Skip to content

The Xpress News

  • Home
  • धर्म अध्यात्म
  • Health
  • Blog
  • Toggle search form
  • Indian Railways
    Indian Railways : पांच साल की उम्र में महज 12 घंटे में कानपुर से दिल्ली जाकर लौटा, अनोखा रिकॉर्ड Blog
  • Fitness Modeling
    Fitness Modeling : ज्योति सिंह ने जीता गोल्ड, अहाना की स्पेशल पोजिंग पर बजी जमकर तालियां Sports
  • Basant Panchami 2024
    ऋषि पंचमी 20 सितंबर को धर्म अध्यात्म
  • सांसद खेल स्पर्धा
    सांसद खेल स्पर्धा में खिलाड़ियों ने बैडमिंटन और टेबल टेनिस में दिखाया दम Sports
  • प्रीति रंजन
    प्रीति रंजन ने बिखेरा अब कानपुर में भी मेकअप का जलवा मनोरंजन
  • Asian bodybuilding fitness : 56वीं एशियन बॉडीबिल्डिंग फिटनेस स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में खुशबू यादव ने जीता गोल्ड Sports
  • बैडमिंटन टूर्नामेंट
    कास्को बैडमिंटन रैंकिंग टूर्नामेंट के पंजीकरण प्रारंभ Sports
  • ऋषिकेश में कोरोना के दो मामले मिले, सतर्कता बढ़ी स्वास्थ्य सचिव बोले-किसी तरह की डर जैसी कोई स्थिति नहीं Health
Ganesh Chaturthi

भगवान शिव जी को आखिर क्यों इतना प्रिय है बिल्वपत्र, क्या-क्या चढ़ाने से क्या मिलता है लाभ

Posted on July 19, 2024 By Manish Srivastava No Comments on भगवान शिव जी को आखिर क्यों इतना प्रिय है बिल्वपत्र, क्या-क्या चढ़ाने से क्या मिलता है लाभ

अलीगढ़ : शिवलिंग पर क्या चढ़ाने से क्या फल मिलता है? आखिर माता लक्ष्मी का बिल्वस्वरूप क्या है क्यों भगवान शिव ने बिल्वपत्र को स्वयं शिव स्वरूप माना तो आइए आज आपको इन सभी विषयों पर विस्तृत जानकारी दे रहे हैं श्री गुरु ज्योतिष संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदयरंजन शर्मा व्हाट्सएप नंबर-9756402981,8272809774

🙏बातें बिल्व वृक्ष की
♦ बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते ।

♦अगर किसी की शव यात्रा बिल्व वृक्ष की छाया से होकर गुजरे तो उसका मोक्ष हो जाता है ।

♦ वायुमंडल में व्याप्त अशुध्दियों को सोखने की क्षमता सबसे ज्यादा बिल्व वृक्ष में होती है ।

♦ चार पांच छः या सात पत्तो वाले बिल्व पत्रक पाने वाला परम भाग्यशाली और शिव को अर्पण करने से अनंत गुना फल मिलता है ।

♦ बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है। और बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है।

♦ सुबह शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापो का नाश होता है।

♦ बेल वृक्ष को सींचने से पितर तृप्त होते है।

♦ बेल वृक्ष और सफ़ेद आक् को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

♦बेल पत्र और ताम्र धातु के एक विशेष प्रयोग से ऋषि मुनि स्वर्ण धातु का उत्पादन करते थे ।

♦जीवन में सिर्फ एक बार और वो भी यदि भूल से भी शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ा दिया हो तो भी उसके सारे पाप मुक्त
हो जाते है ।

♦ बेल वृक्ष का रोपण, पोषण और संवर्धन करने से महादेव से साक्षात्कार करने का अवश्य लाभ मिलता है।



🏵कृपया बिल्व पत्र का पेड़ जरूर लगाये । बिल्व पत्र के लिए पेड़ को क्षति न पहुचाएं शिवजी की पूजा में ध्यान रखने योग्य बात शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को कौन सी चीज़ चढाने से मिलता है क्या फल किसी भी देवी-देवता का पूजन करते वक़्त उनको अनेक चीज़ें अर्पित की जाती है

🍁प्रायः भगवन को अर्पित की जाने वाली हर चीज़ का फल अलग होता है। शिव पुराण में इस बात का वर्णन मिलता है की भगवन शिव को अर्पित करने वाली अलग-अलग चीज़ों का क्या फल होता है

💥शिवपुराण के अनुसार जानिए कौन सा अनाज भगवान शिव को चढ़ाने से क्या फल मिलता है
🔥भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।

🔥 तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।

🔥 जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।

🔥 गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए।

🌸शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से उसका क्या फल मिलता है

🌻 ज्वर (बुखार) होने पर भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।

🌻 नपुंसक व्यक्ति अगर शुद्ध घी से भगवान शिव का अभिषेक करे, ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान संभव है।

🌻 तेज दिमाग के लिए शक्कर मिश्रित दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।

🌻 सुगंधित तेल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर समृद्धि में वृद्धि होती है।

🌻 शिवलिंग पर ईख (गन्ना) का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।

🌻 शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।

🌻मधु (शहद) से भगवान शिव का अभिषेक करने से राजयक्ष्मा (टीबी) रोग में आराम मिलता है।

🌺शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन का फूल चढ़ाया जाए तो उसका क्या फल मिलता है

🌟 लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।

🌟 चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।

🌟 अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।

🌟 शमी पत्रों (पत्तों) से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।

🌟 बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है।

🌟 जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।

🌟 कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं।

🌟 हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।

🌟धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशनकरता है।

🌟 लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।

🌟 दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है।
🏵माँ लक्ष्मी का बिल्व स्वरूप शिव ने क्यों माना बिल्ववृक्ष को शिवस्वरूप?




🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸
🔸नारदजी ने एक बार भोलेनाथ की स्तुति कर पूछा प्रभु आपको प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम और सुलभ साधन क्या है

🔹हे त्रिलोकीनाथ आप तो निर्विकार और निष्काम हैं, आप सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं. फिर भी मेरी जानने की इच्छा है कि आपको क्या प्रिय है?

🔸शिवजी बोले- नारदजी वैसे तो मुझे भक्त के भाव सबसे प्रिय हैं, फिर भी आपने पूछा है तो बताता हूं

🔹मुझे जल के साथ-साथ बिल्वपत्र बहुत प्रिय है. जो अखंड बिल्वपत्र मुझे श्रद्धा से अर्पित करते हैं मैं उन्हें अपने लोक में स्थान देता हूं

🔸नारदजी भगवान शंकर औऱ माता पार्वती की वंदना कर अपने लोक को चले गए. उनके जाने के पश्चात पार्वतीजी ने शिवजी से पूछा- हे प्रभु मेरी यह जानने की बड़ी उत्कट इच्छा हो रही हैकि आपको बेलपत्र इतने प्रिय क्यों है. कृपा करके मेरी जिज्ञासा शांत करें

🔹शिवजी बोले- हे शिवे! बिल्व के पत्ते मेरी जटा के समान हैं. उसका त्रिपत्र यानी तीन पत्ते, ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद हैं. शाखाएं समस्त शास्त्र का स्वरूप हैं

🔸बिल्ववृक्ष को आप पृथ्वी का कल्पवृक्ष समझें जो ब्रह्मा-विष्णु- शिवस्वरूप है. हे पार्वती! स्वयं महालक्ष्मी ने शैल पर्वत पर बिल्ववृक्ष रूप में जन्म लिया था इस कारण भी बेल का वृक्ष मेरे लिए अतिप्रिय है. महालक्ष्मी ने बिल्व का रूप धरा, यह सुनकर पार्वतीजी कौतूहल में पड़ गईं

🔹पार्वतीजी कौतूहल से उपजी जिज्ञासा को रोक न पाई. उन्होंने पूछा- देवी लक्ष्मी ने आखिर बिल्ववृक्ष का रूप क्यों लिया? आप यह कथा विस्तार से कहें

🔸भोलेनाथ ने देवी पार्वती को कथा सुनानी शुरू की. हे देवी, सत्ययुग में ज्योतिरूप में मेरे अंश का रामेश्वर लिंग था. ब्रह्मा आदि देवों ने उसका विधिवत पूजन-अर्चन किया था

🔹इसका परिणाम यह हुआ कि मेरे अनुग्रह से वाणी देवी सबकी प्रिया हो गईं. वह भगवान विष्णु को सतत प्रिय हो गईं

🔸मेरे प्रभाव से भगवान केशव के मन में वाग्देवी के लिए जितनी प्रीति उपजी हुई वह स्वयं लक्ष्मी को नहीं भाई

🔹लक्ष्मी देवी का श्रीहरि के प्रति मन में कुछ दुराव पैदा हो गया. वह चिंतित और रूष्ट होकर चुपचाप परम उत्तम श्रीशैल पर्वत पर चली गईं

🔸वहां उन्होंने तप करने का निर्णय किया और उत्तम स्थान का चयन करने लगीं. महालक्ष्मी ने उत्तम स्थान का निश्चय करके मेरे लिंग विग्रह की उग्र तपस्या प्रारम्भ कर दी. उनकी तपस्या कठोरतम होती जा रही थी

🔹हे परमेश्वरी कुछ समय बाद महालक्ष्मी जी ने मेरे लिंग विग्रह से थोड़ा उर्ध्व में एक वृक्ष का रूप धारण कर लिया

🔸अपने पत्तों और पुष्प द्वारा निरंतर मेरा पूजन करने लगीं. इस तरह महालक्ष्मी ने कोटि वर्ष ( एक करोड़ वर्ष) तक घोर आराधना की. अंततः उन्हें मेरा अनुग्रह प्राप्त हुआ

🔹मैं वहां प्रकट हुआ और देवी से इस घोर तप की आकांक्षा पूछकर वरदान देने को तैयार हुआ.महालक्ष्मी ने मांगा कि श्रीहरि के हृदय में मेरे प्रभाव से वाग्देवी के लिए जो स्नेह हुआ है वह समाप्त हो जाए

🔸शिवजी बोले- मैंने महालक्ष्मी को समझाया कि श्रीहरि के हृदय में आपके अतिरिक्त किसी और के लिए कोई प्रेम नहीं है. वाग्देवी के प्रति उनका प्रेम नहीं अपितु श्रद्धा है

🔹यह सुनकर लक्ष्मीजी प्रसन्न हो गईं और पुनः श्रीविष्णु के ह्रदय में स्थित होकर निरंतर उनके साथ विहार करने लगी

🔸हे पार्वती! महालक्ष्मी के हृदय का एक बड़ा विकार इस प्रकार दूर हुआ था. इस कारण हरिप्रिया उसी वृक्षरूपं में सर्वदा अतिशय भक्ति से भरकर यत्नपूर्वक मेरी पूजा करने लगी

🔹हे पार्वती इसी कारण बिल्व का वृक्ष, उसके पत्ते, फलफूल आदि मुझे बहुत प्रिय है. मैं निर्जन स्थान में बिल्ववृक्ष का आश्रय लेकर रहता हूं.बिल्ववृक्ष को सदा सर्वतीर्थमय एवं सर्वदेवमय मानना चाहिए. इसमें तनिक भी संदेह नहीं है




🔸बिल्वपत्र, बिल्वफूल, बिल्ववृक्ष अथवा बिल्वकाष्ठ के चन्दन से जो मेरा पूजन करता है वह भक्त मेरा प्रिय है. बिल्ववृक्ष को शिव के समान ही समझो. वह मेरा शरीर है. जो विल्व पर चंदन से मेरा नाम अंकित करके मुझे अर्पण करता है मैं उसे सभी पापों से मुक्त करके अपने लोक में स्थान देता हूं

🔹हे देवी उस व्यक्ति को स्वयं लक्ष्मीजी भी नमस्कार करती हैं जो विल्व से मेरा पूजन करते हैं. जो बीलवमुल में प्राण छोड़ता है उसको रूद्र देह प्राप्त होता है

🔸मेरी पूजा के लिए बेल के उत्तम पत्तों का ही प्रयोग करना चाहिये
🍁प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,8272809774

धर्म अध्यात्म Tags:बिल्वपत्र, भगवान शिव

Post navigation

Previous Post: खिलाड़ियों को स्ट्रेचिंग अपनी दिनचर्या में जोड़ना चाहिए: डॉ शिव कुमार चौहान
Next Post: Shravan month special : भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली हर चीज़ का फल होता है अलग

Related Posts

  • Makar Sankranti 2025
    Chaitra Navratri 2024 : चैत्र नवरात्रि 09 से 17 अप्रैल तक, जानें विस्तार से धर्म अध्यात्म
  • मकर संक्रांति
    Shri Hanuman Janmotsav : बजरंगबली के किस उपाय से मिलता है क्या लाभ, जानें विस्तार से धर्म अध्यात्म
  • Navratri 2023
    Navratri 2023 : माँ दुर्गा से जुड़े कुछ बेहद रोचक व भक्तिपूर्ण प्रेरक प्रसंगों की जानकारी धर्म अध्यात्म
  • कर्क राशि
    मीन राशि वालों के लिए कैसा होगा नया साल, जानें डॉ रोशनी टाक से धर्म अध्यात्म
  • लोहड़ी पर्व
    Holi-2024 : धुलेंडी पर्व 25 मार्च को, रंगों से भीगेगा तन-मन, कैसे मनाते हैं धुलेंडी धर्म अध्यात्म
  • IPL 2025, GT vs LSG
    IPL 2025, GT vs LSG : गुजरात टाइटंस की नजरें शीर्ष दो में रहने पर, प्रतिष्ठा के लिए खेलेगा लखनऊ धर्म अध्यात्म

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Indian Railways
    Indian Railways : पांच साल की उम्र में महज 12 घंटे में कानपुर से दिल्ली जाकर लौटा, अनोखा रिकॉर्ड Blog
  • Fitness Modeling
    Fitness Modeling : ज्योति सिंह ने जीता गोल्ड, अहाना की स्पेशल पोजिंग पर बजी जमकर तालियां Sports
  • Basant Panchami 2024
    ऋषि पंचमी 20 सितंबर को धर्म अध्यात्म
  • सांसद खेल स्पर्धा
    सांसद खेल स्पर्धा में खिलाड़ियों ने बैडमिंटन और टेबल टेनिस में दिखाया दम Sports
  • प्रीति रंजन
    प्रीति रंजन ने बिखेरा अब कानपुर में भी मेकअप का जलवा मनोरंजन
  • Asian bodybuilding fitness : 56वीं एशियन बॉडीबिल्डिंग फिटनेस स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में खुशबू यादव ने जीता गोल्ड Sports
  • बैडमिंटन टूर्नामेंट
    कास्को बैडमिंटन रैंकिंग टूर्नामेंट के पंजीकरण प्रारंभ Sports
  • ऋषिकेश में कोरोना के दो मामले मिले, सतर्कता बढ़ी स्वास्थ्य सचिव बोले-किसी तरह की डर जैसी कोई स्थिति नहीं Health

Copyright © 2025 .

Powered by PressBook News WordPress theme