अलीगढ़ (Pitr Paksh 2025) : पूर्णिमा रविवार को यानी 07 सितंबर 2025 पूरे दिन रहेगी। इस दिन खग्रास चंद्र ग्रहण होने के कारण दोपहर 12:40 तक ही पूर्णिमा का श्राद्ध मान्य रहेगा। इसके बाद ग्रहण की सूतक प्रारंभ हो रही है। अतः पूर्णिमा का श्राद्ध 07 सितंबर, कोही माना जाएगा और प्रतिपदा पड़वा का श्राद्ध 08 सितंबर को ही माना जाएगा। श्राद्ध पक्ष पितृपक्ष के विषय में विस्तृत जानकारी दे रहे है प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परमपूज्य गुरूदेव पंडित ह्रदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़।
भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 07 सितम्बर 2025 दिन रविवार से अश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या 21 सितम्बर 2025 दिन रविवार तक श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष )रहेगा। वर्ष 2025 में इस बार तृतीया और चतुर्थी का श्राद्ध एक ही दिन यानी 10 सितंबर को ही माना जाए, क्योंकि सप्तमी तिथि इस बार रिक्ता तिथि के रूप में पड़ रही है। श्राद्ध पक्ष वास्तव में पितरों को याद करके उनके प्रति श्रद्धा भाव प्रदर्शित करने और नई पीढ़ी को अपने प्राचीन वैदिक और पौराणिक संस्कृति से अवगत कराने का पुण्य पर्व है। और यही नहीं पित्रों का श्राद्ध करने से जन्म कुंडली में व्याप्त पितृदोष से भी हमेशा के लिए छुटकारा मिलता है।
जिस मनुष्य को अपने माता-पिता की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो तो वह पितृ पक्ष की अमावस्या के दिन विधिपूर्वक श्राद्ध कर सकता है या प्रत्येक माह में आने वाली अमावस्या तिथि को दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके जल द्वारा तर्पण किया जा सकता है। इससे पितर तृप्तऔर सन्तुष्ट होते है पापों की मुक्ति के लिए भी श्राद्ध कर्म करना श्रेष्ठ माना गया है। कहतेहैं कि जो मनुष्य अपने पूर्वजों का श्राद्ध श्रद्धा पूर्वक नहीं करता या बे मन से करता है। उसके द्वारा की गई की गई पूजा पाठ को भगवान भी स्वीकार नहीं करते हैं श्राद्ध करते समय किसी भी प्रकार का दिखावा या आडंबर नहीं करना चाहिए व्यक्ति को अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार ही श्राद्ध में दान आदि करना उचित है धन के अभाव में घर में निर्मित खाद्य पदार्थ को अग्निदेव को समर्पित करके जल से तर्पण करते हुए गौ माता को खिलाकर भी श्राद्ध कर्म पूरा किया जा सकता है।
पितृ कार्य के लिए दोपहर का समय सर्वोत्तम समय समझा जाता है क्योंकि पित्रों के लिए मध्यान दोपहर ही भोजन कासर्वोत्तम समय है पूर्वाहन में सॉयकाल रात्रि चतुर्दशी तिथि और परिवार में किसी सदस्य या स्वयं के जन्मदिन के दिन श्रादृ कभी नहीं करना चाहिए ब्राह्मण भोजन से पहले पंचवली यानी गाय, कुत्ता कौआ, देवता और चीटियों के लिए भोजन सामग्री पत्ते या दोंने में अवश्य निकालें जिस घर में पितरों का श्राद्ध होता है उनके सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं घर परिवार, व्यवसाय तथा आजीविका में उन्नति होती है साथ ही शिक्षा व्यापार अथवा वंश वृद्धि में आ रही रुकावटें हमेशा के लिए दूर हो जाती हैं।
इस वर्ष श्राद्ध की तिथियां
पितृ पक्ष 2025 : 07 सितंबर से 21 सितम्बर तक रहेगा।
प्रतिपदा श्राद्ध 08 सितंबर
द्वितीया श्राद्ध 09 सितंबर
तृतीय श्राद्ध 10 सितंब र दोपहर 03 :38 मिनट तक
चतुर्थी श्राद्ध 10 सितंबर दोपहर 12:45 तक
पंचमी श्राद्ध 11 सितंबर ,भरणी श्राद्ध
षष्ठी श्राद्ध 12 सितम्वर
सप्तमी श्राद्ध 13 सितम्बर
अष्टमी श्राद्ध 14 सितंबर
मातृ नवमी 15 सितंबर इस दिन सुहागन मृत स्त्रियों का श्राद्ध करना शुभ माना जाता है, सौभाग्यवती स्त्री श्राद्ध
दशमी श्राद्ध 16 सितम्बर
एकादशी श्राद्ध 17 सितंबर
द्वादशी श्राद्ध 18 सितंबर, संन्यासियों केलिए श्राद्ध
त्रयोदशी श्राद्ध 19 सितंबर
चतुर्दशी श्राद्ध। 20 सितम्बर शस्त्र आदि से विष जलागिन जीव जंतुओं के दंश काटने अल्प मृत्यु वालों के लिए यह श्राद्ध उत्तम माना जाता है मृतव्यक्तियोंका
पितृ विसर्जन 21अक्टूबर सर्वपितृ अज्ञात भूले बिछड़े तिथि वालों का श्राद्ध सर्व पितृकार्ये शनिश्चरी अमावस्या
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