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भड्डली नवमी

भड्डली नवमी, देवशयनी से पहले इस साहलक का अंतिम अबूझ विवाह मुहूर्त जानें पं. हृदय रंजन शर्मा जी से

Posted on July 2, 2024July 2, 2024 By Manish Srivastava No Comments on भड्डली नवमी, देवशयनी से पहले इस साहलक का अंतिम अबूझ विवाह मुहूर्त जानें पं. हृदय रंजन शर्मा जी से

अलीगढ़ : भड्डली नवमी, देवशयनी से पहले इस साहलक का अंतिम अबूझ विवाह मुहूर्त, इसके बाद 4 महीने करना पडे़गा इंतजार तो आइए आज आपको इस विषय पर विस्तृत जानकारी दे रहे हैं श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरू रत्न भंडार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250*

🌸भढली नवमी और अबूझ मुहूर्त

🍁आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी क‍ि देवशयनी एकादशी। इस द‍िन से भगवान श्रीहर‍ि योग न‍िद्रा में चले जाते हैं। इसलिए शादी-व‍िवाह अन्‍य शुभ कार्यों का आयोजन बंद कर द‍िया जाता है। इसके बाद जब चातुर्मास बीतने पर कार्तिक शुक्ल एकादशी को भगवान श्रीव‍िष्‍णु न‍िद्रा से जागते हैं। इस त‍िथि को प्रबोधिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस द‍िन से शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। लेक‍िन बता दें क‍ि देवशयनी एकादशी से दो द‍िन पूर्व यानी क‍ि आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को भी शुभ कार्य बिना क‍िसी व‍िचार के क‍िये जा सकते हैं। यह द‍िन अत्‍यंत ही शुभ होता है। इसे भढली, भडल्या नवमी या अबूझ व‍िवाह मुहूर्त भी कहते हैं




🔥अबूझ व‍िवाह मुहूर्त त‍िथि

🌟भढली नवमी को उत्तर भारत में विवाह के लिए अबूझ व‍िवाह मुहूर्त माना जाता है। सनातन धर्म में विवाह के लिए कुछ अबूझ मुहूर्त बताए गए हैं। भढली नवमी उन्हीं में से एक होती है। इस वर्ष भढली नवमी 15 जौलाई सोमवार को है। यह इस वर्ष का अंत‍िम अबूझ व‍िवाह मुहूर्त भी है। इसके ठीक दो दिन बाद 17 जुलाई 2024को देवशयनी एकादशी है

💥अबूझ मुहूर्त क्या है

🌺अबूझ व‍िवाह तिथि का अर्थ है कि जिन लोगों के विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं निकलता उनका विवाह इस दिन किया जाए तो उनके वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं आता है। कहने का अर्थ है कि बिना किसी चिंता के इन विशेष तिथियों पर मांगलिक कार्य संपन्‍न किए जाते हैं। यह तिथियां ऐसी होती हैं कि इन पर बिना पंडित की सलाह लिए शुभ काम किए जाते हैं। साथ ही इनमें पंचांग देखने की भी जरूरत नहीं होती है। बिना ज्योतिषी को दिखाए ही मांगलिक कार्य किए जाते हैं। ये दिन स्वयं में सिद्ध होते हैं और अत्‍यंत शुभ माने जाते हैं

🌻अबूझ व‍िवाह मुहूर्त

🏵सनातनी कैलेंडर के अनुसार, एक वर्ष में बसंत पंचमी, फुलेरदोज (फाल्गुन पक्ष की शुक्ल पक्ष की द्वितीया), अक्षय तृतीया,रामनवमी, जानकी नवमी, पीपल पूर्णिमा (वैशाख मास की पूर्णिमा), गंगा दशमी (ज्येष्ठ मास की शुक्ल दशमी) भडल्या नवमी (आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी) अबूझ व‍िवाह मुहूर्त होता है। इस दिन क‍िसी भी व‍िचार की जरूरत नहीं होती है इस जुलाई माह में बचे हुए शुभ विवाह मुहूर्त 02,04,09, 11, 12, 14 और 15 जुलाई माने जाएंगे जिसमे15 जुलाई भड्ढंली नवमी या भड़रिया नवमी अनबूझा साया रहेगा




🌸12 नवंबर मंगलवार तक नहीं होंगे शुभ कार्य

🔥भढली नवमी के दो दिन बाद देवशयनी एकादशी से चातुर्मास लग जाता है। इसका अर्थ होता है कि भढली नवमी के बाद 4 माह तक विवाह या अन्य शुभ-मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस अवधि में सभी देवी-देवता पाताल लोक में राजा बलि के यहां निद्रा में चले जाते हैं। इसके बाद सीधे देवप्रबोध‍िनी एकादशी पर विष्णुजी के जागने पर चातुर्मास समाप्त होता है। इसके बाद ही सभी तरह के शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं। इस बार प्रबोध‍िनी एकादशी 12 नवंबर को है। यानी क‍ि 17 जुलाई से 12 नवंबर तक सभी शुभ कार्य वर्जित है। ऐसे में जो लोग इस त‍िथि से पहले व‍िवाह करना चाहते हैं वह अबूझ व‍िवाह मुहूर्त में व‍िवाह कर सकते हैं। अन्‍यथा व‍िवाह के ल‍िए चार माह के ल‍िए इंतजार करना पड़ेगा
♦️जो 13,17, 18,21, 22, 23, 24, 25 और 26 नवंबर होगा
♦️इसके बाद दिसंबर माह में 02,04,05, 10 ,11, 13, 14 दिसंबर वर्ष 2024 के शुभ विवाह मुहूर्त होंगे जिसमें विवाह शादी एवंसभी प्रकार के शुभ कार्य करना उचित माना जाएगा

🍁प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदयरंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250

धर्म अध्यात्म Tags:पं. हृदय रंजन शर्मा, भड्डली नवमी

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