- हरियाणा से भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र बांगड़ा ने दिया विवादित बयान
- कहा- पर्यटक अगर आतंकवादियों का मुकाबला करते तो नहीं होतीं इतनी मौतें
भिवानी, एजेंसी
हरियाणा से भाजपा के राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा शनिवार को पहलगाम आतंकी हमले को विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, पर्यटकों को संघर्ष करना चाहिए था। आतंकी हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं को भी ‘वीरांगना’ की तरह व्यवहार करना चाहिए था। राज्यसभा सदस्य के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है।
सांसद जांगड़ा शनिवार को भिवानी में अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। जांगड़ा ने जनसभा को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि अगर पर्यटकों ने अग्निवीर प्रशिक्षण लिया होता तो जान गंवाने वाले लोगों की संख्या कम होती। भाजपा सांसद ने कहा कि जिन महिलाओं ने आतंकी हमले में अपने पतियों को खोया, उनमें तब ‘वीरांगनाओं’ के भाव की ‘कमी’ थी।
जांगड़ा ने कहा, वहां जो हमारी वीरांगनाएं बहन थीं, जिनकी मांग का सिंदूर छीन लिया गया, उनमें वीरांगनाओं को भाव ही नहीं था, जोश नहीं था, जज्बा नहीं था। इसलिए हाथ जोड़कर गोली का शिकार हो गए। उन्होंने कहा, हाथ जोड़ने से कोई छोड़ता नहीं है। हमारे आदमी वहां पर हाथ जोड़कर मारे गए। भाजपा सांसद ने कहा कि अगर हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं ने होलकर का इतिहास पढ़ा होता तो कोई भी उनके सामने उनके पतियों को इस तरह नहीं मारता। अगर यात्री ट्रेनिंग पास किए होते तो तीन उग्रवादी 26 लोगों को नहीं मार सकते थे। भाजपा सांसद ने अग्निवीर योजना का जिक्र करते हुए कहा कि अगर प्रत्येक पर्यटक ने अग्निवीर का प्रशिक्षण लिया होता तो वे आतंकवादियों को घेर सकते थे और जान गंवाने वाले लोगों की संख्या भी कम होती।
जांगड़ा ने बाद में कहा कि पर्यटकों को आतंकवादियों से मुकाबला करना चाहिए था।
जांगड़ा ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, बिल्कुल लड़ना चाहिए था। और अगर लड़ते, तो कम शहादत होती और कम लोग मारे जाते। हाथ जोड़ने से कौन छोड़ता है। वो तो मारने के लिए आए थे..वे तो आतंकवादी थे। उनके दिल में दया थोड़ी थी। अगर पर्यटक लड़ते, तो कम मौतें होतीं।