- अपने परिवार से दूरी मत बनाइए क्योंकि परिवार के अलावा कोई भी आपके साथ हमेशा कभी खड़ा नहीं होगा
- कोरोना काल में यह साबित हो चुका है कि आपके घर से सुरक्षित जगह कोई नहीं
कानपुर : इस संसार में मां से बढ़कर कोई भी नहीं है। वह अपने बच्चों के लिए जितना त्याग और बलिदान कर सकती है उतना कोई भी नहीं कर सकता है। मां का गुणगान करने के लिए शब्द कम पड़ सकते हैं लेकिन उसके गुणों की संख्या कम नहीं होगी। यह कहना और मानना है चिकित्सा के क्षेत्र में 12 प्रतिष्ठित पुरस्कार जीत चुकीं कानपुर शहर की मशहूर होम्योपैथिक डॉक्टर मधुलिका शुक्ला का।
हाल ही में मिले सम्मान और अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपनी मां को देते हुए डॉक्टर मधुलिका ने बताया कि उन्होंने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया। अपना कॅरियर बनाने के दौरान जब भी मैं कभी निराश हुई तो उन्होंने मुझे महत्वपूर्ण सलाह दी जिसकी बदौलत आज मैं डॉक्टर बन पाई हूं। मैं खुद को बहुत ही भाग्यशाली मानती हूं कि मेरे भाई और बहन ने भी मेरा हर कदम पर साथ दिया। सबके लिए मेरी यही सलाह है कि करियर बनाने के लिए कभी भी अपने परिवार से दूरी मत बनाइए क्योंकि परिवार के अलावा कोई भी आपके साथ हमेशा खड़ा नहीं होगा। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कोरोना काल में देखने को मिला जब बड़े-बड़े शहरों के अलावा लोग विदेशों में बड़ी-बड़ी नौकरी व व्यवसाय छोड़कर अपने घर वापस आ गए। इससे यह साबित हो गया कि आपके घर से सुरक्षित जगह कोई नहीं है।