- उचित जांच के बाद सही लक्षणों के आधार पर होम्योपैथिक उपचार से त्वचा रोग को खत्म किया जा सकता है
- अनियमित दिनचर्या और असमय असंतुलित भोजन भी हो सकते हैं त्वचा संबंधित रोगों के कारण
कानपुर : त्वचा संबंधित रोगों के होने में प्रदूषण भी एक प्रमुख कारण है। और जिस तरह से आए दिन राकेट के माध्यम से उपग्रह भेजे जाते हैं तो इससे धरती के ऊपर ओजोन की परत खंडित होती है। ओजोन सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों को धरती पर आने से रोकती हैं जिससे हमारी त्वचा पर उसका दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन जगह-जगह ओजोन की परत खराब होने से अल्ट्रावायलेट किरणों का असर हमारी त्वचा पर भी पड़ रहा है, जिससे त्वचा संबंधित रोगों के होने की संभावना प्रबल हो जाती है। इसके अलावा अनियंत्रित, अनियमित और असंतुलित भोजन भी त्वचा संबंधित रोग होने का कारण है।
कानपुर की मशहूर होम्योपैथिक डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने कई प्रकार के त्वचा संबंधित रोगों के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मुहांसे एक आम त्वचा रोग है, जब त्वचा के नीचे के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। शरीर में मौजूद तेल त्वचा को सूखने से बचाता है। मृत त्वचा कोशिकाएं छिद्रों को बंद कर देती हैं और घावों का असर बढ़ने लगता है, जिन्हें आमतौर पर पिंपल कहा जाता है। वहीं, खुजली का रोग भी किसी अंतर्निहित स्थिति के लक्षण के कारण हो सकती है।
इसके कई संभावित कारण हो भी हो सकते हैं। अधिकांश आम लोगों में होने वाली एलर्जी, शुष्क त्वचा और किसी दवा के कारण शरीर की प्रतिक्रिया है। अगर खुजली छह सप्ताह या उससे ज़्यादा भी समय तक बनी रहती है, तो खुजली पुरानी हो सकती है।मेलास्मा एक त्वचा की स्थिति है जिसमें भूरे या नीले-भूरे रंग के धब्बे या झाई जैसे धब्बे होते हैं। दूसरी ओर मेलास्मा का रोग त्वचा का रंग बनाने वाली कोशिकाओं के ज्यादा उत्पादन के कारण ही होता है। इसी तरह से सोरायसिस का रोग एक बहुत तेजी से होने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होता है। यह रोग सूजन और त्वचा कोशिका वृद्धि चक्र को साइज में कम कर देता है।
प्लाक आमतौर पर कोहनी, घुटनों, पीठ, चेहरे, हथेलियों, पैरों और खोपड़ी पर होते हैं लेकिन वे कहीं भी दिखाई दे सकते हैं। वहीं अगर फंगल संक्रमण या माइकोसिस रोग की बात करें तो यह फंगस के कारण होता है। फंगल संक्रमण त्वचा या नाखूनों पर होना सबसे आमबात है, लेकिन फंगस मुंह, गले, फेफड़ों और शरीर के कई अन्य हिस्सों में भी संक्रमण पैदा कर सकता है।
डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि होम्योपैथिक उपचार से इन सभी प्रकार के रोगों को जड़ से खत्म किया जा सकता है। पर इसके लिए सही लक्षण बताने के साथ जरूरी जांचें कराना जरूरी है ताकि सही दिशा में इलाज हो सके।