- सांस फूलने या अन्य लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर के पास जाकर जांच कराएं
- अपने अनुसार मेडिकल स्टोर से कोई भी दवा लेने से परहेज करना चाहिए
- शरीर के वजन को संतुलित रखने के लिए बैलेंस डाइट और नियमित एक्सरसाइज आवश्यक
कानपुर : वर्तमान समय में हर इन्सान अपनी योग्यता और जरूरत के हिसाब से जीवन में तरक्की करने के प्रयास में दिन और रात कठिन परिश्रम कर रहा है। इस वजह से वह अपने स्वास्थ्य पर पूर्णतया ध्यान नहीं दे पा रहा है। न समय से भोजन करना, न समय से विश्राम या पूरी नींद लेना। इतना ही भोजन में जरूरी पोषक तत्व पर भी ध्यान न देना। इस वजह से अधिकांश लोग मानसिक तनाव के कारण ब्लड प्रेशर यानी रक्त चाप की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। इस विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए कानपुर की मशहूर होम्योपैथिक डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि रक्तचाप वह बल है जो आपका रक्त आपकी धमनियों में प्रवेश करने के लिए उपयोग करता है। जब आपका हृदय पंप करता है, तो यह ऑक्सीजन युक्त रक्त को आपकी धमनियों में धकेलने के लिए बल का उपयोग करता है। वे इसे आपके शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों तक पहुंचाते हैं।
जब इन्सान तनाव में होता है तो परिस्थितियां विकट हो जाती हैं। तनाव के उच्च स्तर से रक्तचाप में अस्थायी वृद्धि हो सकती है। इसके प्रमुख कारण अधिक खाना, तंबाकू का सेवन या शराब पीना है। किडनी रोग, मधुमेह और स्लीप एपनिया कुछ ऐसी स्थितियां हैं जो उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर आपकी सांस हमेशा फूलती रहती है या फिर आप किसी भी काम को करने में परेशान हो जाते हैं और सांस फूलने लगती है तो यह अधिक हाई बीपी के लक्षण हो सकते हैं। कमजोरी और थकान महसूस करना, गंभीर सिरदर्द भी ज्यादा ब्लड प्रेशर के लक्षण हो सकते हैं।
डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि ऐसे किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर के पास जाकर ठीक से जांच करवानी चाहिए। उनकी सलाह पर ही संबंधित दवा का प्रयोग करना चाहिए। कोई भी दिक्कत होने पर अपने अनुसार मेडिकल स्टोर से दवा लेने से परहेज करना चाहिए। दवा के अलावा ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की भी जरूरत है। हमेशा संतुलित आहार ही लेना चाहिए, कभी भी किसी भी प्रकार का नशा मत कीजिए और शरीर के वजन को हमेशा संतुलित रखने के लिए नियमित एक्सरसाइज भी जरूरी है। संतुलित आहार में साबुत अनाज, फल, सब्जी और जूस को नियमित पीना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है अपने जीवन में किसी बात को लेकर मानसिक तनाव को हावी नहीं होने देना चाहिए और पूरी नींद नियमित लेनी चाहिए।