Skip to content

The Xpress News

  • Home
  • धर्म अध्यात्म
  • Health
  • Blog
  • Toggle search form
  • PM Modi in Meera house
    PM Modi in Meera house : अयोध्या में मीरा के घर अचानक चाय पीने पहुंचे पीएम मोदी धर्म अध्यात्म
  • Ayodhya 30 December 2023
    Ayodhya 30 December 2023 : अयोध्या में विकास के नये युग का सूत्रपात Blog
  • Basant Panchami 2024
    विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को धर्म अध्यात्म
  • Maha Kumbh-2025
    Maha Kumbh-2025 : महाकुंभ के दौरान रेलगाड़ियों का आवागमन होगा और भी अधिक सुगम Maha Kumbh-2025
  • कर्क राशि
    वृषभ राशि वालों के लिए कैसा रहेगा नया साल, जाने डॉ. रोशनी टाक से धर्म अध्यात्म
  • Kartik Purnima
    Hartalika Teej 2024 : हरतालिका तीज की व्रत कथा धर्म अध्यात्म
  • इज्जतनगर रेलवे स्टेशन पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने श्रमदान कर स्वच्छता की अलख जगाई Railway
  • Surya Namaskar Week
    Surya Namaskar Week : सूर्य नमस्कार सप्ताह के चौथे दिन उत्साह पहुंचा चरम पर, देखें वीडियो Sports
कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक पूर्णिमा का जानें शुभ मुहूर्त, Know the auspicious time of Kartik Purnima

Posted on November 13, 2024 By Manish Srivastava No Comments on कार्तिक पूर्णिमा का जानें शुभ मुहूर्त, Know the auspicious time of Kartik Purnima

Aligarh : 15 नबम्बर 2024, शुक्रवार के दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 06:19 से लग रही है जो 15 नवंबर दिन शुक्रवार की रात 02:58 तक पूर्णिमा तिथि मान्य रहेगी। अतः देव दीपावली 15 नबम्वर शुक्रवार और कार्तिकी पूर्णिमा का व्रत भी 15 नवंबर शुक्रवार को ही मान्य रहेगा।

कार्तिक पूर्णिमा, त्रिपुरारी पूर्णिमा, देव दीपावली के विषय पर बता रहे हैं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार।
कार्तिक मास की पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने तारकाक्ष, कमलाक्ष व विद्युन्माली के त्रिपुरों का नाश किया था। त्रिपुरों का नाश करने के कारण ही भगवान शिव का एक नाम त्रिपुरारी भी प्रसिद्ध है। भगवान शिव ने कैसे किया त्रिपुरों का नाश, ये पूरी कथा इस प्रकार है।

ब्रह्माजी ने दिया था ये अनोखा वरदान शिवपुराण के अनुसार, दैत्य तारकासुर के तीन पुत्र थे- तारकाक्ष, कमलाक्ष वविद्युन्माली। जब भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया तो उसके पुत्रों को बहुत दुःख हुआ। उन्होंने देवताओं से बदला लेने के लिए घोर तपस्या कर ब्रह्माजी को प्रसन्न कर लिया। जब ब्रह्माजी प्रकट हुए तो उन्होंने अमर होने का वरदान मांगा, लेकिन ब्रह्माजी ने उन्हें इसके अलावा कोई दूसरा वरदान मांगने के लिए कहा
तब उन तीनों ने ब्रह्माजी से कहा कि- आप हमारे लिए तीन नगरों का निर्माण करवाईए।




हम इन नगरों में बैठकर सारी पृथ्वी पर आकाश मार्ग से घूमते रहें। एक हजार साल बाद हम एक जगह मिलें। उस समय जब हमारे तीनों पुर (नगर) मिलकर एक हो जाएं, तो जो देवता उन्हें एक ही बाण से नष्ट कर सके, वही हमारी मृत्यु का कारण हो। ब्रह्माजी ने उन्हें ये वरदान दे दिया। मयदानव ने किया था त्रिपुरों का निर्माणब्रह्माजी का वरदान पाकर तारकाक्ष, कमलाक्ष व विद्युन्माली बहुत प्रसन्न हुए। ब्रह्माजी के कहने पर मयदानव ने उनके लिए तीन नगरों का निर्माण किया। उनमें से एक सोने का, एक चांदी का व एक लोहे का था।

सोने का नगर तारकाक्ष का था, चांदी का कमलाक्षका व लोहे का विद्युन्माली का।अपने पराक्रम से इन तीनों ने तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया।इन दैत्यों से घबराकर इंद्र आदि सभी देवता भगवान शंकर की शरण में गए। देवताओं की बात सुनकर भगवान शिव त्रिपुरों का नाश करने के लिए तैयार हो गए। विश्वकर्मा ने भगवान शिव के लिए एक दिव्य रथ का निर्माण किया

ऐसे हुआ त्रिपुरों का नाश
चंद्रमा व सूर्य उसके पहिए बने, इंद्र,वरुण, यम और कुबेर आदि लोकपाल उस रथ के घोड़े बने हिमालय धनुष बने और शेषनाग उसकी प्रत्यंचा स्वयं भगवान विष्णु बाण तथा अग्निदेव उसकी नोक बनेउस दिव्य रथ परसवार होकर जब भगवान शिव त्रिपुरों का नाश करने के लिए चले तो दैत्यों में हाहाकर मच गया।दैत्यों व देवताओं में भयंकर युद्ध छिड़ गया।जैसे ही त्रिपुर एक सीध में आए,भगवान शिव ने दिव्य बाण चलाकर उनका नाश कर दिया त्रिपुरों का नाश होते ही सभी देवता भगवान शिव की जय-जयकार करने लगे त्रिपुरों का अंत करने के लिए ही भगवान शिव को त्रिपुरारी भी कहते हैं


https://youtu.be/C9kHNb9oZ60

धर्म अध्यात्म

Post navigation

Previous Post: Kartik Purnima 2024 : कार्तिक पूर्णिमा को दान करने से मिलता है कई गुणा लाभ, Know the importance of Kartik Purnima
Next Post: Badminton Competition : अंतर विद्यालय बैडमिंटन प्रतियोगिता में जय नारायण विद्या मंदिर बना चैंपियन

Related Posts

  • करवा चौथ
    करवा चौथ के साथ ही त्योहारों की खुशियों का आगाज धर्म अध्यात्म
  • Makar Sankranti 2025
    Makar Sankranti 2025 : 58 दिन बाणों की शैया पर बिताने के बाद मकर संक्राति को भीष्म पितामह ने त्यागे थे प्राण धर्म अध्यात्म
  • Hartalika Teej 2024
    Mangala Gauri Vrat : जानें मंगला गौरी व्रत के लाभ, पूजा विधि, कथा एवं आरती धर्म अध्यात्म
  • Hariyali Teej
    Akshay Trtiya : अक्षय तृतीया को शुभ कार्य करने हेतु पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती, जानें विस्तार से धर्म अध्यात्म
  • मकर संक्रांति
    Holi ka Shubh Muhort :होली की स्थापना एवं पूजन का शुभ मुहूर्त धर्म अध्यात्म
  • स्वच्छता प्रहरियों ने स्वच्छ और भव्य महाकुंभ का किया जयघोष धर्म अध्यात्म

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Delivery Scam
    सावधान! Delivery Scam कहीं आपको न बना ले शिकार, ऐसे जाल में फंसाते हैं शातिर, जानें बचाव का तरीका : आरती सिंह तंवर Crime
  • द्वितीय कॉस्को कानपुर डिस्ट्रिक्ट बैडमिंटन चैंपियनशिप का उद्घाटन Sports
  • Kartik Purnima
    Kartik Purnima 2024 : कार्तिक पूर्णिमा को दान करने से मिलता है कई गुणा लाभ, Know the importance of Kartik Purnima धर्म अध्यात्म
  • डॉ. मधुलिका शुक्ला
    कारगर इलाज के लिए चिकित्सक और मरीज के बीच भरोसा बहुत जरूरी : डॉ. मधुलिका शुक्ला Health
  • BJP candidate first list : पीएम का वाराणसी से चुनाव लड़ना पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात : योगी आदित्यनाथ, देखें पूरी लिस्ट Lok Sabha Election 2024
  • लोहड़ी पर्व
    Nag Panchami : पृथ्वी पर कैसे हुई नागों की उत्पत्ति, जानें प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित हृदयरंजन शर्मा से धर्म अध्यात्म
  • उत्तर प्रदेश में शीघ्र जारी होगी ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी UP Government News
  • Warm-up match rules : वार्म-अप मैच के नियम होते हैं बड़े ही रोचक Blog

Copyright © 2025 .

Powered by PressBook News WordPress theme