- लक्षण दिखने पर सही समय पर मेडिकल जांच के बाद नियमित इलाज कराना बहुत ही जरूरी
- सही इलाज नहीं होने पर शरीर में अन्य बीमारियों के होने की संभावना प्रबल हो जाती हैं
Kanpur: स्वस्थ संबंधित बातों पर ध्यान नहीं देने पर अक्सर महिलाएं किसी न किसी बीमारी से पीड़ित हो जाती है। इसका एक कारण आवश्यकता से अधिक घरेलू या अन्य कार्य का बोझ भी हो सकता है जिसके चलते अनियमित दिनचर्या और असंतुलित भोजन करने से बीमारी और बढ़ जाने का खतरा बढ़ जाता है। यदि सही समय पर सही चिकित्सीय परामर्श लें लिया जाए तो समय रहते किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। महिलाओं में होने वाली बीमारियों के विषय में विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए महिला रोग विशेषज्ञ व मशहूर होम्योपैथिक डॉक्टर मधुलिका ने बताया कि अक्सर महिलाएं चॉकलेट सिस्ट (Chocolate Cyst) की बीमारी से ग्रसित हो जाती हैं।
चॉकलेट सिस्ट या डिम्बग्रंथि एंडोमेट्रियोमा, एक प्रकार का सिस्ट होता है जो अंडाशय में बनता है। यह मासिक धर्म के रक्त से भरा होता है और एंडोमेट्रियोसिस नाम की स्थिति के वजह से बनता है। एंडोमेट्रियोसिस में, गर्भाशय की अंदरूनी सतह से जुड़ा ऊतक असामान्य तरीके से बढ़ने के साथ ही अंडाशय से जुड़ जाता है।
इन सबके कारण अंडाशय में खून जमने लगता हो है और सिस्ट का रूप ले लेता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि एंडोमेट्रियोसिस तब ही शरीर में होता है जब गर्भाशय (एंडोमेट्रियम) को अस्तर करने वाला ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगता है। अक्सर यह अंडाशय को प्रभावित करता है। नतीजतन, चॉकलेट सिस्ट नामक खून से युक्त अंडाशय के अंदर बनने लग सकते हैं। इसके कारण शरीर में दर्द के अलावा और भी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
डॉक्टर मधुलिका ने बताया कि चॉकलेट सिस्ट के लक्षण हर महिला रोगी में अलग-अलग होते हैं। जैसे मासिक धर्म के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होने के साथ ही शरीर में ऐंठन बहुत ज्यादा ही बढ़ने लगती है। स्वाभाविक है ऐसे में पेन किलर मेडिसिन लेनी पड़ती है। मासिक धर्म के दौरान पेट दर्द के साथ-साथ ऐंठन के अलावा पीठ के निचले हिस्से, कमर और कोक्सीक्स क्षेत्र में भी ऐंठन की संभावना प्रबल हो जाती है। एक बात और चॉकलेट सिस्ट में कभी भी कैंसर नहीं होता है।ये सिस्ट अंडाशय के अंदर या उसके चारों ओर पाए जा सकते हैं। इन सिस्ट का नाम उनके अंदर मौजूद भूरे रंग के द्रव के कारण पड़ा है, जो टार जैसा दिखता है और पिघली हुई चॉकलेट जैसा लगता है। विशेषज्ञों और चिकित्सीय अध्ययन के मुताबिक लगभग चालीस प्रतिशत महिलाएं चॉकलेट सिस्ट की बीमारी से अक्सर पीड़ित हो जाती हैं।
डॉक्टर मधुलिका ने बताया कि अगर किसी भी महिला को चॉकलेट सिस्ट से जुड़े लक्षण दिखें तो उसे तत्काल चिकित्सकीय परीक्षण व परामर्श के बाद नियमित सुचारू रूप से इलाज करवाना चाहिए। होम्योपैथिक उपचार से इस बीमारी को आसानी से जड़ खत्म किया जा सकता है। एक बात और अगर सिस्ट बड़ा हो जाए, तो सर्जरी की ज़रूरत पड़ सकती है। वैसे चॉकलेट सिस्ट के दोबारा उभरने की आशंका भी होती है पर इसकी संभावना ज्यादा नहीं है।