- होम्योपैथिक उपचार में कभी भी ज्यादा नहीं बल्कि वाजिब समय लगता है
- चिकित्सक के परामर्श का हमेशा शत-प्रतिशत पालन करना चाहिए
- नियम से रहने वाले लोग जीवन में कभी भी बीमार नहीं होते हैं
कानपुर : किसी भी रिश्ते की बुनियाद भरोसे पर ही कायम होती है। भरोसा यानी विश्वास एक दो दिन में नहीं बल्कि थोड़ा वक्त लगता है। और यह प्रमुख बात समाज में हर जगह लागू होती है। इसमें चिकित्सा जगत भी आता है। क्योंकि जब तक मरीज और उसके परिवार के लोगों यानी तीमारदार को अपने डॉक्टर पर भरोसा नहीं होगा तब तक उचित दिशा में कारगर इलाज हो पाना संभव नहीं है।
इन महत्वपूर्ण बातों की चर्चा करते हुए कानपुर की प्रतिष्ठित होम्योपैथिक डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने विस्तार से बताया कि मरीज और तीमारदार में भरोसा या दृढ़ विश्वास कायम करना इलाज करने वाले चिकित्सक यानी डॉक्टर की प्राथमिकता होती है। उसका सबसे पहला कर्तव्य यही होता है कि वह मरीज को यह बताने और समझाने में पूरी तरह सफल हो कि वह सही जगह इलाज कराने आया है और यदि संबंधित बीमारी उनके अनुभव से बाहर तो वह किसी भी प्रकार से यह स्पष्ट कर दें कि उनका इलाज यहां नहीं बल्कि अन्य चिकित्सक से संपर्क कर सलाह लें।
इसमें यह भी एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि मरीज की की भी पूरी जिम्मेदारी होती है कि वह भी अपने डॉक्टर से कुछ भी छिपाए नहीं। जैसे कितने दिनों से वह बीमार है, बीमारी के क्या लक्षण हैं, उसे क्या परेशानियां हो रही हैं, उसने अभी तक कोई दवा ली है कि नहीं और इससे पहले भी उसने किसी अन्य डॉक्टर से कोई इलाज करवाया है या नहीं। अगर करवाया है तो पिछली सभी रिपोर्ट को भी वर्तमान में डॉक्टर को दिखाने के साथ ही अपनी पूरी बात विस्तार से बतानी चाहिए। क्योंकि जब तक बीमारी के सही लक्षण, सही समय में नहीं पता चलेंगे तब तक उचित दिशा में सफल इलाज नहीं हो पाएगा।
अपनी बात को जारी रखते हुए डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि होम्योपैथिक में सभी बीमारियों का कारगर इलाज है। मुझस अक्सर मरीज या उसके परिवार के लोग यह पूछते हैं कि क्या होम्योपैथिक में बीमारी को ठीक होने में ज्यादा वक्त लगता है। इसलिए मैं यह भ्रम दूर करना चाहती हूं कि होम्योपैथिक उपचार कराने में ज्यादा समय नहीं लगता है। ऐसा बिल्कुल नहीं है। होम्योपैथिक उपचार में ज्यादा नहीं बल्कि वाजिब समय लगता है जिससे कोई भी बीमारी हमेशा के लिए समाप्त हो सके और जीवन में कभी भी दोबारा उभर कर नहीं आए।
एलोपैथिक में बीमारी से त्वरित लाभ तो मिल जाता है पर बीमारी के दोबारा उभरने की संभावना बनी रहती है। इसलिए मेरी सबको यही सलाह है कि अपने फैमिली डॉक्टर के दिए हुए परामर्श का हमेशा पालन कीजिए ताकि आप जल्द स्वस्थ हो सके और यदि चिकित्सक के नियमों का पालन करेंगे तो स्वाभाविक है कि आप जीवन में कभी भी बीमार नहीं होंगे।