद्धा की बात मानकर ब्राह्मणी ने अपनी सभी पुत्रवधुओं सहित शीतला माता का षष्ठी व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से उसकी सभी पुत्रवधुओं को संतान का सुख प्राप्त हुआ। भूलवश एक बार ब्राह्मणी तथा उसकी बहुओं ने शीतला व्रत विधि के विपरीत गर्म जल से स्नान कर लिया तथा आग जलाकर व्रत के दिन भोजन बनाकर भोजन कर लिया। इससे शीतला माता रूष्ठ हो गईं और उसी रात ब्राह्मणी ने भयानक स्वप्न देखा और उसकी आँख खुल गई। जागने पर उसने देखा कि उसके परिवार के सभी सदस्य मृत हो चुके हैं।

यह देखकर ब्राह्मणी विलाप करने लगी। उसके विलाप को सुनकर पास पड़ोस के लोग इकट्ठे हो गए और उन्होंने उस ब्राह्मणी को कहा कि यह सब शीतला माता का प्रकोप है क्योंकि तुमने शीताला षष्ठी के व्रत में गर्म जल से स्नान तथा गर्म भोजन कर व्रत भंग किया है। यह सुनकर वह रोती हुई घने वन की ओर जाने लगी। रास्ते में उसे एक बुढ़िया दिखाई पड़ी, वह बुढ़िया अग्नि की ज्वाला में तड़प रही थी।

बुढ़िया ने ब्राह्मणी से कहा कि इस जलन को दूर करने के लिए उसके शरीर पर दही का लेप करें। तब उस ब्राह्मणी ने कहीं से दही लाकर बुढ़िया के शरीर पर लगाया जिससे उस बुढ़िया की जलन समाप्त हो गई। तब उस ब्राह्मणी ने उस बुढ़िया रूपी माता से अपने भूल की क्षमा मांगी और अपने परिवार को पुन: जीवित करने की याचना की।

शीतला माता उस ब्राह्मणी का पश्चाताप देखकर उससे कहा कि वह अपने घर जाए और परिवार के सभी सदस्य पर दही का लेप करे। ब्राह्मणी ने वैसा ही किया। शीतला माता की कृपा से ब्राह्मणी के परिवार के सभी सदस्य जीवित हो गए। उस दिन से ही इस व्रत को संतान की प्राप्ति तथा दीर्घायु के लिए किया जाता है।




♦️|| दोहा ||♦️

जय जय माता शीतला तुमही धरे जो ध्यान।
होय बिमल शीतल हृदय विकसे बुद्धी बल ज्ञान ॥

घट घट वासी शीतला शीतल प्रभा तुम्हार।
शीतल छैंय्या शीतल मैंय्या पल ना दार ॥

🌺माता शीतला जी की आरती
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता
आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता | जय

रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता,
ऋद्धिसिद्धि चंवर डोलावें, जगमग छवि छाता | जय

विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता,
वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता | जय

इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा,
सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता | जय

घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता,
करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता | जय

ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता,
भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता | जय

जो भी ध्यान लगावैं प्रेम भक्ति लाता,
सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता | जय

रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता,
कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता | जय

बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता,
ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता | जय

शीतल करती जननी तुही है जग त्राता,
उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता | जय

दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता,
भक्ति आपनी दीजै और न कुछ भाता | जय

🏵️प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार वाले पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी वाट्सएप नंबर.9756402981,7500048250

धर्म अध्यात्म Tags:Shitala Shashthi 2024, माता शीतला का दोहा, माता शीतला जी की आरती, शीतला षष्ठी व्रत कथा

Post navigation

Previous Post: चौधरी चरण सिंह सच्चे अर्थों में लोकतंत्र के साधक : योगी आदित्यनाथ
Next Post: Magh Gupta Navratri : माघ गुप्त नवरात्रि 10 से 18 फरवरी तक, जानें पूजा विधि कथा व मुहूर्त

Related Posts

  • Makar Sankranti 2025
    Ganga Dussehra 2024 : आखिर गंगास्नान करने पर भी क्यों नहीं मिटते लोगो के किए हुए पाप धर्म अध्यात्म
  • Shardiya Navratri 2023
    Shardiya Navratri 2023 : नवरात्री व्रत के दौरान क्या करें, क्या न करें धर्म अध्यात्म
  • Navratri 2023
    Navratri 2023 : माँ दुर्गा से जुड़े कुछ बेहद रोचक व भक्तिपूर्ण प्रेरक प्रसंगों की जानकारी धर्म अध्यात्म
  • Shri Krishna Janmashtami
    28 अप्रैल से सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों पर लगी सवा दो महीने तक रोक धर्म अध्यात्म
  • Shri Hanuman Jayanti
    Hanuman ji worship on Chhoti Diwali : छोटी दिपावली पर हनुमान जी की पूजा का जानें महत्व धर्म अध्यात्म
  • Makar Sankranti 2025
    Shardiya Navaratri : नौ ग्रहों को नियंत्रित करते हैं मां दुर्गा के नौ स्वरूप धर्म अध्यात्म

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Panic button on vehicles
    Panic button on vehicles : यूपी में पैनिक बटन से सुरक्षित होगा बेटियों का सफर UP Government News
  • Raill
    Kashi Tamil Sangamam Special Special Train : काशी तमिल संगमम के अवसर पर चलेगी विशेष गाड़ी, जानें पूरा शेड्यूल Blog
  • Makar Sankranti 2025
    Ganga Dussehra 2024 : आखिर गंगास्नान करने पर भी क्यों नहीं मिटते लोगो के किए हुए पाप धर्म अध्यात्म
  • Karni Fashion
    Karni Fashion : राजस्थानी संस्कृति की अद्भुत झलक है करणी फैशन : रतन चौहान Blog
  • कर्क राशि
    वृषभ राशि वालों के लिए कैसा रहेगा नया साल, जाने डॉ. रोशनी टाक से धर्म अध्यात्म
  • ऑपरेशन सिंदूर तिरंगा यात्रा जय नारायण विद्या मंदिर से हुई रवाना General
  • माइक्रोबायोलॉजी
    डॉ. दीपिका शुक्ला ने “इंट्रोडक्शन ऑफ ए माइक्रोबायोलॉजी” किताब लिख शिक्षा जगत में जमाई धाक Health
  • धर्मनगरी अयोध्या
    प्रधानमंत्री के आगमन पर त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप सुसज्जित होगी धर्मनगरी अयोध्या धर्म अध्यात्म

Copyright © 2025 .

Powered by PressBook News WordPress theme