Skip to content

The Xpress News

  • Home
  • धर्म अध्यात्म
  • Health
  • Blog
  • Toggle search form
  • योनेक्स सनराइज यूपी स्टेट जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप के दूसरे दिन के परिणाम Sports
  • Sports
    Sports : जय नारायण विद्या मन्दिर के सात खिलाड़ियों का राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में चयन Sports
  • ताइक्वांडो प्रतियोगिता
    ओडिशा राज्य ताइक्वांडो प्रतियोगिता 2024 के लिए कानपुर के सिद्धार्थ शर्मा बनाए गए तकनीकी अधिकारी Sports
  • सांसद खेल स्पर्धा
    सांसद खेल स्पर्धा में सुविज्ञा, प्रेक्षा और दक्ष ने जीते दोहरे खिताब Sports
  • Holi Special Trains : होली पर घर जाने पहले जान लें विशेष गाड़ियां Railway
  • Mahashivaratri 2025
    रात में शिवलिंग के पास जलाना चाहिए दीपक, जानिये क्यों धर्म अध्यात्म
  • डॉ अंजना सिंह सेंगर
    मॉरिशस के विश्व हिंदी सचिवालय में सम्मानित हुई डॉ अंजना सिंह सेंगर Motivation
  • Basant Panchami 2024
    महालया देवपितृकार्ये सर्वपितृ कार्ये शनैश्चरी अमावस्या 14 सितंबर को Blog

Relation of Shiva and Shravan : भगवान शिव को आखिर इतना क्यों पसंद है श्रावण मास

Posted on July 10, 2025July 10, 2025 By Manish Srivastava No Comments on Relation of Shiva and Shravan : भगवान शिव को आखिर इतना क्यों पसंद है श्रावण मास

Aligarh : भगवान शिव और श्रावण मास का आपस में बहुत गहरा संबंध (Relation of Shiva and Shravan) है। तो आइए आज आपको इस विषय पर विस्तृत जानकारी दे रहे हैं श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा जी।

सभी बारह महीनों का नाम बारह नक्षत्रों पर अधारित है और जिस तरह बारह राशियां होती है उसी तरह एक साल में बारह महीने भी होते हैं। श्रावण महीने का नाम श्रवण नक्षत्र पर अधारित है। जब भी श्रावण मास या श्रवण नक्षत्र का नाम आता है तब श्रवण कुमार की निःस्वार्थ माता – पिता की भक्ति याद आ जाती है। श्रवण नक्षत्र के स्वामी चन्द्रदेव और देवता भगवान विष्णु जी हैं। जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार में राजा बलि से तीन पग धरती मांगा था उस समय श्रवण नक्षत्र था। सावन या श्रावण साल का पांचवा महीना होता है और कुंडली का पांचवा भाव प्रेम, संतान, पूर्वपुण्य और ईष्ट देवता का होता है।

कहा जाता है कि जब समुद्र मंथन चल रहा था तो उस समय श्रावण मास था और जब मंथन से हलाहल विष निकला और भगवान शिव ने उसे ग्रहण किया तब माता पार्वती ने विष को उनके गले में रोक दिया था जिससे विष उदर तक नहीं पहुंच सका जिससे भगवान शिव नीलकंठ कहलाये लेकिन हलाहल विष गले में रुककर भगवान शिव को पीड़ा देने लगा।

उस पीड़ा से भगवान शिव को बचाने के लिए तीन घटनाये हुई  : 

चन्द्रदेव जो कि समुद्र मंथन से निकले थे वे भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान हुए जिससे भगवान शिव को शीतलता मिले और इसी कारण भगवान शिव को चंद्रशेखर कहा जाता है.

देवताओ ने वर्षा की ताकि भगवान शिव को शीतला मिले इसीलिए सावन मास में भगवान शिव को जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है.

उस समय का भगवान शिव का कोई महान भक्त (शायद रावण) कांवर में गंगाजल लेकर आया और भगवान शिव को चढ़ाया जिससे भगवान शिव हलाहल विष से पीड़ामुक्त हुए.




सावन मास में ही मार्कंडेय ऋषि ने भगवान शिव की तपस्या की थी.

जिस तरह सतयुग में ब्रह्मा जी का, त्रेतायुग में सूर्यदेव का और द्वापर युग में विष्णु भगवान का अधिपत्य या प्रभाव अधिक है उसी तरह कलियुग में गौरीपति भावगन शिव का विशेष महत्व है.

भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता है लेकिन अषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी जिसे देवयानी एकादशी कहते हैं से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं जिससे सृष्टि के पालन की जिम्मेदारी भगवान शिव पर आ जाती है। इसलिए भी सावन मास में भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है। वैसे तो भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत है लेकिन कलियुग में भगवान शिव पृथ्वी छोड़ किसी अन्य लोक में चले गए लेकिन सावन महीने में वे अपने ससुराल (हिमालयराज के घर) आते हैं और पूरा सावन मास यहीं व्यतीत करते हैं। इसलिए सावन मास में कुँवारे हो या शादीशुदा, स्त्री हो या पुरुष सभी भगवान शिव की उपासना कर प्रेम की कामना करते हैं।

सावन मास में नये व्रतों की शुरुआत करना अच्छा माना जाता है.

सावन मास में सोमवार का दिन हो श्रवण या मघा नक्षत्र हो उस दिन कन्याए सोलह सोमवार के व्रत का संकल्प लेकर सोमवार व्रत की शुरुआत करे तो तो भगवान भोलेनाथ शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और सुयोग्य एवं मनोवांछित वर का आशीर्वाद देते हैं। भगवान शिव को आक, कनेर, बेला, जूही, धतूरा और चमेली के फूल अति प्रिय है साथ में शमी के पत्ते एवं फूल और दूर्वा भी भगवान शिव को अति प्रिय है।

सबसे अधिक प्रिय है बेलपत्र…..और यदि बेलपत्र पर राम नाम लिख कर शिव जी को चढ़ाया जाय तो भगवान बहुत प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव और भगवान विष्णु में अन्तर नहीं करना चाहिए….जो भगवान शिव की पूजा करता है और भगवान विष्णु की निंदा या भगवान विष्णु की पूजा करता है और शिव जी की निंदा उस पर कोई भी प्रसन्न नहीं होता और उसका पतन निश्चित है। सावन का महीना प्रेम और भक्ति का है…..प्रेम से भगवान शिव की आराधना करके प्रेम की कामना करिये।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें…

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार वाले पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर.9756402981,7500048250

धर्म अध्यात्म Tags:Maha Shivratri 2025, Relation of Shiva and Shravan

Post navigation

Previous Post: मकान की नींव में सर्प और कलश आखिर क्यों गाड़े जातें हैं? जानें पं. हृदय रंजन शर्मा जी
Next Post: घर में शिवलिंग स्थापित करने के विषय में सोच रहे हैं तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान

Related Posts

  • Shravan month special
    Shri Ganesh-lakshmi worship : माता लक्ष्मी को मनाने के लिए करें ये उपाय धर्म अध्यात्म
  • Shravan month special
    Sakat Chauth Katha : सकट चौथ की पूजा एवं कथा के विषय में पंडित हृदय रंजन शर्मा से धर्म अध्यात्म
  • Ayodhya
    Ayodhya :अयोध्या में अब सुग्रीव पथ बनवाएगी योगी सरकार धर्म अध्यात्म
  • Importance of the month of Vaishakh
    Mohini Ekadashi 2024 : मोहिनी एकादशी के व्रत से मोह माया से मुक्ति और मोक्ष की होती है प्राप्ति धर्म अध्यात्म
  • मकर संक्रांति
    Holi ka Shubh Muhort :होली की स्थापना एवं पूजन का शुभ मुहूर्त धर्म अध्यात्म
  • Worship of Ravana
    Worship of Ravana : कानपुर में होती है रावण की पूजा, साल में सिर्फ दशहरा में खोला जाता है दशानन मंदिर धर्म अध्यात्म

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • PM Modi in Ayodhya : मोदी जो कहता है उसे पूरा करने के लिए जीवन खपा देता है : प्रधानमंत्री Blog
  • भावना रोकड़े की अदाकारी पर फिदा हैं लाखों फैन्स मनोरंजन
  • प्रदेश की 25 करोड़ जनता की ओर से पीएम का काशी में अभिनंदन : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Blog
  • Badminton Competition
    Badminton Competition : जय नारायण के शटलर एक बार फिर राष्ट्रीय बैडमिंटन में Sports
  • डॉक्टर मधुलिका शुक्ला
    सुबह टहलना या दौड़ना सेहत के लिए फायदेमंद : डॉक्टर मधुलिका शुक्ला Health
  • डॉक्टर मधुलिका
    डॉक्टर की एक स्माइल मरीज के लिए दवा से अधिक असरदार होती है : डॉ. मधुलिका शुक्ला Health
  • वंदे भारत एक्सप्रेस
    नौकरी पेशा और विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित होगी नई वंदे भारत एक्सप्रेस Blog
  • द्वितीय कॉस्को कानपुर डिस्ट्रिक्ट बैडमिंटन चैंपियनशिप में हुए रोमांचक मुकाबले Sports

Copyright © 2025 .

Powered by PressBook News WordPress theme