- सही समय पर उचित जांच के बाद नियमित होम्योपैथिक उपचार से पीठ दर्द से मिल सकता है हमेशा के लिए छुटकारा
- सोने के लिए हमेशा लेटने का सही तरीका अपनाना चाहिए, कभी भी झटके से उठना या बैठना नहीं चाहिए
Kanpur: आज के समय आमजन की लाइफ बहुत ही फास्ट हो गई है। भागम भाग वाली इस जिंदगी में आमजन अपनी इच्छाओं और जरूरतों को पूरा करने के लिए शरीर पर यानी स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। फलस्वरूप अधिकांश लोग किसी न किसी शारीरिक कष्ट से प्रभावित हो जाते हैं। यदि सही पर ध्यान नहीं दिया जाए तो बीमारी जटिल हो सकती है। इन दिनों बैंक पेन यानी पीठ दर्द की समस्या से अधिकांश लोग पीड़ित हैं। इस समस्या पर विस्तार से चर्चा करते हुए कानपुर की मशहूर होम्योपैथिक डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि पीठ दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं।
होम्योपैथिक उपचार से पीठ दर्द को जड़ से खत्म किया जा सकता है पर इसके लिए जरूरी है कि सही चिकित्सीय परामर्श और उचित जांच के बाद ही दवा का नियमित सेवन किया जाए। वैसे दर्द होने के पीछे प्रमुख कारणों में मांसपेशियों में खिंचाव, डिस्क क्षति और कुछ स्वास्थ्य संबंधित परिस्थितियां भी हो सकती हैं जैसे स्कोलियोसिस व ऑस्टियोपोरोसिस का होना भी शामिल हैं। गर्म या ठंडी सिकाई, एक्यूपंक्चर के अलावा संबंधित दवाओं के लेने से भी दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।
कभी आपकी पीठ में लगी चोट से दर्द, कुछ अनियमित गतिविधि और कुछ चिकित्सीय परिस्थितियों के भी कारण हो सकता है।यदि किसी भी व्यक्ति को पीठ में दर्द है तो वह अगर पेट के बल सोता है तो उसकी पीठ पर दबाव पड़ने के आसार होते हैं। इसलिए सोते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अगर आपको सामान्य रूप से सोने में दिक्कत होती है तो आप कूल्हों और पेट के निचले हिस्से के नीचे तकिया रखकर पीठ में होने वाले खिंचाव को कम कर सकते हैं। और यदि आपकी पीठ पर ज़्यादा दबाव नहीं पड़ता है, तो अपने सिर के नीचे ही तकिया रखकर सोना चाहिए। इसके अलावा उठते और बैठते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए।
कभी भी झटके या अचानक से उठना या बैठना नहीं चाहिए। इससे दर्द और भी बढ़ सकता है। सबसेे महत्वपूर्ण तथ्य पर चर्चा करते हुए डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि पीठ में होने वाली चुभन का कारण अधिकांश तौर पर एक डिस्क की छोटी सी चोट, जोड़ों का अर्थराइटिस और मांसपेशियों में मोच और खिंचाव होता है। दर्द लगातार और चुभन वाला हो सकता है या कभी-कभी रुक-रुक कर और भी तेज हो सकता है।
अगर चोट लगी हो, तो अचानक दर्द महसूस हो सकता है। पोजीशन में बदलाव से स्थानीय दर्द बढ़ सकता है या कम भी हो सकता है।खास बात यह है कि सोते समय रीढ़ की हड्डी के आस-पास की नसें दबने की संभावना प्रबल रहती है और उन पर दबाव पड़ भी सकता है, जो रीढ़ की हड्डी या अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के कारण प्रभावित होती हैं। इसके अलावा अधिकांशतः पीठ में अकड़न होने का कारण काठ की रीढ़ की हड्डी में खिंचाव वाली मांसपेशियों या गठिया के कारण होता है।
काठ की रीढ़ वह क्षेत्र है जिसमें पीठ के निचले हिस्से में पांच कशेरुक होते हैं। काठ की रीढ़ की हड्डी में गठिया के कारण होने वाली अकड़न से पीड़ित लोगों में आमतौर पर वर्षों में लक्षण निरंतर बढ़ते रहते हैं।पीठ दर्द से राहत के लिए घरेलू नुस्खे में गेहूं, ब्राउन राइस, बाजरा और जौ का सेवन बहुत ही उपयोगी माना जाता है। क्योंकि यह सभी चीजें खनिजों और विटामिनों सहित महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरे हुए हैं। महत्वपूर्ण रूप से, उनमें फाइबर होते हैं जो शॉर्ट-चेन फैटी एसिड बनाते हैं जो सूजन को काफी हद तक कम करने में मदद करते हैं।