- तापमान में बदलाव से हो सकता है दर्द
- ठंड में दांत हो जाते हैं संवदेनशील
- सर्दी में मुंह का करे खास बचाव
- पेन होने पर चिकित्सक से करे सम्पर्क
- चिकित्सक अनुराग मिश्रा ने दी जानकारी
अखिलेश मिश्रा, कानपुर। सर्दी का मौसम भले ही आपको सुहावना लगता है लेकिन इस मौसम में सबसे अधिक बॉडी प्रभावित होती है। सबसे अधिक रोग ठंड में ही पनपते है। ठिठुरन वाली सर्दी में मुंह का खास ध्यान रखे उसे बाहर निकलने पर पूरी तरह ढ़के। वरना हवा लगने पर मंुह के अंदर चबाने वाले दांत पेन के साथ गिर जायेंगे। मौसम परिवर्तन के कारण मुंह का तापमान गिर जाता है। इसका सीधा प्रभाव दांतो पर पड़ता है। भोजन को चबाने में वाले दांत देखने में भले ही सख्त हो। लेकिन वास्तविकता में यह बहुत संवेदनशील होते है। जरा सा मौसम या फिर मुंह का तापमान प्रभावित होने पर पूरा असर दांत व मसूड़ों पर होता है। अगर सर्दी में दांतों में परेशानी महसूस होती है तो तत्काल डॉक्टर से परामर्श लेकर इलाज कराएं। उक्त जानकारी शहर के नामचीन दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनुराग मिश्रा (Dr. Anurag Mishra) ने दी।
दांतो को प्रभावित करने वाली बीमारियां
विशेषज्ञ ने बताया कि बॉडी में सबसे अधिक नाजुक मुंह होता है। पूरी बॉडी में इसका सबसे अधिक प्रमुख काम होता है। शरीर को ताकत देने के लिए जो भी आप ग्रहण करते है। उसको चबाने में मंुह के अंदर होने वाले दांत प्रमुख रोल निभाते है। दांत कड़ी से कड़ी चीजों को काटकर या फिर चबाकर शरीर के अंदर पहंुचाने का काम करता है। खाने वाली चीजों के छोटे-छोटे भाग होने से शरीर को उससे पोषक तत्व आसानी से निकालने में मदद मिलती है। लेकिन खानपान में लापरवाही खासतौर से सर्दियों में बड़ी परेशानी का सवब बनती है। खाने के दौरान अगर आप कुछ ऐसा प्रयोग करते है जिससे मंुह का तापमान प्रभावित होता है तो इसका असर दांत में पड़ता है। इससे दांतों में दर्द, दांत में कैविटीज, मसूड़ों में पीरियाडोंटल रोग, सूजन और मौखिक कैंसर जैसी बीमारियां होती है।
मुंह में चार प्रकार के दांतों का रोल
उन्होंने बताया कि मंुह में चार प्रकार के दांत होते है। प्रकृतिक ने इन सभी का रोल तय कर दिया है। मंुह में भोजन या फिर खाने का कोई भी सामान जाने के बाद सभी अपने रोल के हिसाब से काम करते है। सबसे पहले छेदक दंत का काम होता है। यह भोजन को काटने का काम करता है। इसके बाद भेदक दंत यानी फाड़ने का काम करता है। इसके बाद अग्रचर्वणक दंत अपना रोल निभाता है उसके बाद चर्वणक भोजन को ठीक प्रकार से दबाने का काम करता है। इस प्रक्रिया के बाद ही भोजन पेट में पचने के लिए जाता है।
सर्दी में ठंडी चीजें घातक
विशेषज्ञ ने बताया कि सर्दी के समय तापमान पहले से प्रभावित होता है। पूरा शरीर ठंड के कारण शिथिल होता है। मांस पेशियां सिकुड़ती है। ऐसे में अगर आप ठंडी चीजों का उपयोग करते है। तो यह दांतों के लिए घातक साबित होती है। जैसे अगर आप फ्रीज में रखी चीजें, ठंडा पानी, पेय पदार्थ या फिर आइसक्रीम यह सभी दांतों के लिए घातक होती है। खानपान के दौरान खासतौर से सर्दी में बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है। लापरवाही पर दांत की बीमारी आपको परेशान कर देगी।
स्वस्थ दंत के लिए ले विटामिन डी
उन्होंने बताया कि दांतों को मजबूती प्रदान करने व स्वस्थ्य रखने में विटामिन डी का अह्म रोल है। इसकी कमी से दंत रोग व मसूड़ों में सूजन जैसी परेशानी आती है। इसलिए इसकी कमी न हो आप खानपान में फिश, अंडे की जर्दी, गाजर व दूध का सेवन कर सकते है। यह चीजें दांत के साथ आपके शरीर को भी उर्जा देगी। इसके अलावा कैल्शियम तथा विटामिन देने वाली चीजों का इस्तेमाल करे। सर्दी में बादाम का सेवन दांतों के लिए रामवाण है।
छह फल बढ़ाते है दंत की सुंदरता
दंत विशेषज्ञ अनुराग मिश्रा ने बताया कि शरीर को स्वस्थ्य व निरोग रखने में पौष्टिक भोजन का खास रोल है। लेकिन भोजन के साथ या फिर अपनी सुविधानुसार मौसमी फल यानी गर्मियों में तरबूज या फिर सर्दियों में सेब, अनानस, संतरा और पपीता का नियमित सेवन करते है तो दांतो को ताकत तो मिलेगी इसके साथ अगर आपको दांतों पर पीली परत है वह भी साफ हो जायेगी।