गोरखपुर: सुश्री सौम्या माथुर ने 01 नवंबर को पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण कर लिया। इसके पूर्व, वह रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली में अपर सदस्य (वित्त) के पद पर कार्यरत थीं। 1952 में पूर्वोत्तर रेलवे के गठन के पश्चात सुश्री माथुर पूर्वोत्तर रेलवे की प्रथम महिला महाप्रबंधक हैं।
महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण करने के बाद सुश्री माथुर ने अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करते हुए कहा कि संरक्षा, समय पालन, कुशल ट्रेन संचालन एवं कर्मचारी कल्याण में सुधार के साथ ही चल रही इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं और अमृत स्टेशनों के कार्यों में तेजी लाना है। उन्होंने ग्राहक संतुष्टि के उच्च स्तर को प्राप्त करने के लिए जन परिवादों को न्यून करने की आवश्यकता पर बल दिया।
सौम्या माथुर ने भारतीय रेल लेखा सेवा (आईआरएएस) के 1987 बैच के माध्यम से रेल सेवा में प्रवेश किया। आपकी पहली नियुक्ति वडोदरा, पश्चिम रेलवे में हुई। तत्पश्चात आपने पश्चिम, उत्तर एवं मध्य रेलवे पर लेखा विभाग के अनेक महत्वपूर्ण पदों के उत्तरदायित्वों का निर्वहन बखूबी किया।
सुश्री माथुर ने अपर मण्डल रेल प्रबंधक, पश्चिम रेलवे/मुम्बई सेन्ट्रल, मण्डल रेल प्रबन्धक, उत्तर पश्चिम रेलवेध्जयपुर, प्रधान वित्त सलाहकार/ मेट्रो रेलवे/कोलकाता तथा प्रधान वित्त सलाहकार/दक्षिण पूर्व रेलवे/कोलकाता जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कुशलतापूर्वक कार्य किया।
मंडल रेल प्रबंधक/जयपुर के रूप में, सौम्या माथुर ने जयपुर स्टेशन को पूरी तरह से बदल दिया। जिसके परिणामस्वरूप जयपुर स्टेशन प्लैटिनम ग्रीन रेटिंग प्राप्त करने वाला पहला स्टेशन बना। उनके कार्यकाल के दौरान स्वच्छता सर्वेक्षण में शीर्ष रेटिंग प्राप्त हुई।
उन्होंने गांधीनगर जयपुर को पूर्ण रूप से महिला मुख्य लाइन स्टेशन के रूप में भी सफलतापूर्वक संचालित कराया। रेलवे बोर्ड द्वारा बदलाव की पहल के लिये आपको बेस्ट चेंज एजेंट फॉर ट्रांसफॉर्मेशन इनिशिएटिव का विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया।
उन्होंने जेआईसीए (जापान), आईएनएसईएडी (सिंगापुर) एवं आईसीएलआईएफ (मलेशिया) में उच्च प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिया है। उन्हें रेल प्रशासन एवं प्रबंधन का गहन अनुभव है।
यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने दी।