- बचपन में ही पिता को खो देने के बाद खुद को बहुत मजबूत किया
- आज पंजाब के युवकों को अपने जिम में कर रही हैं प्रशिक्षित
मोहाली: एक मां अपने बच्चों को सभी सुख देने और जीवन संवारने के लिए दुनिया का हर कष्ट खुशी-खुशी बर्दाश्त कर लेती है। इन पंक्तियों को चरितार्थ करके दिखाया है प्रीति अरोड़ा की मां बलजिंदर कौर ने। मोरिंडा की प्रीति अरोड़ा ने बाडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में जब मिस इंडिया का खिताब जीता तो उन्होंने इसका पूरा श्रेय अपनी मां को दिया।
खिताब जीतकर अपने राज्य पंजाब का नाम रोशन करने वाली प्रीति ने विशेष बातचीत में बताया कि जब वह बहुत छोटी थी तभी पिता का सिर से साया उठ गया था। फिर मां ने लोगों के घरों में काम करके उन्हें पाल पोसकर बड़ा किया।
प्रीति ने बताया कि उनका जीवन इतना आसान नहीं था। पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए पहलवानी यानी बाडी बिल्डिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का मन बनाया। जिस जिम ने उन्हें आज पहचान दिलाई है, वहीं वह एक हजार रुपये में नौकरी भी करती थीं।
बाडी बिल्डिंग के क्षेत्र में करियर बनाना काफी महंगा है क्योंकि नियमित रूप से अच्छी डाइट के लिए बहुत पैसों की जरूरत होती है। लेकिन प्रीति अरोड़ा ने हिम्मत नहीं हारी और अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन और रात कड़ी मेहनत की और अपना जीवन संवारा।
उन्होंने युवाओं खासतौर पर लड़कियों को विशेष सलाह देते हुए कहा कि जीवन में जो इंसान लक्ष्य लेकर चलता है, वही सफल होता है। क्योंकि बिना लक्ष्य के किया गया कोई भी कार्य सफल नहीं होता है। एक खास बात यह भी है कि कड़ी मेहनत और लगन के साथ-साथ खुद पर विश्वास होना भी बहुत जरूरी है।
वर्तमान समय में खुद का जिम चला रही प्रीति पंजाब के युवकों को प्रशिक्षण दे रही हैं ताकि वो भी उनकी तरह अपने शहर और राज्य का नाम देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रोशन कर सकें।