- गांठ के लक्षणों से राहत पाने के लिए होम्योपैथी कारगर उपचार
- घरेलू नुस्खे की बजाय डॉक्टर से उचित परामर्श करना जरूरी
कानपुर: वर्तमान समय में हर इंसान जिंदगी में सबकुछ हासिल करने के लिए दिन और रात भागदौड़ कर रहा है। वो चाहे पुरुष हों या महिलाएं सभी अतिव्यस्तता के कारण स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। महिलाओं में भी अच्छे स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता उनको अक्सर बीमारियों से ग्रसित कर देती है। जैसे इस समय ब्रेस्ट में गांठ होने की समस्या से अधिकांश महिलाएं पीड़ित हैं।
महिलाओं की इस गंभीर बीमारी पर विस्तृत चर्चा करते हुए कानपुर की मशहूर होम्योपैथिक डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि अनियमित दिनचर्या और असंतुलित भोजन के साथ ही पर्याप्त नींद नहीं लेने के कारण अधिकांश महिलाओं के ब्रेस्ट में गांठ होने की समस्या हो रही है। महिलाओं में ब्रेस्ट में गांठ होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे ब्रेस्ट सिस्ट, फाइब्रोएडीनोमा और ब्रेस्ट संक्रमण आदि। लेकिन सही समय पर जानकारी होने पर ब्रेस्ट की गांठ का इलाज करवाने से ब्रेस्ट कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता हैं।
डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि गांठ के लक्षणों से राहत पाने के लिए होम्योपैथी में इलाज कराना अच्छा तरीका है। होम्योपैथिक उपचार सुरक्षित और प्रभावी होने के कारण दर्द से राहत तो दिलाता ही है साथ ही यह सुनिश्चित भी करता है कि इसका प्रभाव शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों तक न फैले। अधिकांश महिलाओं के ब्रेस्ट की गांठ का आकार और बनावट दोनों अलग-अलग होते हैं और कुछ मामलों में इनमें दर्द भी हो सकता है। ब्रेस्ट सिस्ट और फाइब्रोएडीनोमा, ब्रेस्ट में गांठ होने के दो प्रमुख कारण हैं। अन्य कारणों में फैट नेक्रोसिस और स्क्लेरोसिंग एडेनोसिस शामिल हो सकते हैं।
इस विषय में और जानकारी देते हुए डॉक्टर मधुलिका ने बताया कि अगर आपको गांठ दिखती है, तो जल्द से जल्द चिकित्सक के पास जाना चाहिए। हालांकि घातक कैंसर सौम्य गांठों की तुलना में कम ही होता हैं, लेकिन जल्दी पता लगाना बहुत ज़रूरी है। यह जानने का सिर्फ बहुत ही विश्वसनीय तरीका है कि आपकी गांठ सौम्य है या घातक है , इसके लिए मैमोग्राम और स्तन के अल्ट्रासाउंड टेस्ट जरूर कराना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ब्रेस्ट में गांठ होने पर किसी भी प्रकार के घरेलू नुस्खे का प्रयोग करने पहले डॉक्टर से चिकित्सीय परामर्श जरूर करना चाहिए।
ध्यान देने वाली बात यह है कि किसी भी प्रकार का इलाज डॉक्टर की देखरेख में ही कराना चाहिए। कभी-कभी मामूली सा दिखने वाली गांठ कई बार खतरनाक रूप ले लेती है। इसलिए बहुत ही सतर्क रहने की आवश्यकता है। डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि ब्रेस्ट में गांठ होने पर यदि महिलाएं होम्योपैथी की दवा लेती हैं तो इसका असर एक से दो दिनों के भीतर ही दिखने लगता है। वहीं क्रोनिक बीमारी यानि पुरानी बीमारी जैसे-लिवर, किडनी, आंत, गठिया जैसी ऐसी बीमारी हैं तो होम्योपैथिक दवा का प्रभाव दिखने में आठ से दस महीने का भी समय लग सकता है।
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