Skip to content

The Xpress News

  • Home
  • धर्म अध्यात्म
  • Health
  • Blog
  • Toggle search form
  • Ganesh Visarjan
    Ganesh Visarjan : गणेश विसर्जन से पहले बन जाएंगे बिगड़े काम, ऐसे करें उपाय धर्म अध्यात्म
  • Vaibhav Suryavanshi "s Record
    Vaibhav Suryavanshi “s Record : वैभव सूर्यवंशी ने युवा वनडे में सबसे तेज शतक लगाने वाले वाले खिलाड़ी बने, भारत ने सीरीज पर कब्जा किया Sports
  • टीचर्स सेल्फ केयर
    मदद का संकल्प ले, स्वामी विवेकानंद की राह में विवेकानंद की टीएससीटी Education
  • Success Girl
    Success Girl : राजस्थान में युवा पीढ़ी के लिए मिसाल हैं बिजनेस गर्ल रतन चौहान Motivation
  • MLAs had darshan of Shri Ram
    Ayodhya Ramlala darshan : मंत्रियों-विधायकों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किये रामलला के दर्शन धर्म अध्यात्म
  • Question Hour in UP Legislative Council
    Question Hour in UP Legislative Council : उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बढ़े हैं 40 लाख विद्यार्थी : मुख्यमंत्री UP Government News
  • Bithoor to Kanpur Central Station
    Bithoor to Kanpur Central Station : बिठूर के ब्रह्मावर्त स्टेशन से 28 दिसंबर 2023 को ट्रेन का संचालन फिर शुरू हुआ Railway
  • अहाना क्लासिक बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप
    20 जनवरी को लखनऊ में ‘अहाना क्लासिक बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप’ Sports
Kartik Purnima

Hartalika Teej 2024 : हरतालिका तीज की व्रत कथा

Posted on September 5, 2024September 5, 2024 By Manish Srivastava No Comments on Hartalika Teej 2024 : हरतालिका तीज की व्रत कथा

Aligarh (Hartalika Teej 2024 ) : भगवान शिव ने पार्वती जी को उनके पूर्व जन्म का स्मरण कराने के उद्देश्य से इस व्रत के माहात्म्य की कथा कही थी। कथा इस प्रकार है।

Hartalika Teej 2024
Hartalika Teej 2024

श्री भोलेशंकर बोले– हे गौरी! पर्वतराज हिमालय पर स्थित गंगा के तट पर तुमने अपनी बाल्यावस्था में 12 वर्षों तक अधोमुखी होकर घोर तप किया था। इतनी अवधि तुमने अन्न न खाकर पेड़ों के सूखे पत्ते चबा कर व्यतीत किए। माघ की विक्राल शीतलता में तुमने निरंतर जल में प्रवेश करके तप किया। वैशाख की जला देने वाली गर्मी में तुमने पंचाग्नि से शरीर को तपाया। श्रावण की मूसलधार वर्षा में खुले आसमान के नीचे बिना अन्न-जल ग्रहण किए समय व्यतीत किया।
तुम्हारे पिता तुम्हारी कष्ट साध्य तपस्या को देखकर बड़े दुखी होते थे। उन्हें बड़ा क्लेश होता था। तब एक दिन तुम्हारी तपस्या तथा पिता के क्लेश को देखकर नारदजी तुम्हारे घर पधारे। तुम्हारे पिता ने हृदय से अतिथि सत्कार करके उनके आने का कारण पूछा।




नारदजी ने कहा- गिरिराज! मैं भगवान विष्णु के भेजने पर यहां उपस्थित हुआ हूं। आपकी कन्या ने बड़ा कठोर तप किया है। इससे प्रसन्न होकर वे आपकी सुपुत्री से विवाह करना चाहते हैं। इस संदर्भ में आपकी राय जानना चाहता हूं।

नारदजी की बात सुनकर गिरिराज गद्‍गद हो उठे। उनके तो जैसे सारे क्लेश ही दूर हो गए। प्रसन्नचित होकर वे बोले- श्रीमान्‌! यदि स्वयं विष्णु मेरी कन्या का वरण करना चाहते हैं तो भला मुझे क्या आपत्ति हो सकती है। वे तो साक्षात ब्रह्म हैं। हे महर्षि! यह तो हर पिता की इच्छा होती है कि उसकी पुत्री सुख-सम्पदा से युक्त पति के घर की लक्ष्मी बने। पिता की सार्थकता इसी में है कि पति के घर जाकर उसकी पुत्री पिता के घर से अधिक सुखी रहे।

तुम्हारे पिता की स्वीकृति पाकर नारदजी विष्णु के पास गए और उनसे तुम्हारे ब्याह के निश्चित होने का समाचार सुनाया। मगर इस विवाह संबंध की बात जब तुम्हारे कान में पड़ी तो तुम्हारे दुख का ठिकाना न रहा।

तुम्हारी एक सखी ने तुम्हारी इस मानसिक दशा को समझ लिया और उसने तुमसे उस विक्षिप्तता का कारण जानना चाहा। तब तुमने बताया – मैंने सच्चे हृदय से भगवान शिवशंकर का वरण किया है, किंतु मेरे पिता ने मेरा विवाह विष्णुजी से निश्चित कर दिया। मैं विचित्र धर्म-संकट में हूं। अब क्या करूं? प्राण छोड़ देने के अतिरिक्त अब कोई भी उपाय शेष नहीं बचा है। तुम्हारी सखी बड़ी ही समझदार और सूझबूझ वाली थी।

उसने कहा- सखी! प्राण त्यागने का इसमें कारण ही क्या है? संकट के मौके पर धैर्य से काम लेना चाहिए। नारी के जीवन की सार्थकता इसी में है कि पति-रूप में हृदय से जिसे एक बार स्वीकार कर लिया, जीवनपर्यंत उसी से निर्वाह करें। सच्ची आस्था और एकनिष्ठा के समक्ष तो ईश्वर को भी समर्पण करना पड़ता है। मैं तुम्हें घनघोर जंगल में ले चलती हूं, जो साधना स्थली भी हो और जहां तुम्हारे पिता तुम्हें खोज भी न पाएं। वहां तुम साधना में लीन हो जाना। मुझे विश्वास है कि ईश्वर अवश्य ही तुम्हारी सहायता करेंगे।

तुमने ऐसा ही किया। तुम्हारे पिता तुम्हें घर पर न पाकर बड़े दुखी तथा चिंतित हुए। वे सोचने लगे कि तुम जाने कहां चली गई। मैं विष्णुजी से उसका विवाह करने का प्रण कर चुका हूं। यदि भगवान विष्णु बारात लेकर आ गए और कन्या घर पर न हुई तो बड़ा अपमान होगा। मैं तो कहीं मुंह दिखाने के योग्य भी नहीं रहूंगा। यही सब सोचकर गिरिराज ने जोर-शोर से तुम्हारी खोज शुरू करवा दी।




इधर तुम्हारी खोज होती रही और उधर तुम अपनी सखी के साथ नदी के तट पर एक गुफा में मेरी आराधना में लीन थीं। भाद्रपद शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र था। उस दिन तुमने रेत के शिवलिंग का निर्माण करके व्रत किया। रात भर मेरी स्तुति के गीत गाकर जागीं। तुम्हारी इस कष्ट साध्य तपस्या के प्रभाव से मेरा आसन डोलने लगा। मेरी समाधि टूट गई। मैं तुरंत तुम्हारे समक्ष जा पहुंचा और तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न होकर तुमसे वर मांगने के लिए कहा।

तब अपनी तपस्या के फलस्वरूप मुझे अपने समक्ष पाकर तुमने कहा – मैं हृदय से आपको पति के रूप में वरण कर चुकी हूं। यदि आप सचमुच मेरी तपस्या से प्रसन्न होकर आप यहां पधारे हैं तो मुझे अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार कर लीजिए।

तब मैं तथास्तु कह कर कैलाश पर्वत पर लौट आया। प्रातः होते ही तुमने पूजा की समस्त सामग्री को नदी में प्रवाहित करके अपनी सहेली सहित व्रत का पारणा किया। उसी समय अपने मित्र-बंधु व दरबारियों सहित गिरिराज तुम्हें खोजते-खोजते वहां आ पहुंचे और तुम्हारी इस कष्ट साध्य तपस्या का कारण तथा उद्देश्य पूछा। उस समय तुम्हारी दशा को देखकर गिरिराज अत्यधिक दुखी हुए और पीड़ा के कारण उनकी आंखों में आंसू उमड़ आए थे।

तुमने उनके आंसू पोंछते हुए विनम्र स्वर में कहा- पिताजी! मैंने अपने जीवन का अधिकांश समय कठोर तपस्या में बिताया है। मेरी इस तपस्या का उद्देश्य केवल यही था कि मैं महादेव को पति के रूप में पाना चाहती थी। आज मैं अपनी तपस्या की कसौटी पर खरी उतर चुकी हूं। आप क्योंकि विष्णुजी से मेरा विवाह करने का निर्णय ले चुके थे, इसलिए मैं अपने आराध्य की खोज में घर छोड़कर चली आई। अब मैं आपके साथ इसी शर्त पर घर जाऊंगी कि आप मेरा विवाह विष्णुजी से न करके महादेवजी से करेंगे।

गिरिराज मान गए और तुम्हें घर ले गए। कुछ समय के पश्चात शास्त्रोक्त विधि-विधानपूर्वक उन्होंने हम दोनों को विवाह सूत्र में बांध दिया।

हे पार्वती! भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को तुमने मेरी आराधना करके जो व्रत किया था, उसी के फलस्वरूप मेरा तुमसे विवाह हो सका। इसका महत्व यह है कि मैं इस व्रत को करने वाली कुंआरियों को मनोवांछित फल देता हूं। इसलिए सौभाग्य की इच्छा करने वाली प्रत्येक युवती को यह व्रत पूरी एकनिष्ठा तथा आस्था से करना चाहिए।

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पं.हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250

धर्म अध्यात्म Tags:Aligarh, Hartalika Teej 2024, Pt Hriday Ranjan Sharma

Post navigation

Previous Post: Hartalika Teej 2024 : हरतालिका तीज की व्रत विधि, मंत्र, मुहूत और पूजन सामग्री
Next Post: Hartalika Vrat : हर‍तालिका व्रत के विशेष सरल उपाय

Related Posts

  • Basant Panchami 2024
    Makar Sankranti-2024 : आखिर हम क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति, जानें पंडित हृदय रंजन शर्मा से धर्म अध्यात्म
  • Pancham Skandamata
    Navratri 2023 : मां दुर्गा जी के जानें नौ नाम, रूप और मंत्र धर्म अध्यात्म
  • Shri Krishna Janmashtami
    28 अप्रैल से सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों पर लगी सवा दो महीने तक रोक धर्म अध्यात्म
  • Ganpati Immersion : श्री गणपति विसर्जन 28 सितंबर को, जानें शुभ मुहूर्त और बिदाई पूजन के नियम धर्म अध्यात्म
  • लोहड़ी पर्व
    Lohri Festival 2025 : कैसे मानते हैं लोहड़ी पर्व, क्या हैं गीत, कौन है दुल्ला भट्टी, जानें विस्तार से धर्म अध्यात्म
  • कार्तिक पूर्णिमा
    shri krishna janmashtami : इन उपायों से मिलेगी सभी रोगों से मुक्ति, घर में आएगी समृद्धि धर्म अध्यात्म

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Multiple Talents
    Multiple Talents : चर्चित हस्तियों में शुमार हैं जम्मू की मल्टीपल टैलेंटड अमर चौहान Education
  • कर्क राशि
    मीन राशि वालों के लिए कैसा होगा नया साल, जानें डॉ रोशनी टाक से धर्म अध्यात्म
  • Shravan month special
    शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को, जानें विस्तार से Blog
  • Tallent : फेमस एथलीट होने के साथ आदर्श मां भी हैं बिंदिया शर्मा Sports
  • कर्क राशि
    मेष राशि फल 2024 : मेष राशि वालों का कैसा रहेगा नया वर्ष, जानें डॉ रोशनी टाक से धर्म अध्यात्म
  • पावर लिफ्टिंग की नेशनल चैंपियनशिप
    मानसिक दिव्यांगता वाले खिलाड़ियों के लिए पावर लिफ्टिंग की नेशनल चैंपियनशिप 26 फरवरी से Sports
  • सांसद खेल स्पर्धा
    सांसद खेल स्पर्धा में खिलाड़ियों ने बैडमिंटन और टेबल टेनिस में दिखाया दम Sports
  • Special Olympics Competition
    Special Olympics Competition : स्पेशल ओलंपिक्स के दूसरे दिन खिलाड़ियों ने दिखाया दम, देखें वीडियो Sports

Copyright © 2025 .

Powered by PressBook News WordPress theme