- माता-पिता के आशीर्वाद और कोच के प्रशिक्षण की भूमिका अहम
- पेपर में बेटी की फोटो देखकर गर्व महसूस करते हैं पापा
अगर इरादे आपके पक्के हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। फिर चाहे कितनी भी कठिनाइयां रास्ते में आएं, आप अपनी मंजिल हासिल कर ही लेते हो। इन पंक्तियों को चरितार्थ करके दिखाया है सहारनपुर जिले की मशहूर बॉडीबिल्डर संजना डालक (Sanjana Dalak) ने। पुणे में हुई 52वीं एशियन बॉडी बिल्डिंग एंड फिजिक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में मिस एशिया फिटनेस का खिताब हासिल करने वाली संजना ने भारत की पहली बॉडी बिल्डिंग एंड फिजिक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप महिला बनने का गौरव भी हासिल किया । इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में 32 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इसके अलावा 2017 और 2018 में दो बार लगातार ‘मिस इंडिया फिटनेस मॉडल’ का खिताब भी अपने नाम किया है।
अपनी सफलता में कोच सुहेल राणा की अहम भूमिका का जिक्र करते हुए संजना ने बताया कि उन्होंने मेरा बहुत हौसला बढ़ाया। आर्थिक के साथ ही मानसिक मनोबल भी बढ़ाया, जब भी मैं निराश या हताश होती थी। 2015 से 2018 तक बहुत मुश्किलें आती रहीं । लेकिन मैंने हर मुसीबत का डटकर सामना किया और आगे बढ़ती रहीं।
साल 2018 में संजना ने पहली बार मिस एशिया खेला और पहली बार में ही गोल्ड मेडल जीता। वहीं से संजना की जिंदगी बिल्कुल बदल गई। हालात सुधरने लगे। इसके साथ ही 2019 में खेल कोटे से कस्टम विभाग में नौकरी लग गई।पापा का सपना था कि सरकारी नौकरी करूं। जबकि बचपन से ही मशहूर हस्ती बनना चाहती थीं। लेकिन कस्टम में नौकरी लग गई तो पापा का सपना भी पूरा हो गया। वहीं, बॉडी बिल्डिंग चैंपियन बनकर मेरा प्रसिद्ध होने का शौक भी पूरा हो गया। संजना ने कहा कि मेरी कामयाबी पर माता-पिता की दुआओं का असर है। जब पापा के ऑफिस में पेपर में लोग मेरी फोटो उनको दिखाते हैं तो खुशी से मुझ पर बहुत गर्व महसूस करते हैं।कुल मिलाकर पापा खुश तो मैं भी खुश।